रीवा में 50 फीट का 'अहंकार' जलेगा: गोविंदगढ़ में तैयार हो रहा रावण, पुतले देखने उमड़ी भीड़!

 
ffgg

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) शारदीय नवरात्रि की समाप्ति के साथ ही रीवा शहर में अब दशहरा पर्व (विजयादशमी) का उत्साह चरम पर है। दशहरा उत्सव समिति रीवा इस वर्ष भी इस महोत्सव को पिछले वर्षों से भी अधिक धूमधाम और भव्यता के साथ मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है। 2 अक्टूबर को होने वाले इस भव्य आयोजन के लिए रावण दहन को केंद्र में रखकर विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

रावण दहन के लिए विशाल पुतलों का निर्माण
रीवा में दशहरा पर्व का मुख्य आकर्षण रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले होते हैं। इन पुतलों का निर्माण इस वर्ष भी स्थानीय कारीगरों द्वारा पूरी मेहनत और बारीकी से किया जा रहा है:

निर्माण स्थल और कारीगर:

  • स्थल: पुतलों का निर्माण कार्य गोविंदगढ़ के पोलो मैदान में चल रहा है।
  • कारीगर: रीवा जिले के कुशल कारीगर, जिनमें रामकिशन सोंधिया प्रमुख हैं, इन पुतलों को अंतिम रूप दे रहे हैं।

पुतलों का आकार:

  • पुतला (Effigy)          ऊँचाई (Height)
  • रावण (Ravan)            50 फीट
  • मेघनाद (Meghnath)    45 फीट
  • कुंभकर्ण (Kumbhkaran)    45 फीट

ये विशालकाय पुतले आकर्षक रंग-बिरंगी सजावट, अलग-अलग डिजाइन और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बनाए जा रहे हैं, ताकि दहन से पहले ये दर्शकों के लिए एक खास आकर्षण का केंद्र बन सकें। पुतलों को बनते देखने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और बच्चे निर्माण स्थल पर पहुँच रहे हैं।

विजयादशमी पर दहन और कार्यक्रम का विवरण 
2 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन यह पूरा महोत्सव एनसीसी मैदान (NCC Ground) में आयोजित किया जाएगा। यह मैदान हजारों श्रद्धालुओं और दर्शकों को समायोजित करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।

  • मुख्य आयोजन: निर्धारित समय पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया जाएगा, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • विशेष आकर्षण: पुतला दहन के साथ-साथ भव्य आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
  • जनभागीदारी: हर साल की तरह इस वर्ष भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे।

उत्सव को भव्य बनाने की योजना 
दशहरा उत्सव समिति इस वर्ष के कार्यक्रम को और भी भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है:

  • प्रशासनिक समन्वय: समिति सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर रही है।
  • उद्देश्य: इस समन्वय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग परिवार सहित सुरक्षित और आनंदपूर्वक उत्सव का आनंद ले सकें, और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

रीवा का यह दशहरा महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह स्थानीय कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने का भी एक बड़ा मंच है।

निष्कर्ष
रीवा में दशहरा पर्व की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। गोविंदगढ़ पोलो मैदान में 50 फीट के रावण सहित अन्य पुतलों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिन्हें 2 अक्टूबर को एनसीसी मैदान में दहन किया जाएगा। दशहरा उत्सव समिति और स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सुरक्षा और व्यवस्था चाक-चौबंद रहे ताकि हजारों लोग इस विजयादशमी के उत्सव को हर्षोल्लास के साथ मना सकें।

Related Topics

Latest News