REWA : जेल के दो बंदियों की मौत पर बवाल : परिजनों ने जेल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

 
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केंद्रीय जेल रीवा में दो दिनों के भीतर सजा काट रहे दो कैदियों की मौत हो गई। जिसके बाद जेल के भीतर की व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह उठने लगे। एक बंदी की मौत शुक्रवार जबकि दूसरे बंदी की मौत शनिवार को हुई। हलांकि पूरे मामले में रविवार को जेल अधीक्षक ने सफाई दी है। जिनका कहना है कि दोनों कैदी कई बीमारियों से ग्रसित थे।

दो दिनों के भीतर दो कैदियों की हुई मौत

दरअसल पूरा मामला सुर्खियों में तब आया जब शुक्रवार शाम एक बंदी की मौत हो गई। मामला तब और गरमा गया जब शनिवार को भी एक बंदी की मौत हो गई। शुक्रवार को हुई मौत के बाद बंदी के परिजनों ने जेल प्रशासन को मौत का जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही धरने पर अड़ गए। उनका कहना था कि हम तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे। जब तक हमें कोई उचित आश्वासन नहीं मिलता। प्रशासनिक अमले के मौके पर पहुंचने और न्यायिक जांच के अश्वासन के बाद मामला किसी तरह शांत हो पाया। जानकारी के मुताबिक गढ़ निवासी सुधाकर सिंह पिता जनार्दन सिंह लगातार 2023 से 307 और अन्य धाराओं में केंद्रीय जेल रीवा में बंद था।

परिजन और उनके समर्थक बोले- मरने के बाद घंटों हाथ में लगी रही हथकड़ी

मृतक के भाई प्रभाकर सिंह के मुताबिक सुधाकर की तबीयत बीते कुछ महीनों से खराब रहती थी। हार्ट की बीमारी के चलते तबीयत बिगड़ने पर उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि बंदी सुधाकर सिंह की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है। हमने बार-बार कहा था कि उनकी तबीयत अब ठीक नहीं रहती। उन्हें अच्छे इलाज और देखभाल की जरूरत है। मौके पर धरना देने वाले पार्षद विनोद शर्मा ने कहा कि रीवा केंद्रीय जेल की हालत अंधेर नगरी चौपट राजा टके शेर भाजी टके शेर खा जा की तरह हो गई है। हमने 7 घंटे इस बात को लेकर धरना दिया कि कैदी की मौत के बाद घंटों तक उसके हाथ में हथकड़ी क्यों लगाई गई। जेल के कैदियों को चंदा देना पड़ता है नहीं तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। हमने इसी बात का विरोध किया जिसके बाद कलेक्टर ने भी जिला जेल का निरीक्षण किया है।

जेल अधीक्षक बोले- दोनों कैदियों को थी हार्ट,बीपी-शुगर की बीमारी

वहीं केंद्रीय जेल में दो कैदियों की मौत पर जेल अधीक्षक एस के उपाध्याय का कहना है कि 31 मई और 1 जून को दो कैदियों की मौत हुई है। 30 तारीख को गढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले कैदी सुधाकर सिंह की शाम 5 बजे अचानक तबीयत खराब हुई। जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उसे आईसीयू और फिर वेंटीलेटर में रख लिया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बंदी ब्लड प्रेशर और हार्ट का पेशेंट था। जिसे 1 सप्ताह पहले भी इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था।

अधीक्षक ने बताया कि दूसरे कैदी की मौत 1 जून को रात साढ़े 8 बजे हुई है। जो सीधी जिले के बहरी का रहने वाला था। पॉस्को एक्ट के जुर्म में वो आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। जिसकी उम्र लगभग 68 साल थी। वो भी बीपी,शुगर का मरीज था। जिसे हार्ट की समस्या भी थी।

दोनों कैदियों की जांच के लिए डी.जे. ने न्यायिक दंडाधिकारी को नियुक्त कर दिया है। दोनों कैदियों के मृत्यु की जांच की जाएगी। इसके अलावा मानवाधिकार आयोग,राज्य मानवाधिकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी मृत्यु के कारणों की जांच करता है।

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