Rewa News : आरोपी SI बीआर सिंह; मैं 90 राउंड लेकर बैठा हूं, दम है तो आओ आगे... और फिर चल गई गोली

 
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रीवा। टीआई हीतेंद्र नाथ शर्मा को गोली मारने के बाद आरोपित थाना प्रभारी कक्ष में बैठकर धमकाता रहा। पुलिस थाना परिसर को चारों तरफ से घेरकर वेट एण्ड वॉच की स्थिति में नजर आई। एक तरफ पुलिस अधिकारी अस्पताल से पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे। आरोपित ने कक्ष के अंदर दो राउण्ड दुबारा से दाग दिए, तो पुलिसकर्मियां का हौसला जवाब दे गया।

डिप्रेशन में है उपनिरीक्षक
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उपनिरीक्षक बीआर सिंह सीनियर बैच के उपनिरीक्षक में हैं। नशे की लत व विभागीय जांच के कारण उनका समय पर प्रमोशन नही हो सका, जिससे वह डिप्रेशन में चल रहे थे। वर्तमान में सिविल लाइन थाना प्रभारी विभाग में उनके जूनियर होने के बाद भी थाना प्रभारी थे। वह उन्हीं के अधीनस्थ उपनिरीक्षक थे। जूनियर का आदेश उन्हें लगातार नागवार गुजर रहा था।

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थाना प्रभारी और उपनिरीक्षक के बीच बहस का कारण उनका पुलिस लाइन किया गया तबादला माना जा रहा है। दूसरी तरफ जानकारों का मानना है कि सिविल लाइन में हो रही जमीन के फर्जीवाड़े की जांच में क्रेता और विक्रेता को बुलाया था। जमीन के मामले में बीआर सिंह भी शामिल थे। उस मामले को लेकर भी थाना प्रभारी व उपनिरीक्षक में खींचतान चल रही थी।

परिजनों ने की समझाने की कोशिश
पुलिस के आलाधिकारी निजी अस्पताल में पहुंचकर घायल निरीक्षक हितेन्द्रनाथ शर्मा के इलाज कराने की व्यवस्था में जुटे थे। दूसरी तरफ थाना प्रभारी के कक्ष में बैठे बीआर सिंह को मनाने के लिए लगातार पुलिस प्रयास कर रही थी। इस बीच बीआर सिंह के परिजनों को भी बुलाकर उन्हें समझाने की कोशिश कराई, लेकिन बात नहीं बन पाई।

आरआई व एडीजी के बयान में विरोधाभाष
एडीजी केपी वेंकटेश्वर राव ने नईदुनिया से बातचीत करते हुए बताया कि आरोपित उपनिरीक्षक बीआर सिंह की पदस्थापना पुलिस लाइन में है। जबकि रक्षित निरीक्षक वंदना सिंह ने बताया कि उपनिरीक्षक बीआर सिंह की पदस्थापना सिविल लाइन में है। उन्होंने गन शॉट में कौन सी पिस्टल का इस्तेमाल किया है, इसका खुलासा भी अभी तक पुलिस नहीं कर पाई है। घटना के तकरीबन 6 घंटे बीतने के बाद भी अभी तक पुलिस आरोपित उपनिरीक्षक को राउण्डअप नहीं कर पाई है।

वायरलेस सेट से कर रहा बातचीत
प्रभारी के कमरे में बंद उपनिरीक्षक बीआर सिंह लगातार सेट के माध्यम से पुलिस महकमे से एडीजी स्तर के अधिकारियों से बातचीत कराने की बात कर रहा है। हालांकि सिविल लाइन थाना के अंदर पुलिस कर्मी जाने में गुरेज कर रहे हैं। उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

बार-बार आरोपित दे रहा दम

आरोपित लगातार अपने जानने वालों को फोन कर यह कह रहा था कि मैं 90 राउण्ड लेकर बैठा हूं। देखता हूं कौन आगे आता है। इसी बीच पुलिस जिस तरीके से घेराबंदी करके उसे पकड़ने का प्रयास कर रही थी, उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे पुलिस के पास इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कोई संसाधन नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी घायल निरीक्षक के स्वास्थ्य तथा अग्रिम कार्रवाई करने की बात करते नजर आ रहे थे।

गन को लेकर भी संदेह
मिली जानकारी बताया गया है कि अभी भी पुलिस विभाग के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि जिस गन से आरोपित उपनिरीक्षक ने फायर किया है, वह सरकारी पिस्टल 9 एमएम है कि प्राईवेट लाइसेंसी पिस्टल 0.2 है। हालांकि देर शाम तक आरोपित को पकड़ने के लिए पुलिस प्रयास करती नजर आई।

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