नंदना पंचायत में 'चरित्रहीनता' का नंगा नाच! महिला रोजगार सहायक की सुरक्षा खतरे में, न्याय के लिए पुलिस-प्रशासन पर सीधा दबाव!

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले की ग्राम पंचायत नंदना से एक अत्यंत गंभीर मामला सामने आया है, जिसने ग्रामीण प्रशासन में महिला अधिकारों की सुरक्षा पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। महिला रोजगार सहायक अर्चना सिंह ने पंचायत सचिव प्रदीप सिंह पर न केवल मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, बल्कि छेड़छाड़ जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। यह मामला तब और भी अधिक चिंताजनक हो जाता है, जब यह पता चलता है कि यह उत्पीड़न एक सरकारी कार्यालय के भीतर और ड्यूटी के दौरान किया गया है। यह घटना दर्शाती है कि ग्रामीण कार्यस्थलों पर महिलाओं को अभी भी सुरक्षित माहौल नहीं मिल पा रहा है।
पीड़ित महिला ने हिम्मत दिखाते हुए न केवल स्थानीय महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई है, बल्कि न्याय के लिए जिला पंचायत कार्यालय में भी उच्च अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले ने केवल नंदना पंचायत में नहीं, बल्कि पूरे जिला प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है और प्रशासनिक जवाबदेही की मांग तेज कर दी है।
प्रताड़ना और छेड़छाड़ की भयावह कहानी
महिला रोजगार सहायक अर्चना सिंह ने अपनी शिकायत में जो विवरण दिया है, वह सचिव प्रदीप सिंह के अशोभनीय और आपराधिक आचरण की ओर इशारा करता है। महिला ने आरोप लगाया है कि सचिव प्रदीप सिंह उन्हें लंबे समय से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
शिकायत के अनुसार, यह उत्पीड़न एक विशेष घटना तक सीमित नहीं था। महिला ने बताया कि सचिव ने कार्यालय से रीवा तक जाते हुए रास्ते में उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार और छेड़छाड़ की। सरकारी कर्मचारी पर छेड़छाड़ के आरोप लगने के बाद यह विषय केवल व्यक्तिगत उत्पीड़न की समस्या नहीं रह जाता, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही को भी दर्शाता है जो इस तरह के आचरण को बढ़ने देती है। बार-बार होने वाली इस प्रताड़ना ने महिला के मन में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ा दी थी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें यह प्रश्न अनिवार्य हो जाता है।
डबल एक्शन: पुलिस और जिला पंचायत में शिकायत
पीड़ित महिला ने न्याय के लिए दो महत्वपूर्ण मोर्चों पर लड़ाई शुरू की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आरोपी बच न पाए:
महिला थाना में शिकायत: पीड़िता ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच का उद्देश्य आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला स्थापित करना है।
जिला पंचायत सीईओ को शिकायत: महिला ने जिला पंचायत कार्यालय में भी उच्च अधिकारियों से शिकायत की है। जिला पंचायत के सीईओ (Zilla Panchayat CEO) ने मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और स्पष्ट आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह शिकायत प्रक्रिया और प्रशासनिक जवाबदेही की पहली महत्वपूर्ण कड़ी है, जिससे यह उम्मीद जगी है कि न्याय में देरी नहीं होगी।
सचिव का 'पुराना रिकॉर्ड': प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
इस मामले की सबसे चिंताजनक बात यह है कि पंचायत सचिव प्रदीप सिंह पर पहले भी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप लग चुके हैं। यह तथ्य सीधे तौर पर प्रशासन की निष्क्रियता और कमजोरी को दर्शाता है। अगर पहले लगे आरोपों पर उचित कार्रवाई हुई होती, तो शायद आज यह घटना घटित नहीं होती।
पंचायत सचिव पर पहले भी क्या केस थे, इसकी गहन जांच होनी चाहिए। एक ही अधिकारी पर बार-बार ऐसे आरोप लगना यह संकेत देता है कि प्रशासन ऐसी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेता है, जिससे महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा लगातार बना रहता है। इस पुनरावृत्ति के खतरे को समाप्त करने के लिए यह जानना आवश्यक है कि पंचायत सचिव को कैसे हटाएँ और ऐसे मामलों में त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई का क्या प्रावधान है।
आंदोलन की तैयारी: पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग
प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू होने के बावजूद, पीड़ित महिला और उनके समर्थक अब आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। यह सामाजिक दबाव बनाने की रणनीति है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक जागरूकता और एकजुटता की आवश्यकता को दर्शाती है।
- आंदोलन का मुख्य उद्देश्य केवल दोषी को दंडित कराना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि:
- दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- पीड़ित महिला रोजगार सहायक को उचित और सुरक्षित पदस्थापना मिले।
- यह सामाजिक आंदोलन की भूमिका यह संकेत देती है कि न्याय में किसी भी प्रकार की देरी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष: ग्रामीण कार्यस्थल पर महिला सुरक्षा और जवाबदेही
रीवा जिले की नंदना पंचायत का यह मामला ग्रामीण कार्यस्थलों पर महिला सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही के महत्व को रेखांकित करता है। उच्च अधिकारियों द्वारा जांच का आश्वासन एक सकारात्मक कदम है, लेकिन अब सबसे महत्वपूर्ण है त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत कैसे करें, यह प्रक्रिया सभी के लिए सुलभ और सुरक्षित हो। ऐसे मामलों में कठोरतम कार्रवाई भविष्य में अन्य महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए एक मजबूत संदेश देगी।