रीवा के डॉक्टरों की 'अवैध' कमाई पर IT का छापा: 7 करोड़ का नोटिस, शहर में हड़कंप!

रीवा के हर डॉक्टर की 'अतिरिक्त आय' अब स्कैनर पर: 7 करोड़ का IT नोटिस, अगला नंबर किसका?
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के प्रतिष्ठित संजय गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। इसका कारण है आयकर विभाग द्वारा कॉलेज प्रबंधन को भेजा गया 7 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नोटिस। यह नोटिस आय छिपाने और आयकर रिटर्न में गड़बड़ी पाए जाने के बाद जारी किया गया है, जिसने कॉलेज परिसर में तनाव का माहौल बना दिया है। इस अप्रत्याशित नोटिस ने मेडिकल कॉलेज के वित्तीय प्रबंधन और कर्मचारियों की आय संबंधी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आयकर विभाग की कार्रवाई: डॉक्टरों, अधिकारियों पर आय छिपाने का आरोप
आयकर विभाग की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि मेडिकल कॉलेज के कई चिकित्सकों, अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने अपनी आय की सही जानकारी सरकार को नहीं दी। आरोप है कि उन्होंने अपनी वास्तविक आय को छुपाकर रखा। यह एक बड़ी अनियमितता है, जिसके चलते अब सभी संबंधित कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आयकर विभाग द्वारा जारी किया गया यह नोटिस इस बात का स्पष्ट संकेत है कि विभाग अब आय से संबंधित छोटी से छोटी गड़बड़ी को भी गंभीरता से ले रहा है।
प्राइवेट कंपनी की भूमिका और टैक्स रिटर्न में मिली गड़बड़ियां
यह जानना महत्वपूर्ण है कि संजय गांधी अस्पताल में आयकर से संबंधित दस्तावेज भरने और जमा करने का काम मेसर्स डागा अरुण एवं कंपनी नामक एक निजी फर्म को सौंपा गया है। यही कंपनी अस्पताल के सभी कर्मचारी, डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और अधिकारियों के आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करती है। आयकर विभाग के नोटिस में वित्तीय वर्ष 2023-24 और निर्धारण वर्ष 2024-25 के इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म, कंप्यूटेशन और 26AS में बड़ी भिन्नता पाई गई है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में आयकर जानकारी में गड़बड़ी सामने आई है, जिससे कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। खासकर, अतिरिक्त आय से संबंधित जानकारी को सही ढंग से प्रस्तुत न करना इस गड़बड़ी का मुख्य बिंदु प्रतीत होता है।
अतिरिक्त आय छिपाना पड़ा भारी: अब पेनल्टी का डर
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने कथित तौर पर आयकर विभाग को दी गई अपनी जानकारी में लाखों-हजारों रुपये की अतिरिक्त आय को छुपाया। इतना ही नहीं, यह भी आरोप है कि आयकर रिटर्न के माध्यम से टैक्स के रूप में जमा की गई राशि में भी कुछ हेरफेर किया गया। आयकर विभाग की जांच में यही छिपी हुई आय अब सामने आ गई है, जिसके परिणामस्वरूप करीब 7 करोड़ रुपये की रिकवरी निकल रही है। इस नोटिस के बाद, यदि संबंधित कर्मचारी और अधिकारी इस 7 करोड़ रुपये के अंतर का संतोषजनक हिसाब नहीं दे पाए, तो उन्हें मूल राशि के साथ-साथ भारी-भरकम पेनल्टी भी चुकानी पड़ेगी। इस स्थिति ने सभी संबंधितों में डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।
कॉलेज प्रबंधन का हड़कंप: डीन ने मांगे सभी रिकॉर्ड
7 करोड़ रुपये का नोटिस मिलने के बाद पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक पत्र जारी किया है। यह पत्र संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक, सभी विभागाध्यक्षों, प्रभारी अधिकारी आकस्मिक चिकित्सा विभाग, प्रमुख परिचारिका (जीएमएच, एसजीएमएच), प्रभारी अधिकारी केंद्रीय पुस्तकालय, प्राचार्य नर्सिंग कॉलेज, वर्कशॉप और फोटोग्राफी सहित सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेजा गया है। पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के इनकम टैक्स रिटर्न, कंप्यूटेशन और 26AS के रिकॉर्ड तीन दिनों के भीतर कार्यालय में उपलब्ध कराए जाएं। इस निर्देश के बाद, कर्मचारी भी संभावित पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं। यह देखना होगा कि इस जांच के बाद और कितनी आय से जुड़ी अनियमितताएं सामने आती हैं और इन पर क्या कार्रवाई की जाती है।
एफएक्यू (FAQ)
Q1: रीवा मेडिकल कॉलेज को इनकम टैक्स का कितने रुपये का नोटिस मिला है?
A1: रीवा मेडिकल कॉलेज को इनकम टैक्स विभाग से 7 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है।
Q2: यह नोटिस क्यों जारी किया गया है?
A2: यह नोटिस आय छिपाने और वित्तीय वर्ष 2023-24 तथा निर्धारण वर्ष 2024-25 के आयकर रिटर्न में भिन्नता (discrepancy) पाए जाने के कारण जारी किया गया है।
Q3: किस कंपनी पर आयकर जानकारी भरने की जिम्मेदारी थी?
A3: आयकर जानकारी भरने का काम मेसर्स डागा अरुण एवं कंपनी नामक एक निजी फर्म को सौंपा गया था।
Q4: अगर कर्मचारी हिसाब नहीं दे पाए तो क्या होगा?
A4: यदि कर्मचारी और अधिकारी 7 करोड़ रुपये के अंतर का हिसाब नहीं दे पाए, तो उन्हें पेनल्टी के साथ इस राशि की भरपाई करनी होगी।
Q5: डीन ने अधिकारियों से कौन से दस्तावेज मांगे हैं?
A5: डीन ने सभी संबंधित अधिकारियों से इनकम टैक्स रिटर्न, कंप्यूटेशन और 26AS के रिकॉर्ड तीन दिन में जमा करने को कहा है।