रीवा गैंगरेप मामला: SP और पीड़िता के आरोप-प्रत्यारोप से गहराया विवाद, पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल

 
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रीवा। रीवा के बहुचर्चित कथित गैंगरेप मामले में अब पुलिस अधीक्षक (SP) और पीड़िता आमने-सामने आ गए हैं, जिससे पूरे प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। जहाँ SP ने पीड़िता पर बार-बार बयान बदलने का आरोप लगाया है, वहीं पीड़िता ने पुलिस पर ही लगातार दबाव बनाने और तथ्यों को छिपाने का सनसनीखेज दावा किया है। इस खींचतान ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

SP का आरोप: "पीड़िता ने बदले बयान"
शनिवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान SP ने बताया कि पीड़िता, जो कि 16 साल की नाबालिग है, लगातार अपने बयान बदल रही है। SP ने जोर देते हुए कहा कि बयानों में इस तरह बार-बार बदलाव नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले को शुरुआत में छेड़खानी के रूप में दर्ज किया है।

पीड़िता का पलटवार: "पुलिस ने किया सामूहिक दुष्कर्म का सच दबाने का दबाव"
इसके ठीक उलट, शनिवार को ही शहर के इंडियन कॉफी हाउस में आयोजित एक प्रेसवार्ता में पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता का दावा है कि घटना के बाद से उस पर लगातार चुप रहने का दबाव बनाया जा रहा है और पुलिस ने उसके झूठे कथन दर्ज किए हैं। पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था, लेकिन पुलिस ने उसे कोर्ट में बयान बदलने के लिए डराया-धमकाया।

उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी मर्जी के मुताबिक बयान न लिख लिए जाने तक उसे उसके परिवार से मिलने तक नहीं दिया। पीड़िता के मुताबिक, "पुलिस के दबाव में मैंने वही बोला जो उसे कहा गया था और उसी आधार पर उसका बयान दर्ज हुआ। जबकि सच यह है कि मेरे साथ जबरदस्ती सामूहिक दुष्कर्म किया गया।"

दर्दनाक घटना का खुलासा: "एडिटेड फोटो के बहाने बुलाया और किया गैंगरेप"
पीड़िता ने घटना का विस्तृत और दर्दनाक ब्यौरा देते हुए बताया कि उसे एक एडिटेड अर्धनग्न फोटो डिलीट करने के बहाने अस्पताल के बाहर बुलाया गया। फिर उसे जबरदस्ती घसीटते हुए एक कमरे में ले जाया गया, जहाँ चार लोगों ने मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। वारदात के बाद आरोपी उसे सड़क पर छोड़कर भाग गए। पीड़िता ने बताया कि इस खौफनाक घटना के बाद वह किसी तरह लड़खड़ाते हुए अस्पताल चौकी के पास पहुंची और वहीं चक्कर खाकर गिर पड़ी। उसके सवाल, "भला मैंने क्या गुनाह किया है," सीधे तौर पर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।

कांग्रेस ने उठाई आवाज: "पीड़िता को न्याय नहीं, दबाया जा रहा है"
इस गंभीर मामले में अब राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष लखनलाल खंडेलवाल ने SP विवेक सिंह को ज्ञापन सौंपकर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस तरह से एक बहन-बेटी के साथ गैंगरेप होता है और पुलिस उसे न्याय दिलाने की जगह उसे ही दबाने की कोशिश में जुटी हुई है। उन्होंने तीखा सवाल किया, "आज कौन सुरक्षित है और पीड़िता किससे न्याय की उम्मीद करें?"

पीड़िता के इस नए और विस्तृत बयान ने पुलिस की भूमिका और उसकी शुरुआती जाँच पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं। यह मामला अब केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि न्याय प्रणाली की पारदर्शिता पर भी सवाल उठा रहा है।

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