एक्शन मोड में रीवा कलेक्टर : अब बच्चों से भीख मंगवाना पड़ेगा महंगा, 25 मई से 9 जून तक चलाएगा जायेगा विशेष अभियान

 
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रीवा के सड़क-चौराहों में अक्सर कम उम्र के बच्चे भिक्षावृत्ति करते हुए नजर आते हैं। जिसे रोकने के लिए जिला प्रशासन अब 25 मई से 9 जून तक विशेष अभियान चलाएगा। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि मंदिरों, चौराहों और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कई बार ऐसे बच्चे देखने को मिलते हैं। जो यह कहकर भीख मांगते हैं कि मैं बहुत भूखा हूं। बच्चों की हालत देखकर ज्यादातर लोग इन्हें पैसे देते भी हैं। लेकिन बच्चों को भिक्षा की नहीं बल्कि शिक्षा की जरूरत है। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना सामाजिक ही नहीं कानूनन अपराध है।

बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने पर सजा का प्रावधान है। इस तरह के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए जिले में महिला बाल विकास विभाग दूसरे विभागों के सहयोग से अभियान चलाएगा। अगर कोई बच्चा बेसहारा है तो उसके पुनर्वास के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की कई योजनाएं हैं। बाल संरक्षण गृह और वन स्टॉप सेंटर में ऐसे बच्चों के पुनर्वास की व्यवस्था है।

शुक्रवार को इस अभियान को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक रखी गई। बैठक में बच्चों की भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने और बेसहारा बच्चों के पुनर्वास पर चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना एक सामाजिक समस्या है।

कार्यक्रम अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम का गठन किया है। जो बेसहारा बच्चों और भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के रेस्क्यू और पुनर्वास का काम करेगी। टीम धार्मिक स्थानों, सार्वजनिक स्थानों और शहर के आस-पास बेसहारा बच्चों की तलाश करेगी। इस अभियान में कई गुमशुदा बच्चे भी उनके परिवारों तक पहुंचाए जा सकते हैं। जो लोग बच्चों से भिक्षावृत्ति करवा रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी। रेस्क्यू किए गए बच्चों के पढ़ने के साथ रहने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी।

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