REWA : दलाली का अड्डा बना DEO कार्यालय, रुपया फेंक तमाशा देख का खेल : सांठगांठ कर कराये जा रहे नियम विरुद्ध कार्य

 
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REWA NEWS : जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय इन दिनों दलाली का अड्डा बना हुआ है। रीवा  डीईओ अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर पकड़ ढीली पड़ चुकी है। खुद डीईओ शासन स्तर से ज़ारी होने वाले निर्देशों का क्रियान्वयन अपने अधिनस्थों से नहीं करा पा रहे हैं. कार्यालय में बाबू राज हावी है .

रुपया फेंक तमाशा देख का खेल

न तो शिक्षको की वरिष्ठता सूची की विसंगतियों को दूर किया जा रहा न ही नवीन संवर्ग के शिक्षकों की एन पी एस कटौती को खाते मे जमा कराया जा रहा। मनमानी का आलम यह है कि न्यायालयीन निर्देशों का  क्रियान्वयन भी समय सीमा में नहीं किया जा रहा है। विभागीय जांच चल रहे लिपिक को रुपये के दम पर डीईओ कार्यालय मे अटैच किया गया है।

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रूपया दिए बिना नहीं होता काम

किसी भी सेक्शन में बिना पैसे दिए काम नहीं हो रहा है। डीईओ स्वयं चाटुकारों के इशारे पर काम कर रहे हैं। कोर्ट के सख्त निर्देश के बाबजूद फिर से ऐसे व्याख्याता को ए पी सी रमसा का प्रभार दे दिया गया जो पंद्रह वर्षो से विद्यालय नहीं गया। जबकि न्यायालय ने अजय निगम की याचिका को खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की थी, कि ऐसे शिक्षक जिनकी रुचि पढ़ाने मे न होकर कार्यालयों मे पद पर बने रहने मे हैं ,उन्हें तुरंत विद्यालय मे उपस्थित होकर बच्चों को रूचि लेकर पढ़ाना चाहिये।

इसके बावजूद अमरनाथ सिंह ए पी सी रमसा बना दिये गये। गौरतलब है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 रीवा मे पदस्थ व्याख्याता अमरनाथ सिंह को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) का सहायक परियोजना समन्वयक ( ए पी सी ) बनाया गया है। कलेक्टर के अनुमोदन पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उक्त आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश मे उल्लेख किया गया है कि ए पी सी रमसा के रिक्त पद पर अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक कार्य करने की अनुमति प्रदान की जाती है। अमरनाथ सिंह को ए पी सी रमसा का प्रभार दिए जानें पर सवाल भी उठाए गए हैं. इसे नियम विरुद्ध बताया गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ सिंह लगातार पंद्रह वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यालयों मे जमे हुये हैं।

इस दौरान वे कभी बी आर सी, कभी ए पी सी जिला शिक्षा केंद् रहे, तो अब ए पी सी रमसा बना दिए गये। वे पन्द्रह वर्षों से विद्यालय नहीं गए। अमरनाथ सिंह गवर्नमेंट क्रमांक 1 मे व्याख्याता के पद पर पदस्थ हैं, जिनका मूल काम पढ़ाना है, लेकिन पढ़ाना कभी नहीं चाहते। दो बार बी आर सी रहे, फिर छह साल ए पी सी जिला शिक्षा केंद्र, अब डीईओ से सांठगांठ कर ए पी सी रमसा बन गए। जबकि सन 2016 से 2022 तक प्रतिनियुक्ति पर ए पी सी जिला शिक्षा केंद्र थे, नियमानुसार प्रतिनियुक्ति से वापस जाने के बाद दो वर्ष का कूलिंग पीरियड होना चाहिये.

किन्तु नियमो का पालन नहीं किया गया. नियम विरुद्ध ए पी सी बनाये जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं डीईओ की कार्यशैली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. बताया गया है कि  पूर्व मे रमसा मे हुये घोटाले मे ई ओ डब्लू को जानबूझकर गलत जानकारी भेज कर गुमराह किया जा रहा है.वैसे जल्द ही अनुदान घोटाले मे शामिल कई पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही प्रकरण दर्ज होने की खबर सामने आ रही है. चर्चा यह भी है कि सभी आरोपियों को टी आर एस के तीन पूर्व प्राचार्यों की तरह जेल जाना पड़ सकता है, अंतिम निष्कर्ष तो जाँच के बाद ही निकलेगा. पर आने वाले समय मे जिले के शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिरनी तय माना जा रहा है.

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