लापरवाही की हद! '17 में से 4 स्टाफ' देखकर भड़कीं कलेक्टर! तुरंत नर्स सस्पेंड, बोली- 'PHC में इलाज होता है या छुट्टी?' 13 पर लटकी तलवार    

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा (Rewa) जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में घोर लापरवाही उजागर हुई है, जब कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) बीड़ा का अचानक निरीक्षण किया। इस औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्था और कर्मचारियों की अनियमितता सामने आई, जिसके बाद कलेक्टर ने तत्काल और कठोर कार्रवाई की है।

निरीक्षण के दौरान गंभीर अनियमितताएं मिलने पर, वहाँ पदस्थ स्टाफ नर्स राजूदेवी साकेत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। कलेक्टर ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि मरीजों से जुड़ी लापरवाही और ड्यूटी से नदारद रहने जैसे कृत्य किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

बीड़ा PHC में स्वीकृत स्टाफ और उपस्थिति: 17 में से केवल 4 
जब कलेक्टर प्रतिभा पाल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बीड़ा का दौरा किया, तो उन्हें कर्मचारियों की उपस्थिति में बड़ी खामी मिली। स्वास्थ्य केंद्र में कुल 17 कर्मचारियों का स्टाफ स्वीकृत है, लेकिन मौके पर केवल 4 चिकित्सकीय कर्मचारी ही उपस्थित मिले। यह 75% से अधिक कर्मचारियों की अनुपस्थिति ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाती है।

कलेक्टर ने इस अत्यधिक अनुपस्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर जब्त कर लिया है और मौके पर अनुपस्थित पाए गए सभी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी का निर्वाह ठीक से करें।

सवाल यह है कि बीड़ा पीएचसी में कितने कर्मचारी अनुपस्थित थे? स्वीकृत 17 स्टाफ में से केवल 4 उपस्थित थे, यानी 13 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।

मरीजों और परिजनों की शिकायत: इलाज में देरी और स्टाफ नर्स का निलंबन 
कलेक्टर के निरीक्षण के दौरान, मरीजों और उनके परिजनों ने स्टाफ की लापरवाही के बारे में सीधी शिकायत की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ समय पर नहीं आता और इस कारण इलाज शुरू होने में अनावश्यक देरी होती है। मरीजों की शिकायत थी कि उन्हें उचित देखभाल नहीं मिल रही है।

मरीजों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, कलेक्टर ने तुरंत कठोर कदम उठाया। क्या रीवा कलेक्टर ने स्टाफ नर्स को क्यों सस्पेंड किया है? उन्होंने स्टाफ नर्स राजूदेवी साकेत को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया। यह कार्रवाई बताती है कि जनता के प्रति जवाबदेही में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

नवजात टीकाकरण में गंभीर लापरवाही: समय पर टीके क्यों नहीं लगे? 
निरीक्षण के दौरान एक और गंभीर और संवेदनशील लापरवाही सामने आई। कलेक्टर ने नवजात शिशुओं के टीकाकरण रिकॉर्ड की गहनता से जाँच की। इस जाँच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कई नवजातों को जन्म के बाद लगने वाले महत्वपूर्ण टीके निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं लगाए गए हैं।

टीकाकरण (Immunization) बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसमें किसी भी तरह की देरी उनके भविष्य के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकती है। कलेक्टर ने इस जीवन-संबंधी लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने टीकाकरण व्यवस्था को तुरंत और प्रभावी ढंग से सुधारने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही पर कलेक्टर क्या कर रही हैं? यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में हर बच्चे को समय पर टीके लगें।

कलेक्टर की चेतावनी: आगे भी जारी रहेंगे औचक निरीक्षण
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने PHC बीड़ा को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केन्द्र बताते हुए, यहां नियमित उपस्थिति और बेहतर सेवा की आवश्यकता पर जोर दिया। 
उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी से निभाएं।

कलेक्टर प्रतिभा पाल के औचक निरीक्षण का क्या असर हुआ? उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे औचक निरीक्षण लगातार जारी रखे जाएंगे और यदि फिर से कमी या लापरवाही पाई गई तो कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत पहल है। स्वास्थ्य विभाग में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? कलेक्टर द्वारा निरंतर औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं और लापरवाह कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।

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