REWA : मेरा नगर निगम क्या प्रशासन भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता ... मैं हूं जय डेयरी संचालक

 
IMAGE

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा शहर में दूध-दही, खोवा-पनीर मिठाई बेचने वाला जय डेयरी का (jay dairy) संचालक मृगेंद्र सिंह पटेल अपनी हरकतों से शासन के खिलाफ जाकर कर रहा काम । इसके कई ऐसे कारनामे है जिस पर प्रशासन द्वारा कई बार ताबड़तोड़ कार्यवाही भी की गई है। वही एक बार फिर ताजा मामला रोड में पानी बहाने को लेकर एवं उससे निकलने वाली दुर्गंध को लेकर ताजा मामला तूल पकड़ा है। डेयरी संचालक बरसते पानी का फायदा उठाकर नालियों में पानी न बहाकर गंदे पानी बरसात की आड़ में रोड पर ही बहा रहा है, जिसका सारा पानी न्यायालय के दक्षिणी गेट के पास जमा हो जाता है जिस पर आने जाने वाली गाड़ी के वाहनों का छीटा दुकानों में पड़ता।

यही नहीं हर साल बारिश के मौसम आते हैं डेयरी संचालक द्वारा इस तरह के कारनामे किए जाते हैं। जबकि शासन की गाइडलाइन के अधीन सड़क पर मटमैला और दुर्गंध पानी बहाने शासन के अधीन है। शासन की गाइडलाइन को दिनदहाड़े डंके की चोट पर ठेंगा दिखाता है जय डेरी संचालक।

पूर्व कलेक्टर इलैयाराजा टी ने की थी जय डेयरी संचालक के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही

जानकारी के लिए बता दें रीवा शहर में जय डेयरी संचालक के खिलाफ कई बार जाम को लेकर अतिक्रमण को लेकर एवं पानी बहाते दुर्गंध पैदा करने को लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। वही एक बार फिर जय डेरी का संचालक यह कहता है कि मेरा नगर निगम तो क्या प्रशासन भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मैं 20 साल से न्यायालय परिसर में फाइव स्टार होटल चला रहा हूं,डंके की चोट पर फाइव स्टार होटल चलाता हूं, मुझे किसी का कोई डर नहीं है मैं प्रशासन को अपनी जेब में रखता हूं।

image

​जब इस मामले में जय डेयरी संचालक से बात की गई तो यह जवाब दिया गया कि, मैं ऐसे ही पानी बहता हू,जिसको जो करना हो कर ले। जबकि न्यायालय परिसर से लेकर सुलभ कंपलेक्स तक सीधे तौर पर नालियां बनी हुई है जहां नालियों के माध्यम से बहाया हुआ पानी बड़े नाले में जाकर मिलता है। वही डेरी का संचालक बीच से चैंबर खोल करके पूरे पानी को न्यायालय परिसर के बाहर और अंदर तक बदबूदार पानी को बहाता है।

जब डेयरी संचालक से बात की गई तो उसके द्वारा यह जवाब दिया गया कि मैं रोड पर इसी तरह पानी बहाऊंगा जिसको जो करना हो कर ले। जबकि डेयरी से लेकर सुलभ कांप्लेक्स तक पूर्ण रूप से अंडरग्राउंड नालियां बनी हुई है जिसकी नियमित तौर पर कई बार सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से साफ सफाई करवाई गई है तो वही पूरा बदबूदार पानी नाली में ना बहा कर पूरे रोड में बहाया जाता जो कि सीधा-सीधा नियम के खिलाफ है, खैर इस मामले की पूरी जानकारी सीएम हेल्पलाइन में दर्ज करा दी गई है।

पूर्व जिला न्यायाधीश द्वारा की जा चुकी है कार्यवाही

आपको बता दें कि न्यायालय परिसर के दक्षिणी गेट के बगल से जन्म दूर पर जय डेरी संचालित है जिस पर पूर्व जिला न्यायाधीश पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की गई थी जहां पर डेयरी संचालक ने पूरी रोड पर अतिक्रमण कर रखा था आने जाने वाले हर राहगीर को इनके अतिक्रमण का सामना करना पढ़ता था। शाम को जिला न्यायालय की छुट्टी होते ही जय डेयरी के बाहर उत्पन्न होती है जाम की स्थिति। इस पूरी जाम की स्थिति को देखते हुए पूर्व जिला न्यायाधीश द्वारा जय डेरी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की गई थी जिसको सोशल मीडिया पर वीडियो में वायरल था और साफ-साफ देखा जा रहा था जी पूरे रोड पर डेयरी संचालक द्वारा किस तरह कब्जा किया गया था जिसके पूरे कब्जे को नगर निगम द्वारा क्षतिग्रस्त करके हटा दिया गया था।

image

रोज डेयरी के बाहर लगता है जाम
पूर्व कलेक्टर इलैयाराजा टी के कार्यकाल में डेयरी संचालक की बोलती थी तूती। अगर आपको जाम का भारी-भरकम नजारा देखना है तो शाम को जिला न्यायालय के दक्षिण गेट के पास जाइए और वह किस तरीके से दिल्ली के बाहर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है वहां पर खुद जाकर देखा जा सकता है। न्यायालय परिसर की न्यू बिल्डिंग के नीचे पार्किंग एरिया बना हुआ है लेकिन जय डेयरी की दूध वाली गाड़ी दिल्ली बाहर ही खड़ी रहती है, वहीं अन्य गाड़ियों के खड़े होने से जाम की स्थिति उत्पन्न होती है जिस पर कई बार सिविल लाइन पुलिस द्वारा भी कार्यवाही की गई है और यातायात ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी कार्यवाही की गई है किंतु प्रशासन को आज भी ठेंगा दिखाता है जय डेयरी का संचालक।

image

डेयरी संचालक के पास नहीं है सैंपल रिपोर्ट

जानकारी के लिए बता दें कि अगर फूड विभाग डेयरी संचालक के यहां कार्यवाही करने पहुंचे तो भारी मात्रा में  कई त्रुटियां मिलेंगी। इनके यहां सारे वर्कर बिना ग्रह नहीं खाने पीने वाली चीजों पर गंदे हाथों से ग्राहकों को जहर और कई बीमारी परोस रहे हैं।

image

इनके पास किसी प्रकार का कोई महीने का सैंपल रिपोर्ट नहीं है और ना ही इनके किसी आइटम में कोई शुद्धता का प्रमाण पत्र है कि वह आइटम कितने दिन का और सैंपल रिपोर्ट पर उपलब्ध है या नहीं। हर दूध, दही खोवा, पनीर आइटम में अगर इनकी जांच की जाए हो सकता है कहीं मिलाती जैसे चीजों का खुलासा हो सके।

image

​वही एक और बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार फूड विभाग इन पर मेहरबान क्यों है? आज तक क्यों नहीं हुई जय डेयरी के संचालक के खिलाफ कार्यवाही?

नामी-गिरामी तक पहुंचती है जय डेयरी की मिठाई इसलिए दब जाता है मामला?

आज तक दूध,दही खोवा, पनीर के सैंपल कि नहीं हुई जांच, आखिर किसका मिल रहा  सहयोग?

अब देखना यह है कि निगम प्रशासन एवं फूड विभाग डेयरी संचालक के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा..

Related Topics

Latest News