Rewa Mayank Borewell Rescue Operation : 44 घंटे की कड़ी मशक्कत के बावजूद नहीं बच पाई मासूम की जान,42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला
Rewa Mayank Borewell Rescue Operation : रीवा में 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे मयंक को बचाया नहीं जा सका। करीब 44 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वह बोरवेल के भीतर 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल टीम उसे लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवडे ने भी मयंक की मौत की पुष्टि की है।
रीवा में जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में मयंक (6) पिता विजय आदिवासी शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे से 4 बजे के बीच खुले बोरवेल में गिर गया था। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर तुरंत उसे निकालने की कोशिशें शुरू कीं। खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। NDRF और SDERF की टीमों को बुलाया गया।
8 जेसीबी मशीनों से की खुदाई, ड्रिल मशीन से बनाई सुरंग
मयंक को निकालने के लिए बोरवेल के पैरेलल 8 जेसीबी मशीनों से खुदाई की गई। 60 फीट से अधिक खोदने पर पानी निकल आया। इसके चलते रेस्क्यू रोकना पड़ा। पानी खाली करने के बाद ड्रिल मशीन से बोरवेल तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई गई। सख्त मिट्टी आने पर मशीनों की जगह मैनुअली खुदाई की गई। काम के दौरान सुरंग में दोबारा पानी निकल आया। इसे मोटर पंप से बाहर निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू टीम रविवार दोपहर करीब पौने एक बजे मयंक तक पहुंच पाई।
मुख्यमंत्री ने की रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मयंक के पिता विजय, मां शीला, दादा हिंचलाल आदिवासी, नानी निर्मला समेत परिजन और स्थानीय ग्रामीण घटनास्थल पर ही बैठे रहे। उसकी सलामती के लिए दुआएं मांगी गईं। मेडिकल टीम के साथ एंबुलेंस और टेक्नीशियन भी मौके पर थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, सांसद जनार्दन मिश्रा, त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी और रीवा से कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी नीलम मिश्रा भी मयंक के परिजन से मिलने पहुंचे थे।
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