Rewa News : जिंदगी नहीं; मौत बांट रहा प्रार्थना हॉस्पिटल : विवादों में होने के बावजूद CMHO एवं पुलिस नहीं करते कार्यवाही

 
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फिर प्रसूता की मौत, थाना और पुलिस अधीक्षक के चक्कर काट रहा पीड़ित

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा। सामान थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित प्रार्थना अस्पताल फिर विवादों में आया है। महिला के ऑपरेशन के बाद हुई मौत के मामले में परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए समान पुलिस के साथ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अधीक्षक से की गई शिकायत में पीडि़त अरूण सिंह बिसेन पुत्र रामानंद सिंह बिसेन 59 वर्ष नईबस्ती पडऱा ने बताया है कि उनकी बहू अंजली सिंह पत्नी भंवर सिंह गर्भवती थी जिसका नियमित चेकअप डॉ. सोनल अग्रवाल द्वारा किया जा रहा था। गर्भ में  पल रहे शिशु की स्थिति सामान्य बताई गई थी।

 22 फरवरी 2025 तक में डिलेवरी की अनुमानित तिथि बताई गई थी । 04 फरवरी 2025 को अंजली के पति भंवर सिंह अपनी पत्नी अंजली सिंह को लेकर डॉ. के यहां चेकअप के लिए गए थे। अस्पताल में बहू को भर्ती कर लिया गया था और कहा गया कि पानी की कमी है। डिलेवरी आज ही करानी पड़ेगी। 

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उन्होंने आरोप लगाया कि उस दौरान बहू पूर्णत: स्वस्थ्य थी। सामान्य डिलेवरी भी समय आने पर हो सकती थी किन्तु पैसे के लालच में उसी दिन भर्ती किया गया। रात 9 बजे तक बहू एकदम सामान्य एवं स्वस्थ्य थी । रात करीब 11.30 बजे कहा गया कि रात 10.48 पर आपरेशन से बच्ची पैदा हुई है और जज्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। यह सुनने के बाद सभी घर चले गए।

फिर अचानक करने लगे बच्चादानी निकालने की बात
बेटी पैदा होने के बाद सभी निश्चिंत हो गए। तभी पुत्र भंवर सिंह का फोन आया कि बहू अंजली की हालत काफी खराब है। 10 यूनिट ब्लड चढ़ाने की बात चिकित्सक कह रहे है। इसके बाद बच्चेदानी निकालने की बात कही गई। साथ ही चिकित्सकों ने हाथ खड़ा कर दिया और कहा कि जबलपुर में सैल्वी हास्पिटल वो अपने मरीज को ले जा सकते है।

हालांकि इसके पहले अस्पताल का बिल चुकता करने की बात कही गई। सात से आठ घंटे का बिल 1 लाख 9,750 रुपए बना दिया गया। उसी बिल का बीमा कम्पनी से जब तक स्वीकृत नहीं हुआ तब तक अंजली सिंह को प्रार्थना हास्पिटल से जबलपुर ले जाने नहीं दिया गया। सुबह 4.30 बजे जब स्वीकृति मिलने के बादसुबह 5 बजे वेंटीलेटर वाली एम्बूलेंस में अंजली सिंह को वेंटीलेटर सपोर्ट पर सिफ्ट कराया गया। 4-5 घंटे तक मेरी बहू को ओटी में ही पड़ा रहने दिया गया था। कोई उपचार नहीं किया गया। किसी परिजन को देखने तक नहीं दिया गया।

ब्लीडिंग लगातार होती रही फिर अगले दिन 05 फरवरी 2025 की सुबह अंजली को लेकर जबलपुर पहुंचे। तब तक उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। उसके शरीर का सारा ब्लड निकल गया था। पीडि़त परिजनों ने बताया कि महिला चिकित्सक की लापरवाही से जच्चा बच्चा की मौत हो गई। पीडि़त ने चिकित्सक सहित हास्पिटल पर कार्रवाई की मांग कर न्याय की गुहार लगाई है।

यह पहला मामला नहीं है
प्रार्थना अस्पताल शुरू से ही विवादों में रहा है। यहां आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा होता ही रहता है। अधिकांश मामलों में मरीज की मौत हुई है। परिजन लापरवाही का आरोप लगाते रहे हैं। इसके बाद भी प्रार्थना अस्पताल के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण मरीजों और उनके परिजनों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

डॉ सोनल पर बर्खास्तगी की लटकी है तलवार
जिस डॉ सोनल अग्रवाल पर आरोप लगाया गया है। उन पर श्याम शाह मेडिकल कॉलेज में बर्खास्ती की गाज गिरनी है। कई सालों से मामला लटका हुआ है। भोपाल से भी जांच टीम आई थी। जांच टीम ने भी मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी डॉ सोनल अग्रवाल की बर्खास्तगी नहीं की गई। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने एक मरीज के इलाज की शिफारिश की थी। इसके बाद भी डॉ सोनल अग्रवाल ने निजी अस्पताल में भेज दिया था।

इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि अधीक्षक और डीन तक बदल गए थे। डॉ सोनल अग्रवाल और एचओडी डॉ बीनू सिंह के खिलाफ जांच बैठ गई थी। दोनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। डॉ सोनल अग्रवाल को श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से ही बर्खास्त करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया था। अब तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

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