REWA : 'नहर नहीं तो वोट नहीं', रीवा का अटरिया गांव पानी की एक-एक बूंद को मोहताज : 75 साल बाद भी सुध नहीं

 
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REWA NEWS : रीवा जिले के मऊगंज तहसील अंतर्गत अटरिया शिवप्रसाद गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रीवा जिले के जनप्रतिनिधि गांव से सौतेला व्यवहार कर रहे। कहा कि बगल के गांव से नहर जा रही है। वहां से जल संसाधन विभाग का अतिरिक्त खर्चा भी हो रहे है। इसके बाद भी अटरिया शिवप्रसाद गांव नहर से तीन किलोमीटर दूर वंचित रह गया है।

नतीजन लोग एक-एक बूंद पानी को मोहताज है। थक हारकर अब गांव वालों ने तय किया है कि 'नहर नहीं तो वोट नहीं'। सभी मतदाता विधानसभा चुनाव 2023 में वोटिंग नहीं करेंगे। साथ ही नेताओं को गांव में घुसने नहीं देंगे। क्योंकि गांव वालों ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से लेकर जिला प्रशासन के जिम्मेदारों से मांग कर चुके है। बावजूद हर जगह से निराशा मिली है।

75 साल बाद भी सुध नहीं
आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि कई माह से जल जीवन जागरण यात्रा का दौर जारी है। वे गांव-गांव पहुंच कर पानी की स्थिति का जायजा ले रहे है। यात्रा में शामिल लोगों को गांव वाले अपनी समस्याओं को खुलकर बता रहे हैं। कहा कि स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी गांवों के हालत बद से बदतर है। पानी तक नहीं मिल रहा है। जबकि जल मूलभूत आवश्यकता है।

सरकार के विरुद्ध खोला मोर्चा
आगे कहा कि, बाणसागर नहर मंडल के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एसबीएस परिहार अटरिया शिवप्रसाद ग्राम पहुंचे। तब वहां के पूर्व व वर्तमान सरपंच सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिए। दावा किया कि पंचायत में पानी की अपार समस्या है। मंत्री, सांसद, विधायक और नेताओं से मांग कर चुके है। पर समस्या जस की तस बनी है।

बूस्टर पंप के माध्यम से ला सकते है पानी
बताया कि ढेरा, पथरहा नामक गांव के पास नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन परियोजना बनाई जा रही है। वहां बूस्टर पंप के माध्यम से बाणसागर नहर का पानी अटरिया शिवप्रसाद गांव पहुंचाया जा सकता है। हालांकि जानबूझकर राजनीतिक कारणों से ग्राम पंचायत को नहर परियोजना से छोड़ दिया गया है।

तो होगा बड़ा आंदोलन
वर्तमान सरपंच ने कहा कि यदि नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन परियोजना का पानी ढेरा पथरहा बूस्टर पंप से ग्राम पंचायत को नहीं पहुंचाया गया तो बड़ा आंदोलन होगा। आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पूरी ग्राम पंचायत मतदान का बहिष्कार करेगी। किसी नेता व अफसर को गांव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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