Rewa News : वकीलों का विरोध प्रदर्शन: चेंबर के लिए ₹2.5 लाख और फर्नीचर के लिए ₹6,500 की वसूली का आरोप

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल डेस्क। रीवा में हाल ही में उद्घाटित नवीन जिला न्यायालय भवन में वकीलों के चेंबर आवंटन और बैठक व्यवस्था को लेकर गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस विवाद ने अधिवक्ताओं को दो गुटों में विभाजित कर दिया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है।
विवाद का मूल कारण
नवीन न्यायालय भवन में वकीलों के लिए चेंबर और बैठक व्यवस्था के लिए जिला अधिवक्ता संघ द्वारा ₹6,500 की फीस वसूली जा रही है। वकीलों का आरोप है कि यह शुल्क अनधिकृत रूप से लिया जा रहा है, जबकि राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने पहले ही वकीलों की सुविधा के लिए सरकारी मदद की घोषणा की थी ।
वकीलों का विरोध
- कई अधिवक्ताओं ने जिला अधिवक्ता संघ के इस निर्णय के खिलाफ लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है।
- कुछ वरिष्ठ वकीलों ने इसे "अधिकार क्षेत्र से बाहर का फैसला" बताते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया है।
- वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन या न्यायिक कार्रवाई का रास्ता भी अपना सकते हैं।
अधिवक्ता संघ की प्रतिक्रिया
अधिवक्ता संघ की ओर से फिलहाल इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार उनका कहना है कि ये रकम बैठक व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार के लिए ली जा रही है, न कि किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए।
प्रशासन की भूमिका
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने उद्घाटन के समय वकीलों की बैठक व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री से वित्तीय मदद दिलाने का भरोसा दिया था। अब जब अधिवक्ता संघ स्वयं वकीलों से पैसे मांग रहा है, तो इसे सरकार की घोषणा के विपरीत कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष
रीवा के नवीन न्यायालय भवन में चेंबर आवंटन और बैठक व्यवस्था को लेकर उत्पन्न विवाद ने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित किया है। वकीलों और अधिवक्ता संघ के बीच पारदर्शिता और संवाद की कमी इस विवाद का मुख्य कारण है। आवश्यक है कि संबंधित पक्ष मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालें, ताकि न्यायालय की गरिमा बनी रहे और वकीलों को उचित सुविधाएं मिल सकें।
विवाद का सारांश:
- **चेंबर आवंटन शुल्क:** अधिवक्ताओं का आरोप है कि जिला अधिवक्ता संघ चेंबर के लिए ₹2.5 लाख और कुर्सी-टेबल के लिए ₹6,500 की अवैध वसूली कर रहा है।
- **सरकारी सहायता की घोषणा:** उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने उद्घाटन के समय वकीलों की सुविधा के लिए सरकारी मदद की घोषणा की थी, जिसके बावजूद अधिवक्ता संघ द्वारा शुल्क वसूली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- **अधिवक्ताओं का विरोध:** कई अधिवक्ताओं ने जिला अधिवक्ता संघ के इस निर्णय के खिलाफ लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है और न्यायाधीश से हस्तक्षेप की मांग की है।
वकीलों की मांग - पुराने भवन में स्थापित हो HC बेंच
इस विवाद ने न्यायालय परिसर की गरिमा और वकीलों की एकता पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। अधिवक्ताओं की मांग है कि चेंबर आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी हो और अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मुद्दे का शीघ्र समाधान निकाले, ताकि न्यायिक कार्य सुचारु रूप से संचालित हो सकें।