रीवा की जनता जानना चाहती है: कबाड़ी मोहल्ले के बाद, पूरे शहर से नशे का 'सफाया' कब? Rewanewsmedia.com का IG-SP को खुला खत!

 
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रीवा के कबाड़ी मोहल्ला में नशे के खिलाफ पुलिस का अभूतपूर्व अभियान। आईजी गौरव राजपूत की अगुवाई और एसपी विवेक सिंह के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने दशकों पुराने ड्रग्स नेटवर्क को चुनौती दी। 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पहली बार, नशे के काले कारोबार पर इतनी बड़ी, इतनी संगठित और इतनी हाई-टेक कार्रवाई की गई है। यह सिर्फ एक पुलिस रेड नहीं, बल्कि एक 'ऑपरेशन क्लीन' है, जिसने रीवा में दशकों से फल-फूल रहे ड्रग्स नेटवर्क को सीधे चुनौती दी है। आईजी गौरव राजपूत की दूरदर्शी पहल और एसपी विवेक सिंह के कुशल निर्देशन में कबाड़ी मोहल्ले में हुई इस 'महा-दबिश' ने न केवल अपराधियों के होश उड़ा दिए हैं, बल्कि आम जनता के मन में भी एक नई उम्मीद जगाई है कि अब रीवा को नशा मुक्त किया जा सकता है। यह इलाका लंबे समय से नशा तस्करों का गढ़ बना हुआ था, जहाँ से शहर के कोने-कोने में नशे का जहर फैलता था। इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रीवा में अब नशे के कारोबारियों की मनमानी नहीं चलेगी।

मीडिया की गूँज और प्रशासन की कार्रवाई
यह अभूतपूर्व कार्रवाई यूँ ही नहीं हुई। इसके पीछे रीवा न्यूज़ मीडिया की लगातार और मुखर रिपोर्टिंग का बड़ा हाथ है। 16 जुलाई और 24 जुलाई 2025 को, रीवा न्यूज़ मीडिया ने कबाड़ी मोहल्ला में चल रहे नशे के काले कारोबार को प्रमुखता से उजागर किया था। इन खबरों में इस बात पर विशेष बल दिया गया था कि यह धंधा किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, और इसमें पुलिस के कथित संरक्षण की भी बात कही गई थी। मीडिया ने इसे एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में प्रस्तुत करते हुए, तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की थी। मीडिया के इस निरंतर दबाव ने अंततः प्रशासन को हरकत में आने पर मजबूर किया। यह एक सशक्त उदाहरण है कि कैसे स्वतंत्र पत्रकारिता एक बड़े बदलाव की नींव रख सकती है।

कबाड़ी मोहल्ला: जहाँ नशे की जड़ें थीं गहरी
कबाड़ी मोहल्ला, जो रीवा शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आता है, लंबे समय से नशे के कारोबार का एक कुख्यात केंद्र रहा है। यहाँ की संकरी गलियों और घरों में, खुलेआम Corex, Onrex, Alprazolam जैसी नशीली दवाएं बेची जाती थीं। यह मोहल्ला सिर्फ एक बिक्री केंद्र नहीं, बल्कि रीवा में नशे के काले कारोबार का एक प्रमुख हब बन चुका था। यहाँ से नशीली सामग्री शहर के हर हिस्से तक पहुंचती थी, जिससे युवा पीढ़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रही थी। पुलिस के लिए यह इलाका हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है, क्योंकि यहाँ का नेटवर्क इतना गहरा और संगठित था कि इसे तोड़ना आसान नहीं था।

पुलिस का 'महा-दबिश': सुबह-सुबह का बड़ा हमला
आज सुबह लगभग 5 बजे, कबाड़ी मोहल्ले में पुलिस ने जो 'महा-दबिश' दी, वह रीवा के इतिहास में एक अभूतपूर्व पुलिस ऑपरेशन था। आईजी गौरव राजपूत के निर्देश पर और एसपी विवेक सिंह के नेतृत्व में इस अभियान को अंजाम दिया गया। जिले भर का पुलिस बल, जिसमें दोनों सीएसपी (City Superintendent of Police) और ग्रामीण थानों के जवान भी शामिल थे, इस कार्रवाई में मौजूद थे। पूरा मोहल्ला देखते ही देखते पुलिस छावनी में बदल गया था, जिससे नशे के कारोबारियों को भागने या छिपने का कोई मौका नहीं मिला। यह एक सुनियोजित और व्यापक हमला था, जिसका उद्देश्य सिर्फ छोटे-मोटे डीलरों को पकड़ना नहीं, बल्कि नशे के नेटवर्क की जड़ों को हिलाना था।

टेक्नोलॉजी का वार: ड्रोन, डॉग स्क्वॉड और साइबर टीम की भूमिका
इस रेड में जो बात सबसे खास थी, वह थी आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रभावी इस्तेमाल। पुलिस ने पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नवीनतम संसाधनों का भी भरपूर उपयोग किया, जिससे ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित हुई:

  • डॉग स्क्वॉड: प्रशिक्षित कुत्तों ने छिपे हुए मादक पदार्थों को सूंघकर सटीक रूप से चिन्हित किया। यह उन जगहों पर बेहद प्रभावी साबित हुआ जहाँ नशीली सामग्री को चतुराई से छिपाया गया था।
  • ड्रोन: ड्रोन से पूरे इलाके की हवाई निगरानी की गई। इससे पुलिस को संकरी गलियों और घरों के अंदर की स्थिति का पता लगाने में मदद मिली, खासकर उन दुर्गम स्थानों पर जहाँ सीधे पहुंचना मुश्किल होता है। ड्रोन ने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी संदिग्ध बचकर न निकल पाए।
  • साइबर सेल: साइबर सेल की टीम ने संदिग्धों की मोबाइल एक्टिविटी और डिजिटल फुटप्रिंट्स को ट्रेस किया। इससे नशे के नेटवर्क के ऑनलाइन संपर्कों और लेनदेन का पता लगाने में मदद मिली, जो इस कारोबार की गहरी जड़ों को उजागर कर सकता है।

यह तकनीकी समन्वय दर्शाता है कि रीवा पुलिस अब अपराध से लड़ने के लिए अधिक स्मार्ट और प्रभावी तरीकों का इस्तेमाल कर रही है।

नशे के कारोबार में महिलाओं की चौंकाने वाली भूमिका
कबाड़ी मोहल्ले की एक और चौंकाने वाली हकीकत यह थी कि यहाँ नशे के नेटवर्क में महिलाएं भी सक्रिय रूप से शामिल थीं। वे अक्सर घरों और गुमटियों से इस अवैध धंधे को चलाती थीं, जिससे उन पर शक करना मुश्किल हो जाता था। यह एक गंभीर सामाजिक पहलू है, जो दर्शाता है कि नशे का कारोबार अब केवल पुरुषों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह पूरे परिवार और समुदाय को अपनी चपेट में ले चुका है। महिलाओं की संलिप्तता इस समस्या की जटिलता को और बढ़ा देती है, क्योंकि यह सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करती है।

गिरफ्तारियाँ और आगे की जाँच: क्या खुलेंगे बड़े राज?
इस बार पुलिस ने कई महिलाओं को हिरासत में लिया है, जिनके पास से भारी मात्रा में नशीली कफ सिरप बरामद की गई है। पुलिस को उम्मीद है कि इन महिलाओं से गहन पूछताछ के जरिए इस पूरे नेटवर्क के बड़े नामों का खुलासा होगा। अक्सर, महिलाएं इस कारोबार में एक 'मोहरे' के रूप में इस्तेमाल होती हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी से बड़े तस्करों तक पहुंचने का रास्ता खुल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी पूछताछ से कौन-कौन से नए राज सामने आते हैं और यह नेटवर्क कितना गहरा है। क्या इस बार पुलिस उन 'बड़े खिलाड़ियों' तक पहुंच पाएगी, जो पर्दे के पीछे से इस धंधे को चलाते हैं?

RewaNewsMedia.com के तीखे सवाल: क्या यह बदलाव स्थायी है?
कार्रवाई के तुरंत बाद, RewaNewsMedia.com ने आईजी गौरव राजपूत से कुछ अहम और तीखे सवाल पूछे, जो न केवल मीडिया, बल्कि आम जनता के मन में भी थे:

  • क्या यह कार्रवाई केवल दिखावा है या आगे और बड़ी योजनाएं हैं? क्या यह सिर्फ एक दिन का ऑपरेशन है, या नशे के खिलाफ यह मुहिम जारी रहेगी जब तक रीवा नशा मुक्त नहीं हो जाता?
  • कब तक पुलिस अपने ही सिस्टम में फैले भ्रष्ट अफसरों पर भी कार्रवाई करेगी जो इस कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं? यह एक बड़ा सवाल है, क्योंकि जब तक आंतरिक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, बाहरी कार्रवाई का पूरा असर नहीं दिखेगा।
  • क्या पूरे कबाड़ी मोहल्ले को "Drug Free Zone" घोषित किया जाएगा? यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा जो इस इलाके को नशे के चंगुल से पूरी तरह बाहर निकालने में मदद करेगा और एक मिसाल कायम करेगा।
  • ये सवाल इस बात पर जोर देते हैं कि पुलिस को न केवल कार्रवाई करनी है, बल्कि उसे पारदर्शी, स्थायी और अपने भीतर की सफाई के साथ भी करना है।

आईजी गौरव राजपूत का 'नशा मुक्त रीवा' संकल्प
आईजी गौरव राजपूत ने जब रीवा की जिम्मेदारी संभाली थी, तभी से उन्होंने रीवा को नशा मुक्त करने का दृढ़ संकल्प लिया था। कबाड़ी मोहल्ले में हुई यह कार्रवाई उसी संकल्प का पहला मजबूत कदम है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था – “नशे के कारोबारियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कोई भी हों।” यह बयान पुलिस के दृढ़ संकल्प और जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है। रीवा में युवाओं के बढ़ते अपराध, गली-मोहल्लों में कफ सिरप की खुलेआम बिक्री और ड्रग्स के कारण हो रही मौतें – ये सभी चिंताजनक संकेत हैं, जो इस तरह की कठोर कार्रवाई की आवश्यकता को और बढ़ा देते हैं। आईजी की इस पहल से उम्मीद जगी है कि रीवा को नशा मुक्त बनाना संभव है, बशर्ते यह मुहिम लगातार और बिना किसी ढिलाई के जारी रहे।

भ्रष्टाचार का जाल: क्या पुलिस इसे तोड़ पाएगी?
एक बड़ा और गंभीर सवाल यह है कि क्या प्रशासन अपने ही सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को खत्म कर पाएगा? यह एक ऐसी चुनौती है, जो किसी भी बड़े अभियान की सफलता को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती है। क्योंकि जब तक रिश्वत लेकर आंख मूंदने वाले पुलिसकर्मी बाहर नहीं होंगे, तब तक कोई भी कार्रवाई पूरी तरह से असरदार नहीं होगी। भ्रष्टाचार बनाम कार्रवाई की यह जंग रीवा में नशे के खिलाफ लड़ाई का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पुलिस को न केवल बाहरी अपराधियों से लड़ना है, बल्कि अपने भीतर की बुराइयों को भी खत्म करना है, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके।

अगले निशाने पर कौन? रीवा के अन्य संवेदनशील इलाके
कबाड़ी मोहल्ले में हुई कार्रवाई के बाद, सूत्रों के अनुसार, अगली कार्रवाई रीवा के अन्य संवेदनशील इलाकों में होने वाली है। इनमें बिछिया, संजय गांधी वार्ड, गुढ़, सिरमौर रोड, और रतहरा सहित रीवा के कई कोने-कोने शामिल हैं, जहाँ नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। पुलिस इन जगहों पर भी इसी तरह की रणनीति तैयार कर रही है। यह दर्शाता है कि यह सिर्फ एक मोहल्ले तक सीमित अभियान नहीं है, बल्कि पूरे शहर को नशा मुक्त करने की एक व्यापक और चरणबद्ध योजना है। यह एक संकेत है कि पुलिस अब पूरे शहर को नशे के चंगुल से आज़ाद कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

क्या रीवा सच में नशा मुक्त हो पाएगा?
आईजी गौरव राजपूत की पहल निश्चित रूप से प्रशंसनीय है और इसने एक नई उम्मीद जगाई है। लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब यह कार्रवाई एक स्थायी रणनीति में बदलेगी और लगातार जारी रहेगी। अगर प्रशासन, पुलिस, और जनता मिलकर काम करें, और सबसे महत्वपूर्ण, अगर भ्रष्टाचार पर लगाम लगे, तो रीवा को नशे से पूरी तरह आज़ाद किया जा सकता है। RewaNewsMedia.com का आईजी और एसपी से सीधा सवाल है: कार्रवाई तो बहुत हुई कबाड़ी मोहल्ले में, लेकिन पूरी तरह से यह धंधा कब खत्म होगा? रीवा शहर में कोरेक्स और गांजे का खात्मा कब पूरी तरह से होगा? यह सवाल तब तक पूछा जाता रहेगा, जब तक रीवा सचमुच नशा मुक्त नहीं हो जाता। यह सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर इस बुराई को जड़ से खत्म करें और अपने भविष्य को सुरक्षित करें।

FAQ
1. रीवा में कबाड़ी मोहल्ला में हुई पुलिस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य क्या था?
मुख्य उद्देश्य रीवा में दशकों से चल रहे नशे के काले कारोबार को जड़ से खत्म करना और उसके संगठित नेटवर्क का पता लगाना था।

2. इस अभियान में पुलिस ने किन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया?
पुलिस ने डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और साइबर सेल की टीमों का इस्तेमाल किया ताकि नशे के कारोबारियों का पता लगाया जा सके और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।

3. क्या इस अभियान में महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है?
हाँ, पुलिस ने कई महिलाओं को हिरासत में लिया है जिनके पास से नशीली कफ सिरप बरामद हुई है। इनसे पूछताछ जारी है ताकि बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सके।

4. रीवा न्यूज़ मीडिया का इस कार्रवाई में क्या योगदान रहा?
रीवा न्यूज़ मीडिया ने 16 और 24 जुलाई 2025 को कबाड़ी मोहल्ले में नशे के कारोबार को प्रमुखता से उजागर किया था, जिससे पुलिस पर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा और यह अभियान चलाया गया।

5. क्या यह कार्रवाई सिर्फ कबाड़ी मोहल्ले तक सीमित है या अन्य इलाकों में भी होगी?
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ कबाड़ी मोहल्ले तक सीमित नहीं है। पुलिस की अगली कार्रवाई रीवा के अन्य संवेदनशील इलाकों जैसे बिछिया, संजय गांधी वार्ड, गुढ़, सिरमौर रोड और रतहरा में भी होने वाली है।

6. रीवा न्यूज़ मीडिया ने पुलिस से क्या तीखे सवाल पूछे हैं?
RewaNewsMedia.com ने आईजी गौरव राजपूत से पूछा है कि क्या यह कार्रवाई सिर्फ दिखावा है, पुलिस भ्रष्ट अफसरों पर कब कार्रवाई करेगी, और क्या कबाड़ी मोहल्ले को "Drug Free Zone" घोषित किया जाएगा।

7. क्या रीवा को पूरी तरह नशा मुक्त किया जा सकता है?
आईजी गौरव राजपूत के संकल्प और इस तरह की लगातार कार्रवाई से उम्मीद है कि रीवा को नशा मुक्त किया जा सकता है, बशर्ते पुलिस, प्रशासन और जनता मिलकर काम करें और भ्रष्टाचार पर प्रभावी ढंग से लगाम लगे।

8. नशे के कारोबार में महिलाओं की संलिप्तता क्यों चिंताजनक है?
महिलाओं की संलिप्तता यह दर्शाती है कि नशे का कारोबार केवल पुरुषों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह पूरे परिवार और समुदाय को प्रभावित कर रहा है, जिससे समस्या की जटिलता बढ़ गई है।

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