REWA : बगावत एक्सप्रेस ने पकड़ी रफ्तार, अमहिया कांग्रेस के चश्मोचिराग ने बीजेपी का थामा दामन

 
RHH

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। चुनाव की तिथियां जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं वैसे-वैसे प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा एवं कांग्रेस में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो रही है। हालांकि अभी कांग्रेस की दूसरी सूची एवं भारतीय जनता पार्टी की पांचवी सूची सार्वजनिक नहीं हुई है। किंतु टिकट कटने की आशंका से इन दोनों प्रमुख दल के नेता पार्टी बदलने में लगे हुए हैं। जिस विंध्य में कभी कांग्रेस की तूती बोला करती थी जिसके अगुवा दिग्गज कांग्रेसी नेता पंडित श्रीनिवास तिवारी हुआ करते थे।

यह भी पढ़ें : रीवा विधानसभा सीट से दो अपराजये योद्धाओं का होगा मुकाबला, कौन किसको देगा मात?

एक समय हालात यह थे की मध्य प्रदेश सरकार के समानांतर अमहिया कांग्रेस या अमाहिया सरकार चला करती थी। विंध्य से जुड़े ज्यादातर फैसले रीवा शहर के अमहिया मोहल्ले में स्थित पंडित श्रीनिवास तिवारी के घर से ही हुआ करते थे। उनके पुत्र सुंदरलाल तिवारी की गिनती भी प्रदेश के धाकड़ नेताओं में हुआ करती थी। इन दोनों के देहावसन के बाद सुंदरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी ने राजनीतिक विरासत संभाली और राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने के लिए त्योंथर विधानसभा सीट को चुना जहां पिछले कई वर्षों से वह लगातार सक्रिय थे किंतु कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी पहली सूची में त्योंथर सीट से उन्हें नजर अंदाज किए जाने के बाद उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे।

FGF

आज सुबह सिद्धार्थ तिवारी उर्फ राज भोपाल में स्थित भाजपा कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के हाथों भाजपा की सदस्यता ली। हालांकि सूत्रों की माने दो उन्हें यह आश्वासन दिया गया है कि उन्हें त्योंथर से प्रत्याशी बनाया जाएगा। जबकि वर्तमान में हालात यह है कि त्योंथर से श्यामलाल द्विवेदी भाजपा के विधायक है।

यह भी पढ़ें : श्रीनिवास तिवारी के पोते पर कांग्रेस ने नहीं जताया विश्वास, त्योंथर से नहीं दिया टिकट

अगर भारतीय जनता पार्टी सिद्धार्थ तिवारी को त्योंथर से अपना उम्मीदवार घोषित करती है तो श्यामलाल द्विवेदी का अगला कदम क्या होगा, लोगों को इस बात का इंतजार रहेगा।  वैसे पूरे प्रदेश की बात की जाए तो ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे ही इन दोनों दलों की फाइनल सूची जारी होगी तो इन दोनों दलों में यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी 1-2 दिन के अंदर प्रदेश में बगावत एक्सप्रेस धड़ धड़ाकर चलेगी जिसमें कांग्रेसी एवं भाजपाई दोनों शामिल होंगे।

डैमेज कंट्रोल में जुटे नेतागण
प्रदेश में दोनों प्रमुख दल की आखिरी सूची का इंतजार टिकट के दावेदारों को है। प्रदेश में कई जगह ऐसी है जहां पर कांग्रेस एवं भाजपा के एक-एक सीट पर कई दावेदार हैं, जिन्हें भी टिकट नहीं मिलेगा वह दूसरे दल का दामन थाम सकते हैं इसलिए केंद्रीय नेताओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीडी शर्मा एवं अन्य नेतागण बगावत करने वालों को समझने में जुटे हुए हैं यही हाल कांग्रेस का भी है। कुछ कांग्रेसियों ने तो पहले से ही अन्य दल का दामन थाम लिया है वहीं कुछ इस इंतजार में है कि जैसे ही फाइनल लिस्ट जारी होती है वे पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। ऐसे नेताओं के संपर्क में दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी,अजय सिंह राहुल सहित कई ऐसे नेता हैं जो असंतुष्टों को मनाने में जुटे हुए हैं।

अभय न घर के रहें न घाट के
शहर का अमहिया मोहल्ला पिछले कई दशकों से राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। चाहे सरकार भारतीय जनता पार्टी की रही हो या कांग्रेस की। एक समय था जब कांग्रेस की सरकार होते हुए श्रीनिवास तिवारी की तूती बोलती थी, वही हाल बीजेपी सरकार में राजेंद्र शुक्ल का भी है। अमहिया मोहल्ले के ही रहने वाले अभय मिश्रा ने भी भारतीय जनता पार्टी से टिकट पाकर सेमरिया विधानसभा से विधायक बने उसके बाद उनकी पत्नी नीलम मिश्रा भी विधायक बनी किंतु सन 2018 के विधानसभा चुनाव में जब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और रीवा विधानसभा से राजेंद्र शुक्ल के खिलाफ चुनाव मैदान पर उतरे और शिकस्त खाई।

यह भी पढ़ें : भाजपा की पांचवी सूची जारी होते ही मचेगी भगदड़

2023 विधानसभा चुनाव के एंन पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए और सेमरिया से ही टिकट की दावेदारी कर रहे थे। हालांकि भाजपा द्वारा अभी रीवा के सेमरिया विधानसभा से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, किंतु सूत्रों की माने तो विकास पुरुष राजेंद्र शुक्ला सेमरिया के वर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी को ही टिकट दिलाना चाहते हैं।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए अभय मिश्रा का क्या होगा? राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा से टिकट कटने की आशंका पर अभय मिश्रा द्वारा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से संपर्क करने की कोशिश की गई थी किंतु उन्होंने मिलने से स्पष्ट इनकार कर दिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अभय मिश्रा सेमरिया से किस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे बहरहाल कांग्रेस एवं भाजपा से तो उनका टिकट मिलना असंभव नजर आ रहा है।

Related Topics

Latest News