CM शिवराज की घोषणा : नईगढ़ी, हनुमना और देवतालाब को मिलाकर मऊगंज बनेगा नया जिला

 
IMAGE

MP/REWA NEWS : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने रीवा (rewa) के मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की है। इसके बाद मध्यप्रदेश (mp) में 53 जिले हो जाएंगे। नए जिले में मऊगंज, हनुमना, नईगढ़ी और देवतालाब (Mauganj, Hanumana, Naigarhi and Devtalab) तहसील होंगी। सीएम ने कहा कि 15 अगस्त को नवनिर्मित मऊगंज (Newly built Mauganj) के जिला मुख्यालय में तिरंगा फहराया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Assembly Speaker Girish Gautam) ने इसकी वकालत की थी। नया जिला बनने से लोगों में खुशी का माहौल है। बता दें कि नए जिले की कुल जनसंख्या 6 लाख 16 हजार 645 होगी। इनमें 6 लाख मतदाता होंगे। चारों तहसीलों में 1070 गांव, 12 राजस्व सर्किल और 264 पटवारी हलके होंगे।

मऊगंज जिले में मऊगंज व देवतालाब विधानसभा सीटें होंगी। शनिवार को मऊगंज पहुंचे शिवराज ने कहा- विधायक चार साल से बुला रहे थे, अब आना ही पड़ा। इस अवसर पर उन्होंने संबल योजना के फायदे गिनाते हुए कहा कि हम जन्म से लेकर अंतिम विदाई तक के रुपए दे रहे हैं। CM ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने तो कई योजनाओं को बंद कर दिया था। प्रदेश की बहनों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

ऐसा है अविभाजित रीवा

वर्तमान में अविभाजित रीवा जिले में चार जिले, 12 तहसीलें और 2,817 गांव और 857 पटवारी हलके हैं। साथ ही 42 राजस्व निरीक्षक मंडल भी हैं। यहां कुल आठ विधानसभा सीटें भी हैं। जिला मुख्यालय रीवा से मऊगंज की दूरी 65 किलोमीटर है। यहां के लोग पिछले 15 साल से नया जिला बनाने की मांग कर रहे थे।

2008 में सीएम ने की थी घोषणा

रीवा संभाग में अब 5 जिले होंगे। अभी तक इस संभाग में 4 जिले रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली हैं, पांचवा जिला मऊगंज होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सन 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की थी। उस वक्त किन्हीं कारणों से योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के जाने और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद से मऊगंज को जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ लिया था।

MP में कब कितने जिले बने

  • 1956 में गठन के समय प्रदेश में कुल 43 जिले थे।
  • 1972 में 2 जिले बनाए जाने पर जिलों की संख्या बढ़कर 45 हो गई।
  • 1998 में दिग्विजय सिंह सरकार ने एक साथ 16 नए जिले बनाए। जिससे मध्यप्रदेश में कुल जिलों की संख्या 61 हो गई, जो 16 नए जिले बनाए थे उनमें से 7 जिले वर्तमान में मध्यप्रदेश में हैं।
  • 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया और 16 जिले नए राज्य के हिस्से में चले गए। इस प्रकार मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या पुनः 45 हो गई।
  • 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने 3 नए जिले अनूपपुर, बुरहानपुर, अशोकनगर बनाए। जिससे जिलों की कुल संख्या 48 हो गई।
  • 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलीराजपुर और सिंगरौली दो नए जिले बनाए। जिससे जिलों की संख्या 50 हो गई।
  • 16 अगस्त 2013 को सीएम शिवराज ने एक नया जिला आगर-मालवा और अक्टूबर 2018 में एक अन्य जिला निवाड़ी बनाया, जिससे मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 52 हो गई।

ये हैं मध्यप्रदेश के संभाग और जिले

1. भोपाल संभाग- भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, सीहोर।

2. चंबल संभाग- श्योपुर, मुरैना, भिंड।

3. ग्वालियर संभाग- अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी।

4. इंदौर संभाग- अलीराजपुर, इंदौर, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, धार, बुरहानपुर, बड़वानी।

5. जबलपुर संभाग- छिंदवाड़ा, कटनी जबलपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी।

6. नर्मदापुरम संभाग- बैतूल, हरदा, होशंगाबाद।

7. रीवा संभाग- रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज (बनने वाला नवनिर्मित जिला)।

8. सागर संभाग- छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर व निवाड़ी जिला।

9. शहडोल संभाग- शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिला।

10. उज्जैन संभाग- आगर-मालवा, उज्जैन, देवास, नीमच, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर।

Related Topics

Latest News