रीवा न्याय भवन में महा-तांडव! वकील सड़कों पर, चेंबर आवंटन में 5 लाख का 'घोटाला' और जजों के आदेश पर सवाल!

 
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ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के न्यायिक क्षेत्र में एक नया और आधुनिक कोर्ट भवन बनकर तैयार हो चुका है, जो क्षेत्र की न्याय व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक होना चाहिए था। हालाँकि, इस नए भवन की अधूरी तैयारी ने वकीलों और न्याय प्रक्रिया से जुड़े अन्य लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। नए भवन में अभी भी कई वकीलों के लिए उचित बैठने की व्यवस्था नहीं की जा सकी है, जिसके कारण न्यायिक कार्य प्रणाली प्रभावित हो रही है।

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वकीलों की असमर्थता और असंतोष: पुराने परिसर से कार्य संचालन 
बैठने की उचित व्यवस्था के अभाव में, वकीलों में भारी असंतोष है। वरिष्ठ वकील इंद्रेश चतुर्वेदी ने इस स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि नए भवन में शिफ्टिंग से पहले ही वकीलों के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए थी।

कार्यस्थल की अस्थिरता
नए कोर्ट भवन में स्थान न मिलने के कारण बड़ी संख्या में वकील अभी भी पुराने कोर्ट परिसर में ही अपनी कानूनी कार्यवाही कर रहे हैं।

  • यह स्थिति कार्यस्थल की अस्थिरता को दर्शाती है।
  • वकील असुविधाजनक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं, जिससे उनकी पेशेवर दक्षता और न्याय चाहने वाले पक्षकारों पर सीधा नकारात्मक असर पड़ रहा है। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन और वकीलों के बीच संवाद और समन्वय की कमी है, जो गंभीर समस्या का कारण बन रही है।
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कार्यक्षमता पर प्रभाव: अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर 

बैठने की अव्यवस्था के साथ-साथ, वकीलों को सबसे बड़ी समस्या न्यायिक और प्रशासनिक कार्यालयों के विखंडन से हो रही है।

दौड़-धूप और समय की बर्बादी
वकीलों ने बताया है कि कोर्ट के कई आवश्यक कार्यालय जैसे कलेक्टरेट, कमिश्नरी, बड़ी कोर्ट, एसडीओ कार्यालय आदि अभी भी अलग-अलग जगहों पर स्थित हैं। इस कारण:

उन्हें अपने काम के लिए विभिन्न स्थानों पर दौड़-धूप करनी पड़ती है।
यह कार्यक्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है, क्योंकि उनका बहुमूल्य समय और ऊर्जा परिवहन और एक-जगह से दूसरी-जगह जाने में बर्बाद हो जाती है।
वकील चाहते हैं कि कोर्ट परिसर में सभी सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हों ताकि उनकी कार्यक्षमता बढ़े और परेशानी कम हो।

प्रशासनिक आश्वासन बनाम धरातल की वास्तविकता 
इस पूरे मामले में संबंधित विभाग और प्रशासन की ओर से केवल आश्वासन ही मिल रहे हैं, जबकि धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।

विलम्ब और अनिश्चितता
प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सभी के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की जाएगी, जिससे वकीलों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

  • हालांकि, वकीलों की वर्तमान असमंजस की स्थिति यह दर्शाती है कि कार्यान्वयन में देरी या अड़चनें हैं।
  • वकीलों ने यह भी बताया है कि उन्होंने प्रशासन से कई बार बात की, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
  • प्रशासनिक आश्वासन और वास्तविकता में यह अंतर न्यायिक प्रक्रियाओं की गति और सुगमता पर सीधा नकारात्मक असर डाल सकता है।

वकीलों और पक्षकारों की असुविधा: न्याय प्रक्रिया में बाधा 
कोर्ट परिसर का यह विभाजन और अधूरी व्यवस्था केवल वकीलों के लिए ही नहीं, बल्कि पक्षकारों (Litigants) के लिए भी असुविधाजनक है।

आर्थिक और कार्य संबंधी दिक्कतें

  • वकील इस समस्या के कारण आर्थिक और कार्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनका काम प्रभावित हो रहा है और उन्हें अनियोजित खर्च भी उठाने पड़ रहे हैं।
  • पक्षकारों को भी अपने वकीलों से मिलने और विभिन्न न्यायिक कार्यों के लिए विभिन्न स्थानों पर दौड़-धूप करनी पड़ रही है, जिससे उन्हें अतिरिक्त समय और ऊर्जा खर्च करनी पड़ रही है।
  • यह स्थिति न्यायिक प्रक्रिया की सुगमता को प्रभावित करती है और न्याय मिलने में विलंब का कारण बन सकती है।

समस्या का विश्लेषण और समाधान की आवश्यकता 
यह वीडियो रिपोर्ट रीवा के न्यायिक भवन में प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमियों को स्पष्ट रूप से उजागर करती है।

समाधान की आवश्यकता

  • समन्वय और संवाद: प्रशासन और वकीलों के बीच संवाद और समन्वय को मजबूत किया जाए ताकि सभी संबंधित पक्षों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
  • बुनियादी सुविधाओं की प्राथमिकता: यह दर्शाती है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर की भौतिक उपलब्धता से अधिक आवश्यक है कि उपयोगकर्ताओं की सुविधा (Utility) और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए।
  • कार्यालयों का एकीकरण: न्यायिक कार्यों के लिए आवश्यक सभी कार्यालयों को एक ही कोर्ट परिसर में एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि वकीलों और पक्षकारों को अनावश्यक दौड़-धूप न करनी पड़े।

वकील जल्द व्यवस्था बनने की उम्मीद कर रहे हैं, और उनके हित में प्रशासनिक सुधार और बेहतर समन्वय आवश्यक हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाया जा सके।

FAQ (Frequently Asked Questions)
Q. रीवा के वकीलों को नए कोर्ट भवन में क्या मुख्य समस्या आ रही है?
A. रीवा के वकीलों को नए कोर्ट भवन में सबसे बड़ी समस्या उचित बैठने की व्यवस्था न मिलना है, जिसके कारण वे अभी भी पुराने कोर्ट परिसर में ही काम कर रहे हैं।

Q. वकील इंद्रेश चतुर्वेदी ने क्या असंतोष व्यक्त किया?
A. वकील इंद्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि नए भवन में शिफ्टिंग से पहले ही वकीलों के लिए पूरी व्यवस्था होनी चाहिए थी, और अव्यवस्था के कारण काम प्रभावित हो रहा है।

Q. वकीलों की कार्यक्षमता कैसे प्रभावित हो रही है?
A. वकीलों की कार्यक्षमता इसलिए प्रभावित हो रही है क्योंकि कोर्ट के कई कार्यालय (जैसे कलेक्टरेट, कमिश्नरी, एसडीओ कार्यालय) अलग-अलग जगहों पर बिखरे हुए हैं, जिससे उन्हें लगातार दौड़-धूप करनी पड़ रही है।

Q. प्रशासन ने इस समस्या के संबंध में क्या आश्वासन दिया है?
A. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सभी वकीलों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था की जाएगी ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो, लेकिन अभी तक ठोस समाधान नहीं निकला है।

Q. इस अव्यवस्था से सिर्फ वकीलों को ही परेशानी हो रही है या पक्षकारों को भी?
A. इस अव्यवस्था से न केवल वकीलों को आर्थिक और कार्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि पक्षकारों को भी अपने न्यायिक कार्यों के लिए विभिन्न स्थानों पर दौड़-धूप करनी पड़ रही है, जिससे न्याय प्रक्रिया की सुगमता प्रभावित हो रही है।

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