विश्वास का हुआ खून: रीवा में गुरुमंत्र देने वाले 'फलहारी महाराज' ने ही नाबालिग से दुष्कर्म किया, कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा जिले में, एक नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। विशेष न्यायालय पॉक्सो (POCSO) त्योंथर ने आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास की सख्त सजा दी है। इस फैसले को अपराध की गंभीरता और समाज पर इसके दूरगामी प्रभाव को देखते हुए लिया गया है, ताकि ऐसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। यह मामला 31 दिसंबर 2022 का है, जब जवा क्षेत्र की एक किशोरी स्कूल जाने के लिए निकली थी और उसके बाद वह लापता हो गई थी। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी।

आरोपी ने गुरु-शिष्य के रिश्ते का किया दुरुपयोग
इस घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले आरोपी की पहचान कृष्णा तिवारी उर्फ फलहारी महाराज के रूप में हुई है, जो 30 वर्ष का है और बिहार के कैमोर जिले का निवासी है। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आरोपी का पीड़िता के पिता के साथ पुराना और भरोसेमंद संबंध था। कृष्णा तिवारी ने पीड़िता के पिता को "गुरुमंत्र" दिया था और इसी वजह से उसका उनके घर पर बेरोकटोक आना-जाना था। परिवार का उस पर अटूट भरोसा था, जिसका फायदा उठाकर उसने यह जघन्य अपराध किया।

गुरुमंत्र के बहाने कैसे दिया झांसा?
आरोपी ने इसी भरोसे की आड़ में किशोरी को फोन कर पढ़ाई करवाने का झांसा दिया और उसे रीवा बुलाया। वहां से उसने किशोरी का अपहरण कर लिया, जिससे परिवार और पुलिस सकते में आ गए।

पीड़िता को गुजरात के सूरत से किया गया बरामद
किशोरी के लापता होने के बाद, उसके परिजनों ने जवा थाने में तत्काल अपहरण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अपनी जांच शुरू की। पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी छानबीन के बाद, आखिरकार पीड़िता को गुजरात के सूरत शहर से बरामद कर लिया गया।

पुलिस को दिए बयान में क्या कहा पीड़िता ने?
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि आरोपी कृष्णा तिवारी उसे झांसा देकर पहले रीवा से प्रयागराज ले गया था। वहां से वह उसे सूरत ले गया, जहां एक होटल में उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करता रहा। पीड़िता के बयान के बाद, पुलिस ने आरोपी कृष्णा तिवारी को गिरफ्तार किया और सभी सबूतों को इकट्ठा करने के बाद उसका चालान न्यायालय में पेश किया।

कोर्ट में पेश किए गए मजबूत सबूत और दलीलें
विशेष न्यायालय पॉक्सो त्योंथर में इस मामले की सुनवाई के दौरान, विशेष लोक अभियोजक पाक्सो धीरज सिंह ने अभियोजन पक्ष की ओर से जोरदार पैरवी की। आरोपी के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्षियों (गवाहों) के बयान दर्ज कराए गए, जिसमें पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के बयान भी शामिल थे। इन बयानों और पुलिस द्वारा पेश किए गए अन्य सबूतों ने अभियोजन पक्ष के मामले को मजबूत किया। दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों को विस्तार से सुनने के बाद, न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया।

सजा का उद्देश्य: समाज को कड़ा संदेश देना
कोर्ट ने अपराध की गंभीरता, पीड़िता की उम्र और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए आरोपी को 20 साल के सश्रम कारावास और एक बड़ा अर्थदंड भी लगाया। कोर्ट का यह सख्त फैसला ऐसे अपराध करने वालों के लिए एक मिसाल कायम करता है और समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति एक कड़ा संदेश देता है।

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