कलेक्टर-एसपी की सख्त कार्रवाई : जिस शख्स की मौत हो गई, उसके नाम पर चल रहा था करोड़ों का अवैध पटाखा कारोबार! रीवा में हड़कंप

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर के चोरहटा थाना क्षेत्र के मैदानी इलाके में अवैध पटाखा कारोबार के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने एक बड़ी और सतत संयुक्त कार्रवाई शुरू की है, जो पिछले 24 घंटों से जारी है। यह कार्रवाई कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान के सीधे निर्देशन में की जा रही है, जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस संयुक्त अभियान के दौरान, पुलिस और प्रशासनिक टीमों ने क्षेत्र के अंदर दो अलग-अलग स्थानों पर भारी मात्रा में अवैध पटाखों का भंडारण पाया। यह कार्रवाई दीपावली और अन्य त्यौहारों से पहले पटाखों के अवैध और असुरक्षित भंडारण की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों ही स्थानों पर पाए गए अवैध पटाखों के पूरे स्टॉक को प्रशासन ने जब्त कर लिया है, और जब्त किए गए माल की वास्तविक कीमत और मात्रा का खुलासा जांच पूरी होने के बाद किया जाएगा।
नियमों के उल्लंघन के दो गंभीर मामले सामने: मृतक के नाम पर लाइसेंस का दुरुपयोग कैसे हो रहा था?
जांच के दौरान जो दो स्थान सामने आए हैं, वे नियमों के उल्लंघन के गंभीर उदाहरण प्रस्तुत करते हैं:
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मृतक के नाम पर लाइसेंस का दुरुपयोग: पहला भंडारण स्थल अब्दुल कादरी के नाम पर था। चौंकाने वाली बात यह है कि अब्दुल कादरी की लगभग दो महीने पहले मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम पर जारी लाइसेंस का चालाकी से दुरुपयोग किया जा रहा था। इस लाइसेंस के सहारे पटाखों का भंडारण और उनकी बिक्री लगातार जारी थी। यह मामला प्रशासन के लिए लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण की प्रक्रिया की कड़ाई से समीक्षा करने की आवश्यकता को उजागर करता है ताकि भविष्य में ऐसी गैरकानूनी गतिविधियां न हों।
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बिना अनुमति के भंडारण: दूसरा अवैध भंडारण एक दुकान संचालक के परिसर में पाया गया। इस संचालक के पास पटाखों के भंडारण या बिक्री की कोई वैध अनुमति नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पटाखा कारोबार में नियमों का उल्लंघन व्यापक है और कई कारोबारी जानबूझकर सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
यह कार्रवाई न केवल अवैध कारोबार को रोक रही है, बल्कि जनसुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अवैध रूप से भंडारित पटाखों से आग लगने और बड़ी दुर्घटना का गंभीर खतरा बना रहता है।
प्रशासनिक नेतृत्व और आगे की कार्यवाही: पुलिस और प्रशासन क्या कर रहे हैं?
कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने इस कार्रवाई में प्रभावी नेतृत्व दिया है, जो प्रशासन की शून्य सहिष्णुता की नीति को दर्शाता है।
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जांच प्रक्रिया: प्रशासन ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। जांच का मुख्य उद्देश्य अवैध भंडारण की वास्तविक सीमा का पता लगाना, नियमों के उल्लंघन की विस्तृत जानकारी जुटाना और यह निर्धारित करना है कि इस अवैध नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं।
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जब्ती और विधिक कार्रवाई: जब्त किए गए पटाखों के संबंध में विधिक प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। अवैध भंडारण करने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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सतर्कता: पुलिस और प्रशासन की टीम अभी भी क्षेत्र में सक्रिय है और यह कार्रवाई देर रात तक जारी रहने की संभावना है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध कारोबार की कोई और कड़ी बाकी न रहे।
प्रशासन की यह सक्रियता भविष्य में अवैध पटाखा कारोबार पर नियंत्रण रखने और बाजार में नियमों के अनुरूप व्यापार को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।