पुलिस vs परिजन: गोली चलने की बात पर सस्पेंस! रीवा में गैंगवॉर से हड़कंप : शराब ठेकेदार के बेटे सहित दो युवक गंभीर घायल

 
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शहर के इंद्रा नगर में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प, लाठी-डंडों से हमला; पुलिस ने फायरिंग से किया इनकार, जबकि परिजन गोली चलने का दावा कर रहे हैं।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में एक बार फिर गैंगवार की घटना से हड़कंप मच गया है। रविवार शाम को इंद्रा नगर क्षेत्र में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने शहर की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घायलों में से एक युवक को एक प्राइवेट अस्पताल में और दूसरे को शासकीय संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

यह मामला हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है क्योंकि घायल युवकों में से एक रीवा के एक बड़े शराब ठेकेदार का बेटा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह विवाद जय महाकाल एसोसिएट्स ग्रुप से जुड़ा बताया जा रहा है, लेकिन मारपीट की असल वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस ने मामले की गहनता से तहकीकात शुरू कर दी है।

घटना का पूरा विवरण: दर्जनभर लोगों ने किया हमला
जानकारी के अनुसार, यह घटना इंद्रा नगर के एक बगीचे के पास की है। यहाँ आर्यन सिंह बघेल और ऋतिक सेन नामक युवक खड़े थे। तभी अचानक लाठी-डंडे और हथियारों से लैस करीब एक दर्जन युवकों ने उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने दोनों युवकों के साथ जमकर मारपीट की, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची। सीएसपी राजीव पाठक ने मीडिया को बताया कि दोनों घायल युवक छात्र हैं और उनके साथ मारपीट की गई है। उन्होंने बताया कि एक युवक को पैर में, जबकि दूसरे को शरीर के कई हिस्सों में चोटें आई हैं।

पुलिस और परिजनों में विरोधाभास: क्या चली थी गोलियां?
इस मामले में सबसे बड़ा विवाद गोलीबारी को लेकर है। सीएसपी राजीव पाठक ने साफ तौर पर गोली चलने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने भी फायरिंग की पुष्टि नहीं की है।

वहीं, घायल युवक के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। मौके पर पहुँचे टीआई से बातचीत करते हुए परिजन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमले के दौरान कई राउंड गोलियां चली थीं। इस बातचीत का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें परिजन पुलिस को घटना का पूरा ब्योरा देते हुए फायरिंग की बात कर रहे हैं। पुलिस और परिजनों के बयानों में यह विरोधाभास इस मामले को और भी गंभीर बना रहा है।

हाई-प्रोफाइल मामला: जय महाकाल एसोसिएट्स ग्रुप का कनेक्शन
इस गैंगवॉर में एक बड़े शराब ठेकेदार के बेटे का शामिल होना दर्शाता है कि यह विवाद केवल आपसी झगड़ा नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के भी तार हो सकते हैं। जय महाकाल एसोसिएट्स ग्रुप का नाम सामने आने से यह संकेत मिलता है कि यह एक संगठित अपराध से जुड़ा हो सकता है। ऐसे में पुलिस के लिए न केवल दोषियों को पकड़ना, बल्कि इस गैंगवार की असली जड़ तक पहुँचना भी एक बड़ी चुनौती है।

निष्कर्ष और आगे की जांच
यह घटना रीवा शहर की कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है। पुलिस को इस मामले में केवल दोषियों को पकड़कर खानापूर्ति नहीं करनी चाहिए, बल्कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस योजना बनानी चाहिए। गोलीबारी के आरोपों की भी निष्पक्ष और गहनता से जांच होनी चाहिए। जब तक पुलिस ऐसे मामलों में सख्ती नहीं बरतेगी, तब तक शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखना मुश्किल होगा। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और जल्द ही इसका खुलासा करने का दावा कर रही है।

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