Rewa News : दिव्यराज सिंह जी, सड़क खा गए क्या? अब जनता मांग रही है हवाई जहाज!

रीवा जिले में विकास की जगह दिखा भ्रष्टाचार का जाल – सड़क-पुल गायब, विधायक मौन।
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा के ग्राम पंचायत गाढ़ा 138 में विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है। यहां न पुल है, ना सड़क, और प्रशासन की अनदेखी से तंग आ चुके गांव के तीन युवक ने अनोखे विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को धनेश सोनकर नामक युवक दो साथियों के साथ रीवा कलेक्टर कार्यालय पहुंचा और हाथ में ‘सड़क और पुल चोरी हो गया’ लिखी तख्ती लेकर कलेक्ट्रेट से मुख्यमंत्री आवास भोपाल तक पैदल मार्च शुरू करने की जानकारी दी।
🛑 "गांव की सड़क ग़ायब है... और विधायक साहब भी!"
एक गांव, एक जख्म, एक जिद – और सिस्टम की चुप्पी
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा के ग्राम पंचायत गाढ़ा 138 में कोई हादसा नहीं हुआ — पर लोगों की ज़िंदगियां रोज़ उजड़ रही हैं।
क्योंकि यहां न सड़क है, न पुल। और जिनके ज़िम्मे ये काम था, वो चुनाव जीत कर गायब हैं।
गांव का युवक धनेश सोनकर, अब सिर्फ एक नागरिक नहीं – एक आवाज़ बन चुका है।
उसने हाथ में तख्ती उठाई, जिस पर लिखा था –
👉 "सड़क और पुल चोरी हो गया..."
सोचिए! जब कोई यूथ ये लाइन लेकर कलेक्टर ऑफिस जाता है, तो ये सिर्फ विरोध नहीं – सिस्टम के मुंह पर तमाचा होता है।
धनेश और उसके दो साथी अब रीवा से भोपाल तक पैदल मार्च पर निकल रहे हैं।
गर्मी, दूरी, तकलीफ़ – सब बर्दाश्त है, पर अब चुप रहना मुमकिन नहीं।
"जब तक सड़क नहीं बनती, हमारे गांव के लिए हेलिकॉप्टर सेवा दी जाए।"
– धनेश सोनकर
ये कोई मज़ाक नहीं, ये कड़वी सच्चाई है।
कई मरीज़ वक्त पर इलाज न मिलने से दम तोड़ चुके हैं।
एम्बुलेंस कीचड़ में फंस जाती है।
बच्चों के स्कूल पहुंचने का सपना अधूरा है।
और विधायक महोदय?
दिव्यराज सिंह, जिन्होंने 12 फरवरी 2023 को 2.51 करोड़ की लागत से सड़क का शिलान्यास किया था –
बस फीता काटा, फोटो खिंचवाई, और मिट्टी डलवा कर चल दिए।
RTI बताती है – सड़क और पुल कागजों पर बन चुके हैं।
पर गांव वाले कहते हैं – हम आज भी नाले पार कर रहे हैं।
गांव की SC बस्ती उजड़ी, मुआवज़ा नहीं मिला।
सरकारी ज़मीन बताकर घर तोड़े गए।
ना अधिकारी सुनते हैं, ना विधायक दिखाई देते हैं।
अब गांव वालों ने एलान किया है:
📅 15 मई तक अगर सड़क और पुल का काम शुरू नहीं हुआ, तो हाईकोर्ट में PIL दायर की जाएगी।
ये सिर्फ सड़क की कहानी नहीं – ये लोकतंत्र की हकीकत है।
जहां नेता भाषण देते हैं, और जनता खामोशी से कीचड़ में मरती है।
अब सवाल सिर्फ सिस्टम से नहीं, विधायक दिव्यराज सिंह जी से भी है –
आपके इलाके में जनता पैदल चल रही है...
और आप किस हेलिकॉप्टर में उड़ रहे हैं साहब?
"MLA साहब! सड़क नहीं बनी तो अब जनता को हेलिकॉप्टर चाहिए!"
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा के ग्राम पंचायत गाढ़ा 138 में विकास की गति नहीं, प्रशासन की लापरवाही दौड़ रही है।
गांव में न सड़क है, न पुल – और कागजों पर सबकुछ “पूरा” दिखा दिया गया!
थक-हारकर गांव के युवक धनेश सोनकर ने दो साथियों के साथ ‘सड़क और पुल चोरी हो गया’ तख्ती लेकर भोपाल तक पैदल मार्च का ऐलान किया है।
"जब तक सड़क नहीं, तब तक हेलिकॉप्टर सेवा दी जाए!"
– धनेश सोनकर
बीमार लोगों की जानें जा रही हैं, एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती – और विधायक दिव्यराज सिंह साहब अब तक मौन हैं!
क्या अब जनता को आत्मदाह की धमकी देकर भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि को जगाना होगा?
मुख्य बिंदु कुछ इस प्रकार हैं:
सड़क और पुल की अनुपस्थिति:
गाँव में अब तक न तो पक्की सड़क बनी है, न ही पुल, जिससे लोगों की जान जोखिम में रहती है – खासकर बीमार लोगों की।
अनूठा विरोध प्रदर्शन:
धनेश सोनकर और उनके साथी कलेक्ट्रेट से भोपाल तक पैदल मार्च पर निकल पड़े हैं, हाथ में "सड़क और पुल चोरी हो गया" जैसी तख्ती लेकर। ये सच्चाई को व्यंग्य में लपेटकर सामने रखने का तरीका है – जो असरदार है।
आत्मदाह की चेतावनी:
धनेश ने कहा है कि अगर भोपाल पहुंचकर भी सुनवाई नहीं हुई तो आत्मदाह करेंगे – ये बेहद चिंताजनक और प्रशासन के लिए चेतावनी की घंटी है।
RTI के जरिए खुलासा:
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कागजों पर सड़क और पुल "बन" चुके हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं – यह भ्रष्टाचार की ओर सीधा इशारा करता है।
SC बस्ती की अनदेखी:
गाँव में अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी है और प्रशासन उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रहा है – ये सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
जनहित याचिका की चेतावनी:
ग्रामीणों ने 15 मई तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद वे हाईकोर्ट में PIL दायर करेंगे।
ये मुद्दा स्थानीय नहीं, बल्कि सिस्टम की पोल खोलने वाला है।
अगर आप चाहें तो मैं इस पर एक विस्तृत जनहित याचिका का ड्राफ्ट, प्रेस विज्ञप्ति, या सोशल मीडिया अभियान की रूपरेखा तैयार कर सकता हूँ, जिससे आवाज़ को और ऊँचा किया जा सके।
विधायक जी, आपकी चुप्पी क्यों? – गाढ़ा 138 में जनता मर रही है और आप महलों में सो रहे हैं!
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत गाढ़ा 138 आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। जहां एक तरफ़ सरकार कागजों पर विकास के पुल बना चुकी है, वहीं ज़मीन पर जनता आज भी कीचड़, नालों और अधूरी सड़कों में अपनी जान गंवा रही है।
और ये सब हो रहा है किसके राज में?
विधायक दिव्यराज सिंह जी के क्षेत्र में!
क्या विधायक जी को नहीं मालूम कि उनके ही विधानसभा क्षेत्र में गाँव वाले RTI लगाकर सड़क की "कागजी चोरी" उजागर कर रहे हैं?
क्या उन्हें नहीं मालूम कि बीमार लोग एम्बुलेंस न पहुंचने के कारण दम तोड़ रहे हैं?
क्या उन्हें यह भी नहीं दिखता कि शिलान्यास के नाम पर 2.51 करोड़ रुपए सिर्फ़ मिट्टी डालकर हवा हो गए?
अगर विधायक जी को ये सब नहीं मालूम, तो सवाल है – विधायक किस बात के?
और अगर सब कुछ जानकर भी चुप हैं, तो फिर ये निष्क्रियता नहीं, मिलीभगत है।
गांव के युवक धनेश सोनकर को पैदल भोपाल जाना पड़ रहा है। हाथ में तख्ती लेकर कि "सड़क और पुल चोरी हो गया", और विधायक महोदय की तरफ़ से अब तक एक बयान तक नहीं आया।
विधायक जी जवाब दीजिए:
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आपने इस भ्रष्टाचार पर अब तक क्या कार्रवाई की?
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12 फरवरी 2023 को किए गए शिलान्यास के बाद आपने कितनी बार कार्य की प्रगति देखी?
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RTI में सड़क कागजों पर बन चुकी है – क्या यह फर्जीवाड़ा आपकी नाक के नीचे नहीं हुआ?
गांव की SC बस्तियों की अनदेखी, मुआवज़े का झांसा, और प्रशासन की अनसुनी – ये सब विधायक की नाकामी का आईना हैं।
अगर 15 मई तक सड़क नहीं बनी, तो जनता हाईकोर्ट जाएगी। पर उससे पहले विधायक जी को जनता की अदालत में जवाब देना होगा।
1. आक्रामक अंदाज़ में: "विधायक या भ्रष्टाचार के ब्रांड एंबेसडर?"
सिरमौर के विधायक दिव्यराज सिंह जी, अब बस भी करिए!
आपके क्षेत्र में सड़कें कागज पर बन रही हैं, पुल हवाओं में लटक रहे हैं और जनता की जान मिट्टी में दब रही है — और आप जनसेवक कहलाते हैं?
2.51 करोड़ की सड़क सिर्फ शिलान्यास में खर्च हो गई!
मिट्टी डालकर काम खत्म कर दिया, और आप आंख मूंदकर बैठ गए?
क्या जनता ने आपको सत्ता दी थी कि आप ठेकेदारों के कारनामे छुपाएं? या भ्रष्टाचार की चुप्पी का ठेका ले रखा है आपने?
आपके विधानसभा में:
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RTI में साबित हुआ कि सड़क कागज़ पर बनी है, जमीन पर नहीं।
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SC बस्ती उजाड़ी गई, मुआवजा नहीं मिला।
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बीमार लोग रास्ते के अभाव में मर रहे हैं।
और आप अब तक एक Twitter पोस्ट तक नहीं कर पाए?
तो जनाब, विधायक आप नहीं, अफ़सरशाही के प्रवक्ता लगते हैं।
2. व्यंग्यात्मक अंदाज़ में: "दिव्यराज सिंह जी का जादुई विकास"
गाढ़ा 138 में सड़क और पुल बन गए हैं!
– कमाल है ना?
नज़र नहीं आते? तो आपकी आंखों में विकास नहीं है!
RTI कहती है सड़क बनी। जनता कहती है नहीं बनी।
तो तय ये हुआ कि सड़क सिर्फ “सरकारी कागज़” के लिए बनी थी, जनता के लिए नहीं।
विधायक जी, आपको “ऑस्कर” मिलना चाहिए –
बिना फिल्म बनाए ‘बेस्ट डायरेक्टर’ की तरह, आपने बिना सड़क बनाए “बेस्ट विकास शिलान्यास” का रोल निभाया है।
और वो युवक जो भोपाल पैदल जा रहा है...
आप तो हेलिकॉप्टर से चलने वाले हैं, उसके लिए तो सड़क भी ज़रूरी नहीं ना?
आपके क्षेत्र में जनता तैरकर अस्पताल जा रही है, लेकिन विधायक जी के कार्यक्रमों में मखमली कालीन बिछे हैं।
वाह! यही तो है असली "जनसेवा का स्टाइल!"
3. कानूनी भाषा में: "विधायक की निष्क्रियता एक जनहित उल्लंघन है"
ग्राम पंचायत गाढ़ा 138, जिला रीवा की सड़क और पुल की स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही दर्शाती है, बल्कि यह जन प्रतिनिधि की संवैधानिक जिम्मेदारियों की भी घोर उपेक्षा है।
विधायक श्री दिव्यराज सिंह संविधान के अनुच्छेद 243-G के अंतर्गत क्षेत्रीय विकास, मूलभूत सुविधाएं एवं पंचायतों की निगरानी के उत्तरदायी हैं। फिर भी:
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RTI दस्तावेज़ों के अनुसार, सड़क व पुल का निर्माण कागजों पर पूरा दर्शाया गया है – जो भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अपराध है।
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12 फरवरी 2023 को सार्वजनिक रूप से शिलान्यास कर 2.51 करोड़ की राशि व्यय घोषित की गई, लेकिन वास्तविकता में यह मिट्टी डालकर अधूरा छोड़ दिया गया – यह धोखाधड़ी और जन धन की बर्बादी का मामला है।
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SC/ST बस्ती की अनदेखी, मुआवजा न देना, और बार-बार ज्ञापन के बावजूद कार्रवाई न करना – ये SC/ST Atrocities Act के अंतर्गत गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
अगर 15 मई तक निर्माण कार्य आरंभ नहीं होता, तो विधायक की निष्क्रियता को भी जनहित याचिका (PIL) में शामिल कर, उनके खिलाफ जवाबदेही तय की जानी चाहिए।