Rewa News : फिर सुर्खियों में आए सांसद जर्नादन मिश्रा, भरे मंच से कहा कि अगर आज मैं सांसद ना होता....तो कहीं चाकू चला रहा होता....

 
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रीवा लोकसभा से सांसद जर्नादन मिश्रा अपने बयानों से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। शनिवार को फिर उनका एक बयान सुर्खियों में बना हुआ है। जिसमें उन्होंने भरे मंच से कहा कि अगर आज मैं सांसद ना होता....तो कहीं चाकू चला रहा होता....।

सांसद जनार्दन मिश्रा ने अपने छात्र जीवन का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि छात्र जीवन में वे थोड़ा बिगड़ गए थे। अन्य छात्रों के साथ मारपीट करते थे और बीड़ी भी पीते थे। जिस वजह से उन्हें स्कूल से सस्पेंड कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उस दौर में अगर शिक्षकों का साथ ना मिला होता तो वे आज सांसद नहीं होते। बल्कि चाकू चलाते घूम रहे होते।

दरअसल शनिवार को रीवा के मॉडल स्कूल का 50वा स्थापना दिवस था। इसी दौरान स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर सांसद ने अपने छात्र जीवन का किस्सा साझा करते हुए ये बयान दिया। समारोह में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। तीसरी बार सांसद बने जनार्दन मिश्रा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

उन्होनें लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षक का महत्त्व बताने के लिए अपने छात्र जीवन को याद किया। अपने छात्र जीवन से जुड़े हुए कुछ किस्से भी सुनाएं। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में वो बिगड़ गए थे। बीड़ी पीने की आदत हो गई थी। लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल सिद्दिकी और शिक्षक रामानुज द्विवेदी के कारण वो सुधर गए। एक बार स्कूल बीड़ी पीकर गए तो शिक्षक ने पकड़ लिया। तब 7 दिन के लिए स्कूल से सस्पेंड कर घर में बीड़ी पीने की शिकायत कर दी थी।

मारपीट की शिकायत पर प्रिंसिपल सिद्दिकी ने उन्हें प्रिंसिपल कक्ष में 5 दिनों तक किताब पढ़ने की सजा दी थी। उन्होंने कहा कि मैं आज जो भी हूं उन्हीं की बदौलत हूं। अगर कोई छात्र ये कहे की आज जो है वो खुद के दम पर है। तो उसकी ये बात गलत होगी। उसके पीछे शिक्षक का बड़ा योगदान है। उन्होंने इस दौरान कहा की शिक्षकों की गुटबाजी से ना तो छात्र का भला होता है और ना ही स्कूल का। छात्र और स्कूल का नाम तभी रोशन होगा जब गुटबाजी ना हो।

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