Rewa News : रमा गोविन्द पैलसे में बिना पंजीयन के संचालित हो रहें सैकड़ों प्राइवेट कोचिंग सेंटर, छात्र-छात्राओं के जीवन के साथ जमकर हो रहा खिलवाड़, प्रशासन बेखबर : पढ़िए

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। जिले में बिना पंजीयन के कोचिन सेंटर संचलित करने की होड मची है। जिला मुख्यालय समेत आंचलिक क्षेत्रों में सैकड़ों कोचिंग सेंटर नियम विरुद्ध संचालित हो रहे है। जिनको जांच करने की आवश्यकता आज तक प्रशासन द्वारा नहीं समझी जा रही है लिहाजा मनमानी शुल्क लेकर कोचिंग सेंटर के संचालक द्वारा पठन-पाठन के नाम पर औपचारिकता पूरा कर रहे है। शहर के सिरमौर चौराहा स्थित रमा गोविंद पैलेस कई कोचिंग सेंटरो द्वारा बाहर से विशेषज्ञों का मार्गदर्शन दिलाने के नाम पर मोटी शुल्क वसूला जाता है। यहां तक कि नौकरी के संबंध में भी कई कोचिंग सेंटर लंबे समय से संचालित हो रहे है। जिनमें पढ़ने के बाद भी संबंधित विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं मिलता।

 जिले में शिक्षा की व्यवस्था सुदृढ़ करण, निजी ट्यूसन, कोचिंग केन्द्रों के नियमों का खुलेआम उल्लंघन होने के बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं समझी जा रही है। जिसके चलते शहर के सिरमौर चौराहा स्थित राम गोविंद बिल्डिंग सहित ज्यादातर गलियों में कोचिंग सेंटरों का संचालन बेखौफ होकर किया जा रहा है।

सेंटर संचालकों द्वारा ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिये तरह-तरह के झूठे प्रलोभन दिये जा रहे है। तत्संबंध में चर्चा करते हुये कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि रीवा शहर में करीब पांच वर्षों के अंदर ही कई सैकड़ों कोचिंग सेंटर संचालित हो चुके है। ज्यादातर कोचिंग सेंटर कई पालियों में संचालित हो रहे है। इनमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिये अलग व्यवस्था की गई है जबकि कालेजी विद्यार्थियों के लिये विशेष व्यवस्थाओं का दावा किया जा रहा है।

कोचिंग सेंटरों में साल भर पढने के बाद भी ज्यादातर विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहता। जबकि उनके अभिभावकों द्वारा कोचिंग सेंटर संचालकों को मुंहमांगी शुल्क का भुगतान किया जा रहा है। जिला मुख्यालय में ही नजर दौड़ाई जाए तो यहां कई तरह की कोचिंग क्लासेस संचालित हो रही हैं। कुछ ऐसी भी कोचिंग चल रही हैं जिनके द्वारा जल्द ही इंग्लिश बोलने की गारंटी मौखिक तौर पर दी जाती है। यहां एडमिशन लेने के बाद मालूम पड़ता है कि सालों फीस देने के बाद भी स्पष्ट रूप से इंग्लिश बोलना एवं समझना नहीं आ पाता। प्रशासन की अनदेखी के चलते रीवा जिले में कोचिंग सेंटर एक अवैध कारोबार का रूप ले चुका है। जिसे समय रहते नहीं रोंका गया तो इस भंवर जाल में विद्यार्थी फसते रहेगें। वही नियमों की बात करे तो शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, निजी ट्यूशन, कोचिंग सेंटरों के नियमन के संबंध में कार्रवाई के प्रावधान किये गये है।

 यदि बिना प्रशासन की अनुमति एवं पंजियन तथा संसाधन के कोई भी ट्यूशन, कोचिग सेंटर संचालित होते मिले तो उनके विरूद्ध दाण्डिक कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंध में कार्रवाई का अधिकार अपने-अपने क्षेत्रों में एसडीएम राजस्व को है। एसडीएम द्वारा अपने क्षेत्र में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर संचालकों को नोटिस जारी कर ट्यूशन एवं कोचिंग सेंटर संचालन के संबंध में संबंधित रिकार्डों की जांच पड़ताल कर सकते है।

जांच के दौरान यदि संबंधित ट्यूशन एवं कोचिंग सेंटर संचालक के पास प्रशासन की अनुमति, पंजियन तथा जरूरी संसाधनो का अभाव है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। विडंबना यह है कि रीवा जिले में कोचिंग सेंटर संचालकों की मनमानी की कभी भी न तो जांच होती और न ही यहां चल रहे लूट-खसोट पर कोई कार्यवाही की जाती है। इसी के चलते कोचिंग सेंटर संचालक एक स्थान के अलावा अन्य स्थानों पर भी बोर्ड लगाकर अपना संचालन शुरू कर देते हैं। इनके लिए न तो कोई शुल्क लेने का निर्धारण है और न ही इतनी पढ़ाई कराएंगे। इस संबंध में स्पष्ट जानकारी दी जाती है।

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