REWA : एक बार फिर जयस्तंभ चौक में गोरेलाल फल विक्रेता द्वारा मुख्य मार्ग में किया गया अतिक्रमण, प्रशासन ने साधी चुप्पी

 
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रीवा। बता दें कि रीवा शहर में सबसे चर्चित फल विक्रेता गोरेलाल पूर्व में भी सुर्खियों में बना हुआ था। जहां उसे पुलिस के चंद अधिकारी और सफेद पोशाक नेताओं के घर तक फल की पेटी जाया करती थी। वही फूल किस स्थान पर कांपस बनने का रंगोली डालने सामने की ओर कब्जा करना शुरू कर दिया धीरे-धीरे दुकान का विस्तार होता गया और प्रशासन पीठ पीछे चुप्पी साधे सब तमाशा देख रहा है। पुलिस सूत्रों से जानकारी के मुताबिक़ हर अधिकार के घर में पहुंचती है पैसों के साथ फल की टोकरी जिसकी वजह से दुकान के बाहर सड़क तक को कब्जे में लेकर अपनी दुकान चला रहा गोरेलाल फल विक्रेता को आखिर 24 घंटे दुकान खोलने की किसने दी परमिशन अगर किसी गरीब ने एक ठेला खोला होता तो उसे बंद कराने के लिए कुछ घंटे भी नहीं लगते लेकिन गोरेलाल फल विक्रेता किसके सह पर 24 घंटे खोल रखता है फल दुकान आखिर प्रशासन क्यों नहीं कर रहा कार्यवाही ?

दें की वर्षों से संचालित जयस्तंभ चौक में फल विक्रेता गोरेलाल की दुकान से बड़े-बड़े महारथियों तक फल की सप्लाई की जाती है. जहां इनकी धाक बताकर डंके की चोट पर चौबीसों घंटे अपनी दुकान संचालित करता है। यही नहीं इसको पूरा पूरा संरक्षण सफेद पोशाक नेताओं का मिला हुआ है।

  • आखिर कौन कर रहा है इसका बचाओ?  क्यों नहीं होती इस पर कार्यवाही?

पूर्व में जयस्तंभ चौक  के सामने बड़ी पुल की ओर जाने वाले रास्ते में गोरेलाल फल विक्रेता का लंबे वर्षों से अतिक्रमण किया गया था जहां कई बार अतिक्रमण की कार्यवाही की गई थी पूर्व कलेक्टर इलैयाराजा टी के कार्यकाल में गोरेलाल फल विक्रेता के खिलाफ अतिक्रमण की कार्यवाही को मुक्त किया गया था, के बावजूद आदेशों का पालन न करते हुए शासन-प्रशासन को आज एक बार फिर ठेंगा दिखाता है गोरेलाल फल विक्रेता।

निगम से लेकर सफेद पोशाक तक शामिल

चंद फल की टोकरी के लिए अतिक्रमण को दे रहें बढ़ावा...

जानकारी के लिए बता देगी रीवा शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग जयस्तंभ चौराहे पर शाम होते ही ट्रैफिक पुलिस का वाहन यातायात की चेकिंग पर चालू हो जाता है। बगल में संचालित फल की दुकान पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करके उसे अनदेखा कर दिया जाता है।

शामिल है निगम के अधिकारी
बता दें कि रीवा शहर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निगम खुद चंद पैसे लेकर लोगों को स्थान स्थापित करवाता है। बाद में नाम मात्र की अतिक्रमण कार्यवाही करता है। भ्रष्ट अधिकारी और घूसखोर अधिकारी के कारण ही चंद लोगों को बढ़ावा मिला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह भी पता चला है कि 20 रुपए की राजश्री में बिकते हैं निगम के अधिकारी। गर्मी आते ही गन्ना का जूस पिलायो और स्थान प्राप्त करो का अभियान जारी रहता है।

अब देखना यह है कि उनके कार्रवाई के बाद अब एक बार फिर गोरेलाल फल विक्रेता के ऊपर किस तरह की कार्यवाही की जाती है अब ये आने वाला वक्त ही बताएगा।

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