रीवा की 'अजूबी' पुलिया ट्रोल: सवा करोड़ की सड़क 2 साल में जर्जर, सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के आरोप

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में ग्रामीण विकास यांत्रिकी विभाग से जुड़ी एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और चर्चा का विषय बनी हुई है। यह तस्वीर रीवा की एक पुलिया और उससे सटी सड़क की खस्ताहालत को दिखाती है, जिसने लोगों को हँसने पर मजबूर कर दिया है, लेकिन साथ ही देश में ग्रामीण विकास की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कोई इसे "देश में ग्रामीण विकास का ट्रेडमार्क" बता रहा है, तो कोई यह कहकर तंज कस रहा है कि "विकास सड़क फाड़ कर निकल रहा है।" यह सिर्फ एक तस्वीर नहीं, बल्कि घटिया निर्माण कार्यों और भ्रष्टाचार का जीता-जागता प्रमाण मानी जा रही है।
2. मनगवां विधानसभा क्षेत्र में 'सवा करोड़' की सड़क का हाल: 2 साल में कैसे हुई जर्जर?
यह वायरल तस्वीर रीवा के मनगवां विधानसभा क्षेत्र में हिनौता गोधाम के पास निर्मित सड़क और पुलिया की है। ग्रामीण विकास यांत्रिकी विभाग द्वारा क्योंटी कटरा मुख्य मार्ग से हिनौती गदही गोशाला तक बनाई गई यह सड़क मात्र दो वर्ष में ही पूरी तरह जर्जर हो चुकी है।
सवा करोड़ की सड़क की गुणवत्ता कैसी है? यह प्रश्न हर उस व्यक्ति के मन में है जो इस तस्वीर को देख रहा है। लगभग चार किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण सवा करोड़ रुपए की लागत से ठेकेदार पुष्पराज सिंह द्वारा किया गया था। आश्चर्यजनक बात यह है कि विभाग द्वारा निर्माण कार्य का पूरा भुगतान भी ठेकेदार को किया जा चुका है, लेकिन सड़क की वर्तमान स्थिति देखकर लगता है कि यह राशि कहां खर्च हुई, इस पर गंभीरता से जांच की आवश्यकता है। मनगवां में सड़क इतनी जल्दी खराब कैसे हुई? यह सीधा सवाल ठेकेदार की ईमानदारी और विभाग की निगरानी पर खड़ा करता है।
2.1. हिनौता गोधाम सड़क का महत्व क्या है?
स्थानीय निवासी कृष्णा सिंह हिनौती ने बताया कि यह सड़क गोशाला को जोड़ने वाली एक मुख्य सड़क है। इस पर गौवंशों के लिए चारे और अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ वाहनों का लगातार आवागमन होता है। सड़क की ऐसी दयनीय स्थिति के कारण गौवंशों और वाहनों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके, जनप्रतिनिधि ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है कि स्थानीय नेताओं और अधिकारियों का इस महत्वपूर्ण सड़क की ओर ध्यान क्यों नहीं जा रहा।
3. सोशल मीडिया पर फूटा जनता का गुस्सा: भ्रष्टाचार के तीखे आरोप
इस घटिया निर्माण कार्य की तस्वीरें वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी हैं।
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कई यूजर्स ने इसे सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है। ग्रामीण विकास का ट्रेडमार्क क्या है इस मामले में? यूजर्स इस तरह के निर्माण कार्यों को घटिया गुणवत्ता और कमीशनखोरी का प्रतीक मान रहे हैं।
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सोशल मीडिया यूजर शिवानंद द्विवेदी ने रीवा में सिविल कंस्ट्रक्शन कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक पुलिया या सड़क का मामला नहीं है, बल्कि रीवा जिले में कई निर्माण कार्यों में इसी तरह की अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं।
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अन्य यूजर्स ने भी इस तरह की घटिया गुणवत्ता वाले निर्माण कार्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। वे पूछ रहे हैं कि रीवा में सड़क इतनी जल्दी खराब कैसे हुई? और ठेकेदार पुष्पराज सिंह पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
यह सार्वजनिक रोष दर्शाता है कि लोग अब इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
4. सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में अंतर: जिम्मेदारी किसकी?
यह घटना मध्य प्रदेश में ग्रामीण विकास के दावों और जमीनी हकीकत के बीच के बड़े अंतर को उजागर करती है। सरकारें भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे करें, लेकिन जब सवा करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क और पुलिया दो साल में ही जर्जर हो जाए, तो ये दावे खोखले लगने लगते हैं।
रीवा की जर्जर पुलिया क्यों बनी? इसका सीधा जवाब है ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की उदासीनता। ग्रामीण विकास यांत्रिकी विभाग क्या कर रहा है? यह सवाल उसकी निगरानी प्रणाली और कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने और भुगतान से पहले सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विभाग की होती है। ऐसे में पूरा भुगतान हो जाने के बाद सड़क का यह हाल होना सीधे तौर पर मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
5. आगे की राह: क्या होगी कार्रवाई?
जनता अब केवल सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया नहीं दे रही, बल्कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है। यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों, चाहे वे ठेकेदार हों या विभागीय अधिकारी, को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। ऐसी घटनाओं से जनता का सरकारी कार्यों पर से विश्वास उठता है, और यह देश के विकास के लिए एक बड़ी बाधा है। यह घटना सरकार के लिए एक जागरूकता का संदेश है कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
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रीवा की कौन सी पुलिया सोशल मीडिया पर वायरल हुई है?
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रीवा के मनगवां विधानसभा क्षेत्र में हिनौता गोधाम के पास बनी एक सड़क और पुलिया की खस्ताहाल तस्वीरें वायरल हुई हैं।
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सड़क निर्माण में कितनी लागत आई थी और यह कितने समय में जर्जर हुई?
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इस 4 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण में सवा करोड़ रुपये की लागत आई थी, और यह मात्र दो वर्ष में ही जर्जर हो गई।
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इस सड़क का निर्माण किस विभाग और ठेकेदार द्वारा किया गया था?
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इसका निर्माण ग्रामीण विकास यांत्रिकी विभाग द्वारा ठेकेदार पुष्पराज सिंह के माध्यम से किया गया था।
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सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दे रहे हैं?
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लोग इसे ग्रामीण विकास का 'ट्रेडमार्क' और भ्रष्टाचार का उदाहरण बता रहे हैं, और घटिया निर्माण पर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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क्या इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं?
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हां, सोशल मीडिया यूजर्स ने रीवा में सिविल कंस्ट्रक्शन कार्यों में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
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