Rewa News : रीवा में फुटपाथ व्यवसायियों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल, नगर निगम ने कहा — बर्दाश्त नहीं होगी गुंडागर्दी

रीवा। शहर में फुटपाथ और ठेला व्यवसायियों से अवैध वसूली का मामला एक बार फिर चर्चा में है। मंगलवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक कर्मचारी स्ट्रीट वेंडर्स को धमकाता नजर आ रहा है। वीडियो में वह खुद को सिरमौर चौराहे का मालिक बताते हुए कह रहा है कि यह इलाका उसका घर है। यह वीडियो दो दिन पुराना बताया जा रहा है।
मामले के सामने आने के बाद नगर निगम आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि "अवैध वसूली किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वीडियो की जांच कराई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
पार्किंग स्थल में ठेला लगाने की अनुमति नहीं
नियमों के मुताबिक नगर निगम साल में केवल एक बार फुटपाथ व्यवसायियों से 850 रुपए की राशि तीन किस्तों में जमा कराता है। इसके बाद सालभर उनसे कोई और शुल्क वसूला जाना नियम विरुद्ध है। मगर हकीकत इससे उलट है। पार्किंग का ठेका लेने वाली एजेंसियां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार अवैध वसूली कर रही हैं। इस मामले ने निगम प्रशासन की कार्यशैली और निगरानी व्यवस्था की पोल खोल दी है।
महापौर ने भी उड़नदस्ता दल की भूमिका पर उठाए सवाल
नगर निगम महापौर अजय मिश्रा ने इस पूरे प्रकरण में निगम के उड़नदस्ता दल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि "पार्किंग स्थल पर किसी भी ठेला व्यवसायी को बैठने की अनुमति नहीं है। ऐसे में यह जांच का विषय है कि इन व्यवसायियों को वहां व्यापार करने की अनुमति किसने दी।"
विवादित एजेंसी को फिर दे दिया ठेका
खास बात यह है कि वायरल वीडियो में दिख रही एजेंसी वही एसडी ग्रुप है, जिस पर महाकुंभ के दौरान रीवा मार्ग पर वाहनों से अवैध वसूली का आरोप लगा था। उस समय नगर निगम आयुक्त ने सख्त कार्रवाई के आदेश भी दिए थे। मगर महाकुंभ के बाद निगम प्रशासन ने दोबारा इसी एजेंसी को शहर की पार्किंग व्यवस्था और नाकों का ठेका सौंप दिया। इसके बाद से लगातार अवैध वसूली के मामले सामने आ रहे हैं।
शहरवासियों और व्यवसायियों में इसे लेकर जबरदस्त नाराज़गी है। लोग सवाल कर रहे हैं कि जिस एजेंसी पर पहले ही गंभीर आरोप लग चुके हैं, उसे फिर से कैसे जिम्मेदारी सौंप दी गई?
अब निगाहें जांच रिपोर्ट और कार्रवाई पर
फिलहाल नगर निगम प्रशासन ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है। आयुक्त ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार वाकई कोई ठोस कदम उठाता है या मामला हमेशा की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा।