रीवा की सड़कों पर 4000 ई-रिक्शा से बढ़ी ट्रैफिक समस्या, नाबालिग चालकों और बिना लाइसेंस के संचालन पर प्रशासन का सख्त अभियान शुरू

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर की सड़कों पर अनियंत्रित रूप से दौड़ रहे करीब 4000 ई-रिक्शा अब प्रशासन की रडार पर हैं। इनमें से अधिकांश ई-रिक्शा चालक बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चला रहे हैं, और कई तो नाबालिग भी हैं, जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। ये ई-रिक्शा चालक बिना किसी निर्धारित स्टॉपेज के कहीं भी यात्रियों को उतारने-चढ़ाने से बाज नहीं आते, नतीजन लगातार ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। इस गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग और पुलिस प्रशासन ने एक विशेष अभियान छेड़ दिया है, जिसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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रीवा की सड़कों पर ई-रिक्शा की बेलगाम रफ्तार
रीवा शहर में ई-रिक्शा परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन बन गए हैं, लेकिन इनकी बढ़ती संख्या और चालकों की लापरवाही ने यातायात को अव्यवस्थित कर दिया है। शहर के चौक-चौराहों से लेकर मुख्य सड़कों तक, ई-रिक्शा चालक ट्रैफिक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। लेन अनुशासन का पालन न करना, गलत दिशा में वाहन चलाना, और यात्रियों को अचानक बीच सड़क पर उतारना-चढ़ाना आम बात हो गई है। इसका सीधा असर ट्रैफिक जाम पर पड़ता है, जिससे दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह अराजकता न केवल असुविधा का कारण बन रही है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका को भी लगातार बढ़ा रही है, जिससे शहर के नागरिकों के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा हो रहे हैं।

नाबालिग चालक और लाइसेंस का अभाव: एक गंभीर चुनौती
ई-रिक्शा से जुड़ी समस्याओं की जड़ में नाबालिग चालकों और ड्राइविंग लाइसेंस के अभाव का होना है। बड़ी संख्या में ऐसे चालक सड़कों पर ई-रिक्शा चला रहे हैं जिनके पास वाहन चलाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। बिना लाइसेंस वाले इन चालकों को यातायात नियमों की समुचित जानकारी नहीं होती, जिससे वे अक्सर खतरनाक ढंग से वाहन चलाते हैं। दुर्घटना की स्थिति में, इनकी कोई कानूनी जवाबदेही भी तय नहीं हो पाती, जो यात्रियों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ा खतरा है। प्रशासन का मानना है कि इस चुनौती से निपटना सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है।

प्रशासन का विशेष अभियान: शिकंजा और चालानी कार्रवाई
शहर में बढ़ती अव्यवस्था और शिकायतों को देखते हुए, ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से एक विस्तृत अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत, शहर के विभिन्न प्रमुख चौराहों और मार्गों पर सघन चेकिंग की जा रही है। अब तक सैकड़ों ई-रिक्शों को जांच के दायरे में लाया गया है। पुलिस टीमें चालकों के दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और अन्य परमिट शामिल हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ तत्काल चालानी कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान प्रशासन की इस गंभीर समस्या के प्रति गंभीरता और नियमों का सख्ती से पालन करवाने की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

बच्चों की सुरक्षा: ई-रिक्शा और ऑटो पर प्रतिबंध का विचार
इस अभियान में एक और महत्वपूर्ण पहलू बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा है। स्कूलों में बच्चों को ई-रिक्शा या ऑटो में ले जाना अब एक गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय बन गया है। ये वाहन अक्सर ओवरलोड होते हैं और दुर्घटना की स्थिति में इनके पलटने का खतरा अधिक होता है, जिससे बच्चों को गंभीर चोटें आ सकती हैं। कई अन्य जिलों ने पहले ही बच्चों को ई-रिक्शा में ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, और अब रीवा में भी इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। प्रशासन का लक्ष्य है कि बच्चों की स्कूल यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सके, क्योंकि यह सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी का एक अहम हिस्सा है।

ट्रैफिक सुधार के लिए आवश्यक कदम: रूट निर्धारण और नियमन
प्रशासन ने इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। वर्तमान में, ई-रिक्शा चालकों के पास न तो कोई निर्धारित पहचान (नंबरिंग) है और न ही उनके लिए कोई निश्चित रूट या स्टॉपेज तय है। इस नियमन के अभाव के कारण ही वे सड़कों पर बेतरतीब ढंग से चलते हैं।

पुलिस और परिवहन विभाग ने अब ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारण, नंबरिंग और स्टॉपेज की व्यवस्था करने का प्रस्ताव दिया है। इन उपायों से न केवल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुव्यवस्थित होगी, बल्कि नियम उल्लंघन करने वाले चालकों की पहचान करना भी आसान होगा, जिससे उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। यह कदम सड़क सुरक्षा में सुधार और शहर की यातायात प्रणाली को सुचारु बनाने के लिए व्यापक नियमन और निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है।

नियमों के उल्लंघन का प्रभाव: एक चेतावनी
प्रशासन द्वारा छेड़ा गया यह अभियान सभी ई-रिक्शा चालकों और अन्य वाहन चालकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि नियमों का कड़ाई से पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है कि यह अभियान ई-रिक्शा चालकों में जागरूकता बढ़ाएगा और उन्हें यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और शहर में एक व्यवस्थित यातायात प्रणाली स्थापित होगी।

सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक सुधार: एक सामूहिक जिम्मेदारी
कुल मिलाकर, यह अभियान रीवा शहर की ट्रैफिक समस्या और ई-रिक्शा संचालकों की अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों को दर्शाता है। यह स्पष्ट करता है कि सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए न केवल सख्त नियमों की जरूरत है, बल्कि उनका प्रभावी क्रियान्वयन भी आवश्यक है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान देना प्रशासन की प्राथमिकता में है। यह वीडियो शहर के ट्रैफिक सुधार और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में निश्चित रूप से मददगार है, और यह भी दर्शाता है कि एक सुरक्षित और सुव्यवस्थित शहर बनाने के लिए प्रशासन, वाहन चालकों और नागरिकों, सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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