नगर निगम के नाम पर दिनदहाड़े गुंडागर्दी! D-Mart रोड पर ₹50 की पर्ची का खेल, कौन है असली मास्टरमाइंड?

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में नगर निगम के नाम पर चल रही अवैध वसूली का काम थमने का नाम नहीं ले रहा है। शहर के दो प्रमुख मार्गों, डी-मार्ट के सामने बदराव-चिरहुला मार्ग और रतहरा नहर के पास, पर खुलेआम वाहनों से मनमानी वसूली की जा रही है। यह वसूली न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि इसमें शामिल लोग न तो कोई वर्दी पहने होते हैं और न ही उनके पास नगर निगम का कोई बिल्ला होता है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि यह वसूली आखिर किसके इशारे पर हो रही है और प्रशासन इस पर आँखें क्यों मूंदे हुए है?

डी-मार्ट के सामने बदराव-चिरहुला मार्ग पर बेधड़क वसूली
डी-मार्ट के सामने बदराव-चिरहुला मार्ग पर हर आने-जाने वाले छोटे-बड़े वाहन से ₹20 से ₹50 की मनमानी रकम वसूली जा रही है। यह वसूली उन लोगों द्वारा की जा रही है, जिनका नगर निगम से कोई सीधा संबंध नहीं दिखता। ये लोग न कोई आधिकारिक रसीद देते हैं और न ही अपनी पहचान बताते हैं। अगर कोई वाहन चालक इसका विरोध करता है तो उससे झगड़ा किया जाता है। वाहन चालकों का कहना है कि वे हर बार डर के मारे पैसे दे देते हैं, क्योंकि विवाद करने पर उन्हें आगे के सफर में परेशानी हो सकती है। यह स्थिति न सिर्फ आम जनता के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

रतहरा नहर के पास भी जारी है वसूली का खेल
इसी तरह का हाल रतहरा नहर के पास भी है। यहाँ भी हर दिन सैंकड़ों वाहनों से ₹20 से ₹50 की वसूली की जा रही है। यह रास्ता शहर से बाहर जाने वाले वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण बाईपास है, और यहाँ का हाल सबसे बुरा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वसूली कई महीनों से चल रही है और कई बार तो इसकी शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं।

नवंबर 2024 में, पुलिस और एसडीएम की टीम ने रतहरा बाईपास पर औचक निरीक्षण कर अवैध वसूली करते हुए चार लोगों को पकड़ा था। लेकिन, कुछ समय बाद फिर से यह काम शुरू हो गया। इससे साफ पता चलता है कि ये कुछ लोग नहीं, बल्कि एक पूरा नेक्सस है जो इस अवैध धंधे को चला रहा है और उन्हें किसी का डर नहीं है।

नगर निगम का क्या है रुख?
नगर निगम रीवा ने इस तरह की अवैध वसूली को रोकने के लिए कई बार सख्त कदम उठाने की बात कही है। निगम ने टैंपो-टैक्सी और व्यावसायिक वाहनों से वसूली के लिए एक ठेका भी दिया है, जिसके तहत मेसर्स एस.डी. ग्रुप्स एंड एजेंसीज को कुछ निर्धारित जगहों पर ही वसूली करने का अधिकार है। इसके लिए टैंपो-टैक्सी से ₹5, मिनी ट्रक/ट्रैक्टर से ₹10 और बड़े ट्रकों से ₹20 की रसीद काटने का नियम है।

लेकिन, सूत्रों का कहना है कि ठेकेदार के लोग अनधिकृत जगहों पर भी वसूली कर रहे हैं। वे फर्जी रसीदों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिन पर न तो कोई सीरियल नंबर होता है और न ही वे नगर निगम द्वारा प्रमाणित होती हैं। इस तरह, वे नगर निगम की छवि को खराब कर रहे हैं और जनता को लूट रहे हैं।

पूरे सिस्टम पर सवाल
यह मामला सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है।

  • पुलिस प्रशासन की भूमिका: जब खुलेआम, बिना वर्दी और बिल्ले के लोग वसूली कर रहे हैं, तो पुलिस क्या कर रही है? क्या उन्हें इसकी जानकारी नहीं है? अगर है, तो वे कार्रवाई क्यों नहीं करते?
  • नगर निगम की जवाबदेही: अगर ठेकेदार निर्धारित नियमों का उल्लंघन कर रहा है, तो नगर निगम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता? सिर्फ FIR के आदेश देकर क्या यह समस्या हल हो जाएगी?
  • सरकार और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी: इस तरह की अवैध गतिविधियों पर सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधि क्यों चुप हैं? क्या उन्हें जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है?

यह स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण और आधिकारिक मिलीभगत का संदेह है। जब तक इस पूरे नेक्सस को जड़ से खत्म नहीं किया जाता, तब तक यह अवैध वसूली का खेल जारी रहेगा और जनता इसी तरह लुटती रहेगी।
यह मामला पूरे सिस्टम की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। जरूरत है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए और इन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि आम जनता को इस अवैध वसूली से राहत मिल सके।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: नगर निगम के नाम पर हो रही यह वसूली वैध है या अवैध?

A: यह वसूली पूरी तरह से अवैध है, क्योंकि इसे करने वाले लोग न तो वर्दी पहने होते हैं और न ही उनके पास कोई आधिकारिक रसीद होती है।

Q2: अगर कोई मुझसे ऐसी वसूली करे तो मुझे क्या करना चाहिए?

A: आपको तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए और इस घटना की शिकायत दर्ज करानी चाहिए। बिना किसी आधिकारिक रसीद के पैसे देना गैरकानूनी है।

Q3: नगर निगम ने इस पर क्या कदम उठाए हैं?

A: नगर निगम ने अवैध वसूली करने वाले ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं और पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है।

Q4: इन लोगों को किसने वसूली का अधिकार दिया है?

A: नगर निगम ने एक ठेकेदार को कुछ निश्चित स्थानों पर ही वसूली का अधिकार दिया है, लेकिन यह वसूली अनधिकृत स्थानों पर की जा रही है।

Q5: क्या यह सिर्फ रीवा में हो रहा है?

A: इस तरह की अवैध वसूली की घटनाएं देश के कई हिस्सों में देखी जाती हैं, जहाँ भ्रष्टाचार और मिलीभगत के कारण यह समस्या बढ़ रही है।

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