REWA : जिले का आबकारी अमला बना धृतराष्ट्र, शराब ठेकेदारों की पौ बारह

 
ddg

शहर की गली-गली एवं गांव-गांव में पै कारों ने पसारे पांव, थाने के आरक्षक कर रहे हैं वसूली

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा। जिले के आबकारी अमले की मेहरबानी का फायदा शराब ठेकेदार जमकर उठा रहे हैं। पूरे जिले में पै कारों का इस कदर बोलबाला है कि बस एक फोन कॉल पर हर ब्रांड की शराब शौकीनों को महज कुछ ही मिनटों में उपलब्ध हो जाती है वह भी शराब की दुकानों से ₹200 से लेकर ₹400 कम में प्रति बोतल के हिसाब से मिल जाती है। शहर की बात की जाए तो शहर में कराहिया, ट्रांसपोर्ट नगर पड़रा,जय स्तंभ, झरिया, रसिया मोहल्ला, उर्हहट,पीटीएस चौराहा,एसएस चौराहा, रतहेरा,निपनिया सहित अन्य लाइसेंसी कंपोजिट शराब की दुकानों का संचालन ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में शराब ठेकेदारों द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहें है। जैसे पै कारों के माध्यम से पूरे शहर की हर गलियों में शराब बिकवाई जा रही है। शराब ठेकेदारों द्वारा पैकारों के माध्यम से बेची जाने वाली शराब मिलावटी एवं घटिया क्वालिटी की होती है ऐसा शराब के नियमित रूप से सेवन करने वालों का मानना है, किंतु सस्ती कीमत में मिलने के कारण अधिकतम लोगों द्वारा पैकारों के माध्यम से ही शराब खरीदी जा रही है।

प्रदेश के मुखिया के सपनों में फेर रहे शराब ठेकेदार पानी

चालू वर्ष में मुख्यमंत्री ने जब आबकारी नीति की घोषणा की थी तो उन्होंने शराब की दुकान के बगल में चलने वाले आहातो को बंद करने का निर्णय लिया गया था जिससे कि प्रदेश में शराब की खपत कम हो लेकिन पैकारों के माध्यम से शराब बिक कर ठेकेदारों द्वारा मुख्यमंत्री के सपनों में पानी फेर जा रहा है।

बेरोजगार युवकों को फ़साकर बना रहे पैकार

शातिर शराब ठेकेदारों द्वारा ऐसे युवकों को अपने जाल में फंसाया जाता है जो कम पढ़े लिखे एवं बेरोजगार होते हैं। ऐसे युवकों को मोटी कमाई का लालच देकर पैकारी के धंधे में उतारा जाता है और उनके द्वारा शराब की होम डिलीवरी करवाई जाती है। पैकारी करने वाले युवक 2 से 3 घंटे की मेहनत कर आसानी से प्रतिदिन 3 से ₹5000 तक कमा लेते हैं।

पैकारों से थाने के आरक्षक करते हैं वसूली

शराब की पैकारी करने वाले युवकों की सारी जानकारी ठेकेदारों द्वारा अपने चहेते आरक्षकों को दे दी जाती है। जिसके बाद आरक्षक पैकारों को फोन में धमका कर हर महीने दो से ₹3000 की वसूली करते हैं। जिसके एवज में आरक्षकों द्वारा ठेकेदारों को शहर में लगने वाली जांच प्वाइंट की जानकारी समय-समय पर दी जाती है। उक्त जानकारी शराब ठेकेदार द्वारा पैकारों को दी जाती है की पुलिस टीम कहा तैनात रहेगी। जिससे पैकार सतर्क हो जाते हैं।

ज्यादातर पैकार दुकानों के माध्यम से करते हैं अपना कारोबार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पैकारी करने वाले युवक शराब की दुकान के अंदर ही अपना स्टॉक अलग करके रख देते हैं और जैसे ही किसी ग्राहक का फोन आता है तो उसे या तो शराब की दुकान के आस पास बुला कर या फिर ग्राहक की बताई गई जगह पर शराब की डिलीवरी कर दी जाती है।

अगली खबर में शहर के अंदर पैकारी करने वालों के नाम, पते और फोन नंबर के साथ साथ किस दुकान से शराब उठाकर बिक्री करते हैं की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

Related Topics

Latest News