"कलेक्टर साहब देखिए! "नियमों को ठेंगे पर रखकर चल रहा KCC का हॉट मिक्स प्लांट; अजगरहा में फेफड़ों का कैंसर बांट रही कंपनी, अब सीधे NGT तक पहुंचेगी गूंज!"

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले के रतहरा से चोरहटा तक सड़क निर्माण का जिम्मा संभालने वाली KCC कंपनी विवादों के घेरे में है। कंपनी की कार्यप्रणाली ने विकास के दावों की पोल खोल दी है। अजगरहा और हरिहरपुर के ग्रामीण आज विकास की सड़क पर चलने के सपने नहीं देख रहे, बल्कि शुद्ध हवा के लिए तरस रहे हैं। कंपनी द्वारा स्थापित डामर (हॉट मिक्स) प्लांट ने पूरे इलाके को धुएं के काले गुबार में झोंक दिया है।

गैस चैंबर बने अजगरहा और हरिहरपुर 
रतहरा-चोरहटा मार्ग का निर्माण कर रही निर्माण एजेंसी KCC कंपनी ने पर्यावरणीय नियमों को ठेंगे पर रखकर आबादी के बीच डामर प्लांट संचालित कर दिया है। प्लांट की चिमनियों से निकलने वाला काला और ज़हरीला धुआं दिन-रात लोगों के घरों के भीतर तक घुस रहा है। हरिहरपुर और अजगरहा के आसमान में अब नीला रंग नहीं, बल्कि धुएं की काली चादर दिखाई देती है। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह उठते ही घरों की छतों और बर्तनों पर राख और डामर के कणों की परत जमी मिलती है। जो हवा जीवन देती थी, वही अब फेफड़ों में ज़हर भर रही है।

मासूमों और बुजुर्गों की सेहत पर सीधा प्रहार 
डामर प्लांट से निकलने वाले धुएं में बेंजीन, सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5/10) जैसे खतरनाक तत्व होते हैं।

  • दमा और एलर्जी: क्षेत्र के बुजुर्ग और बच्चे दमा, लगातार खांसी और एलर्जी का शिकार हो रहे हैं।
  • आंखों में जलन: तीखे धुएं के कारण लोगों की आंखों में जलन और सिरदर्द की शिकायत आम हो गई है।
  • निजी इलाज का बोझ: सरकारी तंत्र की विफलता के कारण लोग निजी क्लीनिकों में भारी खर्च कर इलाज कराने को मजबूर हैं।

नियमों को ताक पर रखकर 'हॉट मिक्स' प्लांट का संचालन 
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्पष्ट निर्देश हैं कि हॉट मिक्स प्लांट आबादी वाले क्षेत्र से एक तय सुरक्षित दूरी पर होने चाहिए। साथ ही, धुएं को साफ करने के लिए 'स्क्रबर' और 'बैग हाउस' जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग अनिवार्य है। ग्रामीणों का आरोप है कि KCC कंपनी ने इन सभी सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज कर दिया है। न तो धूल दबाने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है और न ही धुएं को नियंत्रित करने के ठोस उपाय हैं। विकास के नाम पर यह सीधे तौर पर जनता की सेहत से 'आपराधिक खिलवाड़' है।

CM हेल्पलाइन की निष्क्रियता और सोता हुआ प्रशासन
इस मामले में सबसे दुखद पहलू प्रशासन का रवैया है। अजगरहा और हरिहरपुर के लोगों ने दर्जनों बार शिकायतें कीं, लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हैं।

CM हेल्पलाइन 181: ग्रामीणों ने बड़े भरोसे के साथ 181 पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से केवल 'जांच प्रक्रिया में है' का रटा-रटाया जवाब मिलता है।
अधिकारियों की चुप्पी: संबंधित विभाग के अधिकारी न तो मौके का मुआयना कर रहे हैं और न ही कंपनी पर कोई जुर्माना लगा रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे कंपनी की मनमानी को प्रशासनिक "मूक सहमति" प्राप्त है।

कंपनी की दबंगई: शिकायत की तो 'काम बंद' करने की धमकी 
ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी वे कंपनी के अधिकारियों या ठेकेदारों के पास विरोध दर्ज कराने जाते हैं, तो उन्हें अपमानित किया जाता है। उन्हें डराया जाता है कि "ज़्यादा विरोध करोगे तो सड़क का काम बंद कर देंगे।" विकास के नाम पर इस तरह की ब्लैकमेलिंग ने स्थानीय लोगों के भीतर रोष के साथ-साथ भय का माहौल भी पैदा कर दिया है।

सड़क निर्माण ज़रूरी, मगर मौत की कीमत पर नहीं 
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर प्रशासन को चेतावनी दी है। लोगों का कहना है कि उन्हें सड़क चाहिए, लेकिन अपनी जान की कीमत पर नहीं। प्रमुख मांगें:

  • डामर प्लांट को तत्काल आबादी से दूर, किसी निर्जन स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
  • कंपनी पर प्रदूषण फैलाने के एवज में भारी जुर्माना लगाया जाए।
  • प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए मेडिकल कैंप लगाया जाए।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. डामर प्लांट (Asphalt Plant) स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है? डामर के धुएं में हाइड्रोकार्बन और ज़हरीली गैसें होती हैं जो फेफड़ों के कैंसर, ब्रोंकाइटिस और त्वचा रोगों का कारण बन सकती हैं।
Q2. आबादी के पास प्लांट लगाने के क्या नियम हैं? प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हॉट मिक्स प्लांट को आवासीय बस्तियों, अस्पतालों और स्कूलों से कम से कम 500 मीटर से 1 किलोमीटर की सुरक्षित दूरी पर होना चाहिए।
Q3. अगर कंपनी नियमों का पालन न करे तो कहाँ शिकायत करें? आप स्थानीय कलेक्टर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (181) पर लिखित शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में भी याचिका दायर की जा सकती है।
Q4. KCC कंपनी पर क्या आरोप हैं? कंपनी पर बिना सुरक्षा मानकों के प्लांट चलाने, हवा को ज़हरीला बनाने और शिकायतकर्ताओं को डराने-धमकाने के गंभीर आरोप हैं।

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