Rewa-Indore Flight : सस्ती उड़ान या हवाई लूट? जनता के हित में Deputy CM का इंडिगो को कड़ा संदेश: किराया घटाओ! 3500-4000 रुपए करें 

 
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रीवा-इंदौर हवाई सेवा के किराए पर उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा - महंगा टिकट आम जनता और छात्रों की पहुँच से बाहर

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने आगामी 22 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाली रीवा-इंदौर-रीवा हवाई सेवा के किराए को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सीधे विमानन कंपनी इंडिगो (Indigo) को एक पत्र लिखकर निर्धारित किराए पर कड़ा विरोध जताया है। उपमुख्यमंत्री का स्पष्ट मानना है कि वर्तमान में तय किया गया किराया आम यात्रियों, विशेष रूप से विद्यार्थियों और मध्यम वर्ग के लिए अव्यवहारिक (impractical) है और इससे इस महत्वपूर्ण सेवा का अपेक्षित लाभ जनता तक नहीं पहुँच पाएगा।

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मुख्य मुद्दा: अव्यवहारिक किराया और जनहित सुनिश्चित करने की मांग 
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि हवाई सेवा का उद्देश्य केवल सुविधा प्रदान करना नहीं, बल्कि उसे जनता के लिए सुलभ और वहनीय (accessible and affordable) बनाना भी है। उन्होंने कहा है कि यदि टिकट की दरें बहुत अधिक होंगी, तो यात्री मजबूरी में अन्य, अधिक थकाऊ, साधनों का उपयोग करेंगे।

"इस सेवा को शुरू करने के पीछे का उद्देश्य यह था कि रीवा क्षेत्र के लोगों को देश के प्रमुख महानगरों से कम समय और सुविधा के साथ जोड़ा जा सके। लेकिन यदि शुरुआती किराया ही मध्यम वर्ग और छात्र वर्ग के बजट से बाहर होगा, तो इस योजना का मूल उद्देश्य ही प्रभावित हो जाएगा।"

वर्तमान प्रस्तावित किराया: एक गंभीर चिंता का विषय
उपमुख्यमंत्री ने इंडिगो को भेजे गए पत्र में किराए के विशिष्ट आँकड़ों का उल्लेख किया है, जिस पर उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि रीवा-इंदौर सेक्टर का बेसिक फेयर ₹5263 तय किया गया है, जबकि रीवा से अन्य महानगरों के लिए कनेक्टिंग फेयर लगभग ₹10,000 रखा गया है। यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि हवाई कंपनियों में डायनामिक फेयरिंग (Dynamic Fairing) की प्रणाली लागू होती है। डायनामिक फेयर वह प्रक्रिया है जिसमें टिकटों की उपलब्धता और मांग के आधार पर किराया लगातार बदलता रहता है, और अक्सर यह अंतिम समय में कई गुना तक बढ़ जाता है।

क्या रीवा-इंदौर फ्लाइट का किराया कम होगा? 
अगर वर्तमान बेसिक फेयर ₹5263 है, तो डायनामिक फेयरिंग के लागू होने पर पीक सीजन या तत्काल बुकिंग में यह किराया ₹15,000 से ₹20,000 या उससे भी अधिक तक पहुँच सकता है। यह बढ़ोतरी आम मध्यम वर्गीय परिवारों और छात्रों के लिए हवाई यात्रा को लगभग असंभव बना देगी। डिप्टी सीएम ने चिंता जताई है कि यह किराया वृद्धि मध्यम वर्ग और छात्र वर्ग के लिए हवाई यात्रा करना लगभग असंभव कर देगी।

प्रयागराज और बनारस का उदाहरण: तुलनात्मक किराए का महत्व 
राजेंद्र शुक्ला ने अपनी बात को तर्कसंगत ढंग से रखने के लिए पड़ोसी शहरों, जहाँ से वर्तमान में रीवा के लोग हवाई यात्रा करते हैं, का उदाहरण दिया है। रीवा के लोग मुंबई या अन्य महानगरों में जाने के लिए प्रयागराज और बनारस (वाराणसी) जैसे शहरों से फ्लाइट लेते हैं, जहाँ से किराया आमतौर पर ₹5,000 से ₹7,000 के बीच रहता है।

राजेंद्र शुक्ला ने इंडिगो को पत्र क्यों लिखा 
उन्होंने तर्क दिया कि यदि यात्री सड़क या रेल मार्ग से प्रयागराज या बनारस तक यात्रा करके कम किराए में उड़ान भर सकते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से रीवा से शुरू होने वाली महँगी उड़ान को क्यों चुनेंगे (Why will they choose)? उनका उद्देश्य रीवा हवाई अड्डे को एक आकर्षक और प्रतिस्पर्धी विकल्प बनाना है। उन्होंने पत्र में एक वहनीय और प्रतिस्पर्धी किराया ढाँचा (competitive fare structure) प्रस्तावित किया है जो यात्रियों को रीवा से उड़ान भरने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

उपमुख्यमंत्री की मांग: जनता के लिए वहनीय हवाई यात्रा 
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इंडिगो से जनता के हित में एक वहनीय और आकर्षक किराया ढाँचा (affordable and attractive fare structure) निर्धारित करने का आग्रह किया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि यदि हवाई सेवा को वास्तव में सफल बनाना है, तो टिकट की दरें आम आदमी के बजट में होनी चाहिए।

इसके तहत, उन्होंने स्पष्ट रूप से किराए की निम्नलिखित दरें प्रस्तावित की हैं: डिप्टी सीएम ने मांग की है कि रीवा-इंदौर फ्लाइट का किराया ₹3,500 से ₹4,000 के बीच रखा जाए। उनका तर्क है कि यह दर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना और यात्रियों की क्रय शक्ति दोनों के लिए एक आदर्श संतुलन प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, रीवा से अन्य कनेक्टिंग फ्लाइट्स (जैसे मुंबई, दिल्ली आदि) का कुल किराया ₹7,000 से ₹7,500 के बीच निर्धारित किया जाना चाहिए।

यह प्रस्तावित किराया न केवल यात्रियों के लिए आकर्षक होगा, बल्कि एयरलाइन के लिए भी व्यवहार्य (viable) होगा, क्योंकि इससे अधिक यात्री रीवा हवाई अड्डे का उपयोग करेंगे, जिससे फ्लाइट्स की सीट ऑक्यूपेंसी (Seat Occupancy) बढ़ेगी।

छात्रों के लिए सबसे सस्ता हवाई टिकट कैसे बुक करें (How to book the cheapest flight tickets for students)? छात्र वर्ग के लिए ₹3500 से ₹4000 का किराया एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें लंबी और थकाऊ रेल यात्रा के बजाय हवाई यात्रा का विकल्प चुनने की अनुमति देगा। यह दरें वास्तव में यह सुनिश्चित करेंगी कि हवाई सेवा आम आदमी के बजट में रहे और केवल कुछ विशिष्ट वर्गों तक सीमित न हो।

महंगे टिकट का संभावित परिणाम: योजना के उद्देश्य पर प्रभाव 
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट रूप से आगाह किया है कि यदि किराए बहुत अधिक रखे गए, तो यात्रियों का रुझान इस नई हवाई सेवा की ओर बिल्कुल नहीं होगा (will not be at all)।

  • नतीजा: सीट ऑक्यूपेंसी कम होगी, जिससे एयरलाइन को परिचालन में कठिनाई हो सकती है।
  • प्रभाव: एयरलाइन को घाटा हो सकता है, जिससे भविष्य में सेवा बंद होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • सबसे बड़ा नुकसान: सरकार की इस जनहितैषी योजना का उद्देश्य (रीवा को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना) प्रभावित हो सकता है, और स्थानीय लोगों को सुविधा नहीं मिल पाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि किराया बहुत ज्यादा होगा, तो यात्रियों का रुझान इस हवाई सेवा की ओर नहीं होगा। इससे योजना का उद्देश्य प्रभावित हो सकता है। यह एक गंभीर चेतावनी है कि जनहित को प्राथमिकता न देने पर कोई भी योजना असफल हो सकती है, भले ही उसका उद्देश्य कितना भी अच्छा क्यों न हो।

इंडिगो से पुनर्विचार का आग्रह: एक आवश्यक कदम
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इंडिगो के सेल्स डायरेक्टर से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि वे किराए की दरों का तत्काल पुनर्निर्धारण (re-determination) करें। यह पुनर्निर्धारण इस प्रकार हो कि रीवा क्षेत्र के लोग सस्ती और सुलभ हवाई सेवा का लाभ उठा सकें।

यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रीवा मध्य प्रदेश का एक तेजी से विकसित होता हुआ क्षेत्र है, जहाँ शिक्षा और व्यवसाय के लिए हवाई कनेक्टिविटी की भारी माँग है। यदि इस माँग को पूरा करने वाली सेवा को शुरुआती दर पर ही अव्यवहारिक (impractical) बना दिया गया, तो क्षेत्र के आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

रीवा से इंदौर फ्लाइट का किराया क्या होना चाहिए?

उपमुख्यमंत्री का प्रस्तावित किराया ₹3500-₹4000 एक आदर्श संतुलन स्थापित करता है। यह किराया न केवल एयरलाइन के परिचालन लागत को कवर करेगा, बल्कि यात्रियों को एक आकर्षक विकल्प भी प्रदान करेगा, जिससे वे अन्य शहरों से उड़ान लेने के बजाय रीवा को चुनेंगे।

जनप्रतिनिधि होने के नाते, उनका यह कदम पूरी तरह से जनहित में है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नई हवाई सेवा केवल कुछ अमीर यात्रियों (rich passengers) तक सीमित न रहे, बल्कि यह समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से मध्यम वर्ग और छात्रों के लिए एक व्यवहार्य विकल्प बन सके। यह पत्र इंडिगो को एक स्पष्ट संदेश देता है कि जनता की पहुँच और सुविधा इस सेवा की सफलता की कुंजी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर 

  1. रीवा-इंदौर फ्लाइट कब शुरू हो रही है (When is the Rewa-Indore flight starting)? यह हवाई सेवा 22 दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रही है।
  2. उपमुख्यमंत्री ने मुख्य रूप से किस किराए पर आपत्ति जताई है (Which fare did the Deputy CM mainly object to)? उन्होंने रीवा-इंदौर सेक्टर के बेसिक फेयर ₹5263 और डायनामिक फेयरिंग के कारण होने वाली अत्यधिक वृद्धि पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह छात्रों और मध्यम वर्ग के लिए अव्यवहारिक है।
  3. राजेंद्र शुक्ला ने क्या किराया प्रस्तावित किया है (What fare did Rajendra Shukla propose)? उन्होंने रीवा-इंदौर के लिए ₹3500 से ₹4000 और कनेक्टिंग फ्लाइट्स के लिए ₹7000 से ₹7500 का किराया प्रस्तावित किया है ताकि यह जनता के लिए वहनीय हो।
  4. डायनामिक फेयर क्या होता है (What is dynamic fare)? डायनामिक फेयर वह मूल्य निर्धारण प्रणाली है जिसमें टिकट की दरें मांग और उपलब्धता के आधार पर लगातार बदलती रहती हैं, जिससे वे अक्सर बढ़ जाती हैं, जिसे लेकर डिप्टी सीएम ने चिंता व्यक्त की है।
  5. उपमुख्यमंत्री ने किन शहरों का उदाहरण दिया है (Which cities did the Deputy CM cite as examples)? उन्होंने प्रयागराज और बनारस (वाराणसी) का उदाहरण दिया है, जहाँ से रीवा के लोगों को वर्तमान में ₹5000-₹7000 के बीच सस्ती उड़ानें मिलती हैं, जो कि रीवा से प्रस्तावित किराए से काफी कम हैं।

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