रीवा में 'ड्रग्स' पर 'आईजी का एटम बम': कबाड़ी मोहल्ला में पहली बार 'बड़े अफसर' की सीधी एंट्री, हड़कंप!

 
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रीवा के कबाड़ी मोहल्ला में पहली बार आईजी गौरव राजपूत ने खुद मोर्चा संभाला। सुबह 4 बजे भारी पुलिस बल के साथ दबिश, नशे की बड़ी तस्कर महिला गिरफ्तार। क्या अब रुकेगा सालों से चला आ रहा ड्रग्स का खेल? 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर के इतिहास में मंगलवार का दिन एक नई इबारत लिख गया। नशे का गढ़ माने जाने वाले कबाड़ी मोहल्ला में पहली बार कोई आईजी रैंक का अधिकारी सीधे मौके पर पहुंचा। यह सिर्फ एक पुलिस दबिश नहीं थी, बल्कि आईजी गौरव राजपूत की सीधी एंट्री थी, जिसने सालों से बेखौफ चल रहे ड्रग्स के कारोबारियों की नींद उड़ा दी। यह घटना रीवा में नशे के खिलाफ जारी जंग में एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि अब तक इस इलाके में इतनी बड़ी और उच्च-स्तरीय कार्रवाई नहीं देखी गई थी। आईजी का खुद मैदान में उतरना यह दर्शाता है कि पुलिस अब इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कबाड़ी मोहल्ला: वर्षों से पुलिस की नाक के नीचे चल रहा था धंधा
कबाड़ी मोहल्ला, जो रीवा शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आता है, लंबे समय से नशीली सिरप और अन्य मादक पदार्थों की अवैध बिक्री का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह मोहल्ला एसपी ऑफिस, कंट्रोल रूम और सिविल लाइन थाने से महज 400 मीटर की दूरी पर मौजूद है, जबकि यातायात थाने से इसकी दूरी 100 मीटर भी नहीं है। इसके बावजूद, सालों से यहाँ कोरेक्स और गांजे का धंधा धड़ल्ले से चल रहा था। पुलिस की छुटपुट कार्रवाई के बाद भी आज तक यहाँ नशीली दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई थी। यह स्थिति पुलिस की कार्यशैली और स्थानीय प्रशासन की ढिलाई पर गंभीर सवाल खड़े करती रही है।

आईजी गौरव राजपूत की सीधी एंट्री: सुबह 4 बजे का 'ऑपरेशन'
मंगलवार को आईजी गौरव राजपूत ने खुद मौके पर पहुंचकर कबाड़ी मोहल्ले के उस इलाके में भारी पुलिस बल के साथ राउंड लगाया, जहाँ अवैध रूप से नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सिरप की बिक्री होती आ रही है। यह कोई सामान्य गश्त नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित 'ऑपरेशन' था, जिसे सुबह 4 बजे से अंजाम दिया गया। आईजी गौरव राजपूत से पहले कई थानों की पुलिस, थाना प्रभारी और सीएसपी मौके पर पहुंच चुके थे। इस दबिश के दौरान, पुलिस ने दो से तीन ठिकानों पर छापेमारी की। यह आईजी का सीधा हस्तक्षेप था, जिसने इस बात का संकेत दिया कि अब इस गोरखधंधे को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दबिश में गिरफ्तारियां: कौन हैं 'कोरेक्स किंग' के सिपाही?
इस बड़ी दबिश के दौरान, पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली। एक महिला तस्कर को गिरफ्तार किया गया है, जिसे नशे की बिक्री के इस नेटवर्क में एक बड़ी खिलाड़ी बताया जा रहा है। सीएसपी रितु उपाध्याय ने बताया कि इस कार्रवाई में पंकज लोनिया, रानी लोनिया और मनुआ लोनिया नाम के तीन लोगों को कोरेक्स की तस्करी और व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, इनके कब्जे से कितनी मात्रा में नशीली सिरप बरामद हुई है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन यह बताया गया है कि भारी मात्रा में नशीली सिरप जब्त की गई है। इन गिरफ्तारियों से उम्मीद है कि नशे के इस नेटवर्क की और भी परतें खुलेंगी और बड़े तस्करों तक पहुंचने का रास्ता साफ होगा।

सालों से जारी बिक्री: क्या अब लगेगी लगाम?
कबाड़ी मोहल्ला में सालों से नशीली दवाओं की बिक्री बेरोकटोक जारी थी। पुलिस की छुटपुट कार्रवाई के बाद भी यह धंधा कभी पूरी तरह से रुका नहीं। यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रही है, क्योंकि नशे की लत युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रही है। अब जब आईजी रैंक के अधिकारी ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप किया है, तो यह सवाल उठता है कि क्या इस बार नशे की बिक्री पर स्थायी लगाम लग पाएगी? या यह भी पिछली कार्रवाइयों की तरह सिर्फ एक दिखावा बनकर रह जाएगा? रीवा की जनता अब इस बात का इंतजार कर रही है कि क्या यह दबिश वास्तव में एक बदलाव की शुरुआत है।

आईजी का संकल्प: 'नशा तस्करों पर कसेंगे शिकंजा'
आईजी गौरव राजपूत ने इस दबिश के बाद स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सूचना मिलने पर की गई है। उन्होंने बताया कि लगातार नशीली सिरप की बिक्री की सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। आईजी ने यह भी दोहराया कि "नशा तस्करों पर शिकंजा कसेंगे" और "कार्यवाही लगातार जारी रहने वाली है।" यह बयान पुलिस के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है कि वे इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आईजी का यह आश्वासन जनता के लिए एक उम्मीद की किरण है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पुलिस अपने वादों को कितनी गंभीरता से पूरा करती है।

भविष्य की चुनौती: क्या यह दबिश स्थायी बदलाव लाएगी?
कबाड़ी मोहल्ला में आईजी की यह दबिश निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन असली चुनौती अब शुरू होती है। सालों से चले आ रहे नशे के गढ़ को पूरी तरह से खत्म करना आसान नहीं होगा। पुलिस को न केवल गिरफ्तारियों पर ध्यान देना होगा, बल्कि इस नेटवर्क की फंडिंग, आपूर्ति श्रृंखला और इसमें शामिल अन्य बड़े खिलाड़ियों का भी पता लगाना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि रीवा पुलिस इन नशा तस्करों पर क्या कार्रवाई कर पाती है और क्या इस दबिश का असर भविष्य में भी देखने को मिलेगा। क्या यह दबिश स्थायी बदलाव लाएगी या फिर सालों से चले आ रहे नशे के गढ़ में यह कारोबार जारी रहेगा, यह समय ही बताएगा।

रीवा में ड्रग्स का नेटवर्क: एक बड़ी समस्या
कबाड़ी मोहल्ला केवल एक छोटा सा हिस्सा है, रीवा में ड्रग्स का नेटवर्क काफी बड़ा और फैला हुआ है। यहाँ न केवल सिरप, बल्कि गांजा और अन्य मादक पदार्थ भी बेचे जाते हैं। यह नेटवर्क युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है और शहर में अपराधों को भी बढ़ावा दे रहा है। आईजी की यह कार्रवाई इस बड़े नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक पहला कदम है। पुलिस को अब इस नेटवर्क के अन्य ठिकानों और बड़े तस्करों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि रीवा को वास्तव में नशा मुक्त बनाया जा सके।

पुलिस की जवाबदेही: क्या अब मिलेगी जनता को राहत?
कबाड़ी मोहल्ला की पुलिस थानों से इतनी कम दूरी पर होने के बावजूद, सालों से वहाँ नशे का धंधा चलना पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठाता रहा है। अब जब आईजी खुद मैदान में उतरे हैं, तो जनता को उम्मीद है कि पुलिस अपनी पिछली ढिलाई को छोड़कर अधिक सक्रिय और जिम्मेदार बनेगी। पुलिस को न केवल कार्रवाई करनी होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे अड्डे फिर से न पनपें। जनता को तभी राहत मिलेगी जब उन्हें यह विश्वास हो जाएगा कि उनके बच्चे और शहर नशे के इस जाल से सुरक्षित हैं।

'नशा मुक्त रीवा' का सपना: क्या होगा साकार?
आईजी गौरव राजपूत का 'नशा मुक्त रीवा' का सपना निश्चित रूप से सराहनीय है। कबाड़ी मोहल्ला में हुई यह दबिश इस सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है। लेकिन यह एक लंबी लड़ाई है, जिसमें पुलिस, प्रशासन और आम जनता सभी को मिलकर काम करना होगा। जब तक नशे के नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह से काट नहीं दी जातीं और समाज में जागरूकता नहीं बढ़ती, तब तक 'नशा मुक्त रीवा' का सपना अधूरा रहेगा। यह देखना होगा कि क्या रीवा इस चुनौती को पार कर पाता है और एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ता है।

FAQ
1. रीवा के कबाड़ी मोहल्ला में पहली बार कौन सा अधिकारी पहुंचा?
रीवा संभाग के आईजी गौरव राजपूत पहली बार कबाड़ी मोहल्ला पहुंचे और उन्होंने खुद दबिश का नेतृत्व किया।

2. कबाड़ी मोहल्ला पुलिस थानों से कितनी दूर है?
कबाड़ी मोहल्ला एसपी ऑफिस, कंट्रोल रूम और सिविल लाइन थाने से महज 400 मीटर की दूरी पर है, जबकि यातायात थाने से यह 100 मीटर से भी कम दूर है।

3. दबिश कब और किस समय दी गई?
मंगलवार को सुबह 4 बजे से कबाड़ी मोहल्ले में दबिश दी गई।

4. इस दबिश में किन लोगों को गिरफ्तार किया गया है?
पुलिस ने पंकज लोनिया, रानी लोनिया और मनुआ लोनिया को कोरेक्स की तस्करी और व्यापार के लिए गिरफ्तार किया है, साथ ही एक बड़ी महिला तस्कर को भी पकड़ा है।

5. आईजी गौरव राजपूत ने नशा तस्करों पर क्या कहा?
आईजी ने कहा कि सूचना मिलने पर कार्रवाई की गई है और नशा तस्करों पर शिकंजा कसा जाएगा तथा कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

6. क्या सालों से कबाड़ी मोहल्ला में नशे की बिक्री जारी थी?
हाँ, सालों से पुलिस की छुटपुट कार्रवाई के बाद भी कबाड़ी मोहल्ला में नशीली दवाओं की बिक्री रोकी नहीं जा सकी थी।

7. बरामद नशीली सिरप की मात्रा स्पष्ट हुई है क्या?
नहीं, बरामद नशीली सिरप की सटीक मात्रा अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन बताया गया है कि यह भारी मात्रा में है।

8. इस दबिश का भविष्य में क्या असर देखने को मिलेगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस दबिश का असर भविष्य में भी देखने को मिलेगा और क्या सालों से चले आ रहे नशे के गढ़ में यह कारोबार जारी रहेगा या रुकेगा।

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