रीवा में दर्दनाक हादसा : मां-बेटे समेत चार बच्चों का पिता जिंदा जला,बच्चों से कहा था आते वक्त रामपुर बघेलान का मशहूर खुरचन लेकर आऊंगा

 
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एक ड्राइवर मौके से कूद कर भाग खड़ा हुआ। वहीं चार लोगों को ट्रक से कूद कर भागने का भी मौका नहीं मिला।

रीवा में शनिवार की शाम दो ट्रकों की भिड़ंत में चार लोग जिंदा जल गए। दोनों ट्रक में कुल 5 लोग सवार थे। जिसमें से 1 ट्रक के चालक ने ट्रक से कूदकर अपनी जान बचा ली। जबकि बाकी लोगों की मौत हो गई। ट्रकों के भीतर चार लोगों के जिंदा जलने की घटना के बारे में जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गई।

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बच्चों को बोला था दो दिन में लौट आऊंगा
मृतक संतोष केवट के परिजन रूपा और प्रेमलाल केवट ने बताया कि संतोष के चार बच्चे हैं। घर में अकेला संतोष ही कमाने वाला था। शुक्रवार दोपहर ढ़ाई बजे घर से निकलते वक्त बच्चों से यह बोलकर निकला था कि दो दिन बाद लौट आऊंगा। आते वक्त रामपुर बघेलान का मशहूर खुरचन लेकर आऊंगा। लेकिन शाम होते-होते मौत की खबर आ गई।

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घर में ये बात पता चलते ही सभी चीखने-चिल्लाने लगे। बच्चों ने पूछा लेकिन उन्हें ये बात नहीं बताई। चार बच्चों में तीन लड़के और एक लड़की है। एक बच्ची तो अभी 6 माह की है। दूसरा लड़का बेटू 3 साल का है। जबकि चांद केवट (10) साल और अमन केवट (12) साल का है। पिता के इस तरह चले जाने से अब इन बच्चों के भविष्य की चिंता है।

हमने घटना स्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस वालों से पूछा- संतोष की लाश कहां है। पुलिस वाले बोले-थोड़ा इंतजार करो लाश बाहर निकाल रहे हैं। लेकिन जब वे लाश निकालकर ले जाने लगे। लाश को देखने के बाद भी हम पहचान नहीं सके। लाश इतनी बुरी तरह से जल चुकी थी कि हमने अपनी आंखें बंद कर ली।

मां-बेटे दोनों एक साथ जले
सुभाष लाल केवट ने बताया कि भीषण सड़क दुर्घटना में मां और बेटे दोनों एक साथ जल गए। जो ट्रक में बैठकर नागपुर से आए रहे थे। सविता रावत और गोल्डी रावत दोनों गढ़ के कैथा गांव के रहने वाले हैं। मरने वाले सीआरपीएफ के जवान के पत्नी और बच्चे हैं। सविता रावत के पति नागपुर में सेना में पदस्थ हैं। जिस वजह से मां-बेटे दोनों उनके पास गए हुए थे।

महीनों नागपुर में बिताने के बाद गुरुवार को नागपुर से रवाना हुए। लेकिन रीवा पहुंचकर भी घर नहीं पहुंच पाए। रास्ते में ही हादसे के शिकार हो गए। पहले दोनों नागपुर से बस मे आने वाले थे। बाद में परिचित चालक होने की वजह से ट्रक से आ गए। परिजनों का कहना है कि अब तो हाथ में कुछ बचा नहीं है। बस इसी बात का पछतावा है कि अगर दोनों ट्रक से ना आते तो आज जिन्दा होते।

ओवर टेक करने के चक्कर में हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शी विवेक मिश्रा ने बताया कि पूरा हादसा ओवरटेक करने के चक्कर में हुआ। रीवा से प्रयागराज की तरफ जा रहे ट्रक ने तीन गाड़ियों को बैक टू बैक ओवरटेक किया। तीन ट्रकों को ओवरटेक करने के बाद जैसे ही वो टायर शॉप के पास पहुंचा। उत्तर प्रदेश की तरफ से आ रहे ट्रक को देखकर चालक घबरा गया। इसलिए उसने ट्रक को रोड से नीचे उतारने की कोशिश की। लेकिन ट्रक को नीचे उतारा नहीं जा सकता था क्योंकि नीचे खाई थी। तब तक सामने से आ रहे ट्रक से उसकी जोरदार भिड़ंत हो गई। देखते ही देखते दोनों ट्रकों के गेयर बॉक्स में आग लग गई। आग की लपटें बढ़ती गई। अगर चालक जल्दबाजी के चक्कर में ट्रक को ओवरटेक ना करता तो इतना बड़ा हादसा ना होता। इन 4 लोगों की मौत भी नहीं होती।

45 मिनट की देरी से पुलिस और 1 घंटे बाद आई फायर ब्रिगेड
घटना स्थल के पास रेस्टोरेंट संचालित करने वाले विवेक ने बताया कि टक्कर के बाद ट्रक से एक आदमी तेजी से कूदकर भागा। उसके बायें पैर का अंगूठा कट चुका था। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम ट्रक के ड्राइवर हो,, इतने में वो व्यक्ति बिना कुछ बोले भाग निकला। हादसे के बाद हमें चीखनें की आवाजें सुनाई दी। हम दौड़कर सड़क की ओर भागे। जाकर देखा तो ट्रकों के गेयर बॉक्स में आग लग चुकी थी। पहले तो हमने लगभग 20 मिनट तक बाल्टियों में पानी भरकर आग बुझाने की कोशिश की। फिर अपने ढाबे से पाइप बिछाई ताकि आग बुझा सकें।

हमारे पास लंबी पाइप नहीं थी। इसलिए छोटी-छोटी पाइप को जॉइंट कर ट्रक तक ले गए। फिर आग बुझाने लगे। तब तक आग दूसरी तरफ भी फैल गई। टायर में भी आग की लपटें उठने लगी।टायर कभी भी फट जाता इसलिए हम दूर हट गए। 45 मिनट की देरी से पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने फायर ब्रिगेड को फोन किया। घटना के करीब एक घंटे बाद मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची। अगर समय पर दमकल की टीम पहुंचती तो स्थिति पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सकता था।

सिंगल लेन रोड में आए दिन होते हैं हादसे
स्थानीय निवासी विजय मांझी ने बताया कि चार लोग जिन्दा जल गए। इसलिए सभी लोगों का ध्यान इस ओर गया। लेकिन इस रास्ते में आए दिन हादसे होते ही रहते हैं। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आवाज उठाई है। इसकी सबसे बड़ी वजह रोड का सिंगल लेन होना है। यहां महीने में चार-पांच सड़क दुर्घटनाएं बनी ही रहती हैं।

रतहरा बाइपास से लेकर चोरहटा बाइपास तक रोड के चौड़ी करण की जरूरत है। क्योंकि इस रास्ते से सभी बड़े वाहन निकलते हैं। उत्तर प्रदेश से होकर आने वाले और महाराष्ट्र की तरफ जाने वाले बड़े वाहन इस रास्ते से जाते हैं। इसलिए कई बार सिंगल लेन सड़क होने की वजह से दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। सड़क दुर्घटना जिस जगह पर हुई है। वहां से 200 मीटर की दूरी पर कुछ महीनों पहले दो चार पहिया वाहनों की टक्कर हुई थी। जिसके बाद दोनों गाड़ियों में आग लग गई थी।

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