Rewa News : एपीएसयू के लॉ छात्रों के वकील बनने का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल को 7 दिन में रजिस्ट्रेशन करने दिया निर्देश

 
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हाईकोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल को 7 दिन में रजिस्ट्रेशन करने दिया निर्देश मान्यता नवीनीकरण न होने से सैकड़ों छात्रों का नहीं हो पा रहा था पंजीयन

रीवा। एपीएसयू रीवा से पास आउट लॉ स्टूडेंटों के वकील बनने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट जबलपुर की डबल बेंच ने राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर को 7 दिन के भीतर पंजीयन के निर्देश दिए हैं। उक्त आदेश बीएएलएलबी की छात्रा प्राची मिश्रा की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। याचिकाकर्ता की और से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने बताया कि अप्रसिंह विचि रीवा द्वारा संचालित बीएएलएलबी पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण छात्रों का राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा अधिवक्ता के तौर पर नामांकन नहीं किया जा रहा था।

इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा था कि एपीएस विवि द्वारा लॉ पाठ्यक्रम का मान्यता नवीनीकरण ही नहीं कराया था। नामांकन नहीं करने के विरुद्ध विधि विभाग अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की बीए एलएलबी की छात्रा प्रज्ञा मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति संजीव संचिदेवा, न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की युगल पीठ ने सितंबर 24 में मध्य प्रदेश शासन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय व विभागाध्यक्ष विधि विभाग को नोटिस जारी करते हुए 2 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था।

बता दें कि कुछ दिन पूर्व छात्रों ने भी विवि के गेट पर धरना प्रदर्शन किया तो विवि प्रशासन हरकत में आया। मान्यता संबंधी औपचारिकताएं पूरी की तो चार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मान्यता बहाल कर दी। अब हाईकोर्ट ने स्टेट बार कौंसिल को नामांकन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

दो साल से भटक रहे थे छात्र
गौरतलब है कि अध्येश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कैंपस में संचालित विधि विभाग से जून 2023 में थिधि रूतक परीक्षा पास करने के उपरांत जब याचिकाकर्ता प्रत्रा व अन्य खत्री द्वारा मध्य प्रदेश राज्याधिवक्ता परिषट में अधिवक्ता बनने हेतु नामांकन का आवेदन दिया गया तो छात्रों का आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया की संबंधित विधि विभाग, जहां से खओं द्वारा बीए एलएलबी की डिग्री प्राप्त की गई है, उसका नाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों/विधि विभागों की सूची से हटा दिया गया है। इस तरह लगभग दो साल से जामांकन के लिए छात्र मटक रहे थे।

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