शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस! रीवा और 9 जिलों में मेरिट कंप्यूट परीक्षा संपन्न, प्रशासनिक टीम ने संभाली कमान

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा और उसके आस-पास के नौ जिलों में राष्ट्रीय मेरिट कंप्यूट परीक्षा का सफल आयोजन किया गया है। यह परीक्षा शासकीय विद्यालयों के आठवीं कक्षा के छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्रतियोगिता है। इस परीक्षा के सुचारू और निष्पक्ष संचालन पर प्रशासन का विशेष ध्यान रहा।
परीक्षा का उद्देश्य और छात्रवृत्ति का महत्व
यह परीक्षा प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का एक प्रभावी माध्यम है।
- लक्ष्य वर्ग: परीक्षा मुख्य रूप से शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए है।
- वित्तीय सहायता: परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 12,000 प्रतिभाशाली छात्रों को कक्षा 12वीं तक शासन द्वारा वित्तपोषित छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने में सहायक है। यह योजना शिक्षा के समावेशी विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
22 केंद्रों पर कड़ी निगरानी: निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर प्रशासन का जोर
परीक्षा का संचालन कड़ी निगरानी और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के साथ किया गया।
- केंद्रों की संख्या: यह परीक्षा कुल 22 केंद्रों पर आयोजित की गई, जिनमें 17 रीवा जिले में थे और 7 अन्य जिले शामिल थे।
- समय प्रबंधन: छात्रों ने निर्धारित अवधि में पेपर दिया, जिससे परीक्षा के व्यवस्थित संचालन और छात्रों में समय प्रबंधन के अभ्यास को बल मिला।
निरीक्षण और प्रशासनिक जवाबदेही
परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े निरीक्षण तंत्र को लागू किया गया।
- निरीक्षण दल का नेतृत्व: रीवा जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रामराज मिश्रा के नेतृत्व में केंद्रों का निरीक्षण किया गया।
- टीम वर्क: निरीक्षण दल में सहायक संचालक राजेश मिश्रा, प्राचार्य पीएल मिश्रा और अन्य संबंधित कर्मचारी भी शामिल थे। यह टीम वर्क और समन्वय की आवश्यकता को दर्शाता है।
- पारदर्शिता: अधिकारियों द्वारा केंद्रों का निरीक्षण करने से परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन बना रहता है, जो प्रशासन की जवाबदेही को प्रदर्शित करता है।
समावेशी विकास और शिक्षा में गुणवत्ता का नया मानक
यह छात्रवृत्ति योजना न केवल छात्रों के शैक्षिक विकास में सहायक है, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय सहायता प्रदान करके, शासन यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी शिक्षा बीच में न छोड़ें। यह छात्रों और अभिभावकों के बीच विश्वास को भी बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष: शिक्षा में गुणवत्ता का नया मानक
राष्ट्रीय मेरिट कंप्यूट परीक्षा का कड़े निगरानी तंत्र के बीच आयोजित होना यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को निष्पक्ष अवसर मिलें और उनकी क्षमताओं का सटीक मूल्यांकन संभव हो। यह परीक्षा शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और समर्पण दोनों के साथ एक नए मानक की स्थापना करती है, जिससे छात्रों के बौद्धिक क्षमता का आकलन होता है और उनके भविष्य की उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त होता है।