Rewa News : प्रार्थना हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत, मामला पहुंचा थाने, बीमा क्लेम की मंजूरी लेट मिलने पर रेफर न करने का आरोप

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। शहर का जिस तेजी से विकास हो रहा है उसी तेजी से शहर में निजी नर्सिंग होम की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर सफेद कोट पहनकर मरीजों के परिजनों कि जेब काटकर मौत बांटने का काम करने में जुटे हुए हैं। आए दिन किसी न किसी नर्सिंग होम में भर्ती मरीज की मौत पर हंगामें की स्थिति निर्मित होना आम बात हो गई है।

ताजा मामला शहर के समान मोहल्ले में स्थित प्रार्थना नर्सिंग होम का बताया जा रहा है जहां पर भर्ती अंजली सिंह पत्नी भंवर सिंह निवासी पडरा प्रार्थना हॉस्पिटल में कार्यरत महिला चिकित्सक सोनल अग्रवाल द्वारा उपचार कराया जा रहा था। चिकित्सक द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति सामान्य बताई थी और 22 फरवरी को डिलीवरी की अनुमानित तिथि बताई गई थी।

4 फरवरी 2025 को प्रसूता को लेकर उसके पति भंवर सिंह प्रार्थना हॉस्पिटल चेकअप के लिए ले गए हैं जहां पर मौजूद महिला चिकित्सक ने प्रसूता को भर्ती करने के लिए कहा और मरीज के शरीर में पानी की कमी बताते हुए फौरन डिलीवरी करने को कहा जबकि प्रसूता की स्थिति बिलकुल सामान्य थी और समय आने पर नॉर्मल डिलीवरी हो सकती थी किंतु पैसे के लालच में महिला चिकित्सक सोनल अग्रवाल द्वारा आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कर रात तकरीबन 11:30 बजे प्रसूता के परिजन को यह जानकारी दी गई की 10:48 पर ऑपरेशन से बच्ची पैदा हुई है और जच्चा बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं जिसके बाद प्रसूता के परिजन अपने घर चले गए। 

दूसरे दिन सुबह प्रसूता के पति ने अपने घर में फोन कर यह बताया कि अंजलि की हालत काफी खराब है चिकित्सक 10 यूनिट ब्लड चढ़ाने की बात कर रहे हैं। और प्रसूता के बच्चेदानी से लगातार पानी जा रहा है जिस कारण तत्काल प्रसूता को जबलपुर के सैल्वी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी किंतु इससे पहले नर्सिंग होम का बकाया बिल जमा करने को कहा।

प्रस्तुत के पति द्वारा बीमा कराया गया था जिसके कागजात पति द्वारा अस्पताल में सबमिट भी किए गए थे किंतु बीमा क्लेम की मंजूरी समय पर न मिलने से प्रार्थना हॉस्पिटल के चिकित्सक महिला को रेफर करने के लिए तैयार नहीं थे। अगले दिन सुबह 4:30 बजे बीमा कंपनी का अप्रूवल मिला तब सुबह लगभग 5:00 बजे वेंटीलेटर वाली एंबुलेंस में अंजली सिंह को स्विफ्ट कराकर जबलपुर रवाना किया गया।

इस दरमियान लगभग  चार-पांच घंटे प्रसूता ऑपरेशन थिएटर पर ही पड़ी रही और उसका किसी भी प्रकार से कोई उपचार नहीं किया गया और प्रसूता को लगातार ब्लीडिंग होती रही 5 फरवरी को सुबह प्रसूता को लेकर परिजन जबलपुर पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुकी थी। प्रार्थना हॉस्पिटल के चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर प्रार्थना हॉस्पिटल में कार्यरत महिला चिकित्सक एवं प्रार्थना हॉस्पिटल के प्रबंधन के ऊपर कार्यवाही करने की मांग की गई है।

 

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