REWA : माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता में 50 लाख रुपए की लागत से रीवा का पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन होगा स्थापित,15 अगस्त को भोपाल से होगा शुभारंभ

 
XVBVB

रीवा। यह रीवा का पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन होगा। माखनलाल विवि का यह रेडियो स्टेशन रेडियो कर्मवीर के नाम से जाना जायेगा। इस रेडियो कर्मवीर में स्थानीय लोक संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण होगा, जिससे स्थानीय कलाकारों को नया मंच मिलेगा। क्षेत्रीय समस्याओं या अन्य गम्भीर मुद्दों पर सामुदायिक चर्चा होगी। साथ ही, विश्वविद्यालय में पढऩे वाले छात्रों को प्रशिक्षण भी प्राप्त होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की यह कार्ययोजना शीघ्र धरातल पर उतरेगी। रीवा विवि परिसर में रेडियो स्टेशन की स्थापना का कार्य आरम्भ हो गया है। प्रथम चरण में रेडियो स्टेशन का टॉवर स्थापित किया जा रहा है। परिसर के नवीन भवन के दो बड़े हॉल में आधुनिक स्टूडियो का निर्माण भी हो रहा है। इस निर्माण कार्य की लागत अनुमानित 50 लाख बताई जा रही है।

HVHB

102.4 फ्रिक्वेंसी पर चलेगा
इस रेडियो स्टेशन की स्थापना के लिए विश्वविद्यालय को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से लायसेंस मिल गया है। जब रीवा परिसर का सामुदायिक रेडियो संचालित होगा, तब उसे फ्रिक्विेंसी नम्बर भी आवंटित कर दिया जायेगा। जैसे आकाशवाणी रीवा का फ्रिक्विेंसी या चैनल नम्बर 102.4 है। इस तरह रेडियो कर्मवीर में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का आनंद श्रोतागण फ्रिक्विेंसी नम्बर निर्धारित कर ले सकेंगे।

भोपाल परिसर में 15 को होगा उद्घाटन
बताते हैं कि विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में रेडियो कर्मवीर की स्थापना हो गई है। आगामी 15 अगस्त को इसका उद्घाटन होने वाला है। भोपाल परिसर के रेडियो कर्मवीर के लिए स्टेशन स्थापना, स्टूडियो, पॉडकास्ट, सोशल मीडिया चैनल, वेबसाइट आदि का निर्माण हो गया है। अब विधिवत इसके संचालन की तैयारी की जा रही है। रीवा परिसर में जब रेडियो कर्मवीर संचालित होगा, तब भोपाल स्टेशन के कार्यक्रमों का प्रसारण भी इसमें हो सकेगा।
करीब 50 लाख की लागत से रीवा परिसर में भी रेडियो स्टेशन स्थापित हो रहा है।

यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन है। विद्यार्थी स्थानीय गांव-कस्बों में जाकर वहां की समस्याओं को रेडियो कार्यक्रम के जरिये आमजन के बीच में उठा सकेंगे। स्थानीय लोक संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण भी इसमें होगा, जिससे स्थानीय कलाकारों को एक बेहतर मंच मिल सकेगा।
प्रो. के.जी. सुरेश, कुलपति, माखनलाल विवि

Related Topics

Latest News