Rewa News : लाठीचार्ज के बाद सीएम की फटकार से जागा प्रशासन, अब टोकन सिस्टम से मिलेगा यूरिया

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे रीवा जिले के किसानों के लिए आखिरकार राहत भरी खबर आ गई है। महीनों से खाद के लिए सरकारी केंद्रों और मंडियों में भटक रहे अन्नदाताओं के लिए प्रशासन ने एक ठोस समाधान निकाला है। गुरुवार देर रात यूरिया की दो बड़ी रैक रीवा रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं, जिनसे कुल 4500 टन खाद का स्टॉक उपलब्ध हुआ है। यह मात्रा किसानों की मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मानी जा रही है। पिछले कुछ दिनों में किसानों के आक्रोश और पुलिस लाठीचार्ज जैसी घटनाओं के बाद प्रशासन अब युद्धस्तर पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया है, ताकि खाद वितरण सुचारू रूप से हो सके और किसान बेवजह परेशान न हों।
लाठीचार्ज की घटना और सीएम की फटकार: जागा प्रशासन
रीवा में यूरिया संकट की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि करहिया कृषि उपज मंडी में रोजाना तीन से चार हजार किसान खाद के लिए जुटते थे। भीड़ और अव्यवस्था के कारण आए दिन हंगामा और विवाद की स्थिति बनती थी। बीते दिनों जब किसानों का धैर्य जवाब दे गया और आक्रोश फूट पड़ा, तो पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इस घटना ने पूरे प्रदेश में सुर्खियां बटोरीं और प्रशासन की किरकिरी हुई।
इस स्थिति से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इतने नाराज हुए कि उन्होंने सीधे तौर पर रीवा के प्रशासनिक अधिकारियों की क्लास ली। सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि जो अधिकारी खाद का वितरण व्यवस्थित नहीं करा सकता, वह कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने लायक नहीं है। वर्तमान में नगर निगम कमिश्नर डॉ. सौरभ सोनवणे के पास कलेक्टर का भी प्रभार है। सीएम की इस सख्त चेतावनी के बाद से ही जिला प्रशासन का 'अहं' वाला भूत किनारे हो गया और अधिकारी तुरंत मैदान में उतरकर व्यवस्था बनाने में लग गए। मुख्यमंत्री की फटकार का ही नतीजा है कि अब खाद का स्टॉक आने से पहले ही उसका वितरण प्लान तैयार कर लिया गया है।
पुरानी अव्यवस्था से बनी थी किल्लत की स्थिति
रीवा में खाद की किल्लत सिर्फ स्टॉक की कमी से नहीं, बल्कि वितरण व्यवस्था की खामियों से भी पैदा हुई थी। करहिया मंडी में भीड़ प्रबंधन की कमी, कालाबाजारी के आरोप और अधिकारियों के अड़ियल रवैये ने स्थिति को और खराब कर दिया था। किसानों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद खाद नहीं मिल पाती थी, जिससे उनमें गुस्सा बढ़ता जा रहा था। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस समस्या को समझने और उसका समाधान करने के बजाय किसानों के गुस्से को नजरअंदाज किया, जिसका नतीजा पुलिस लाठीचार्ज के रूप में सामने आया। अब प्रशासन ने अपनी पिछली गलतियों से सबक लिया है और वितरण व्यवस्था को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने की कोशिश कर रहा है।
अब नई व्यवस्था: टोकन और कतारबद्ध वितरण
किसानों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने वितरण प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब करहिया मंडी में किसानों को टोकन सिस्टम के तहत खाद दी जाएगी, जिससे उन्हें लंबी लाइनों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। इसके साथ ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कतारबद्ध वितरण, पेयजल की व्यवस्था और सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि सभी जरूरतमंद किसानों को बिना किसी परेशानी के समय पर खाद मिल सके और कालाबाजारी की गुंजाइश खत्म हो जाए।
किसानों के लिए खाद का वितरण कहां और कब?
प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवणे ने बताया कि 4 सितंबर को देर रात यूरिया की दो बड़ी रैक रीवा पहुंची हैं, जिनमें कुल 2737 टन (एक रैक में 1800 टन और दूसरी में 2700 टन की जानकारी पहले दी गई थी, लेकिन अब कुल 2737 टन का जिक्र किया गया है) यूरिया है। चूंकि 5, 6 और 7 सितंबर को सरकारी अवकाश है, इसलिए इन रैकों से खाद का वितरण 8 सितंबर (सोमवार) से शुरू किया जाएगा।
उप संचालक कृषि यूपी बागरी के अनुसार, वितरण के लिए खाद का आवंटन कर दिया गया है:
- भंडारण केंद्र चोरहटा: 350 टन
- गुढ़: 175 टन
- चाकघाट: 150 टन
- जवा: 150 टन
- उमरी: 150 टन
- जिला सहकारी केंद्रीय बैंक: 1187 टन (सहकारी समितियों से वितरण के लिए)
- विपणन केंद्र रायपुर कर्चुलियान व चाकघाट: 25-25 टन
- मऊगंज जिले के लिए: मऊगंज को 250 टन, हनुमना को 250 टन, और विपणन केंद्र मऊगंज को 25 टन।
प्रशासन ने यह भी कहा है कि दो और यूरिया की रैक जल्द ही रीवा पहुंचेंगी।
प्रशासनिक निगरानी और समन्वय से सुधरे हालात
खाद वितरण की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों को निगरानी में लगाया गया है। प्रभारी कलेक्टर डॉ. सौरभ सोनवणे ने गूगल मीट के जरिए सभी अधिकारियों की क्लास ली और उन्हें व्यवस्थित ढंग से काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसडीएम, तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे डबल लॉक व्यवस्था के माध्यम से खाद का वितरण सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार कर किसानों को खाद उपलब्धता और टोकन व्यवस्था के बारे में जानकारी देने को कहा है। जनप्रतिनिधियों और किसान संगठनों के साथ समन्वय बनाकर काम करने पर भी जोर दिया गया है।
किसानों से अपील: अफवाहों से बचें और धैर्य रखें
प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। यूरिया की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है और इसका वितरण 8 सितंबर से शुरू हो जाएगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे निर्धारित तारीख को ही मंडी पहुंचे ताकि अव्यवस्था से बचा जा सके और सभी को समय पर खाद मिल सके। यह सुनिश्चित करना प्रशासन और किसानों, दोनों की जिम्मेदारी है कि अब जो व्यवस्था बनाई गई है, वह सुचारू रूप से चलती रहे।