क्या रीवा बन रहा 'ड्रग्स का हब'? पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 2 महिलाओं सहित 3 आरोपी गिरफ्तार, लाखों की नशीली सिरप बरामद!

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार किस कदर पैर पसार चुका है, इसका एक और चौंकाने वाला उदाहरण सामने आया है। रीवा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कबाड़ी मोहल्ला वार्ड 19 में चल रहे एक बड़े ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट को चलाने वाली दो महिलाएं और एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये लोग लंबे समय से एक घर की सीढ़ियों के ऊपर वाले कमरे से प्रतिबंधित नशीली कफ सिरप और गोलियों का अवैध कारोबार चला रहे थे। पुलिस ने इनके पास से लाखों रुपये की नशीली दवाएं जब्त की हैं।
यह कार्रवाई पुलिस के लिए न सिर्फ एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शहर के अंदरूनी इलाकों में कैसे छोटे-छोटे गिरोह नशीली दवाओं का नेटवर्क चला रहे हैं, जिसका सीधा असर युवाओं और किशोरों पर पड़ रहा है। इस तरह के रैकेट का भंडाफोड़ करना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि नशे के इस काले कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सके।
कैसे हुई रेड और क्या है पूरा मामला?
पुलिस को यह सफलता एक गुप्त सूचना के आधार पर मिली। थाना कोतवाली पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि कबाड़ी मोहल्ला में एक घर के अंदर अवैध रूप से नशीली दवाओं की बिक्री हो रही है। यह घर सड़क किनारे है और इसमें एक शटर लगा हुआ है। इस सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जैसे ही पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर रेड की, घर के अंदर मौजूद दो महिलाएं और एक पुरुष पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन, पुलिस की मुस्तैदी के कारण उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया गया। पकड़े जाने के बाद, पुलिस ने उनसे पूछताछ की और घर के कमरों की तलाशी ली। इस तलाशी के दौरान, पुलिस को वो सभी नशीले पदार्थ मिले जिनकी सूचना मिली थी।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान और बरामदगी
पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान संसार लोनिया (22), बिट्टो लोनिया (30) और अंजू सोंधिया (18) के रूप में हुई है। ये सभी कबाड़ी मोहल्ला के ही रहने वाले हैं। इन तीनों को पुलिस ने रंगे हाथों नशीली दवाओं की बिक्री करते हुए पकड़ा है।
पुलिस ने इन आरोपियों के पास से जो नशीले पदार्थ बरामद किए हैं, उनकी सूची इस प्रकार है:
- ONEREX कफ सिरप (100 एमएल): 39 शीशियां, जिनकी कुल कीमत 7,605 रुपये है।
- ANXILESS-0.50 कैप्सूल: 60 पत्तियां, जिनमें प्रत्येक में 10 गोलियां थीं, यानी कुल 600 गोलियां। इनकी कुल कीमत 1,577 रुपये है।
यह बरामदगी यह साबित करती है कि यह गिरोह छोटे पैमाने पर ही सही, लेकिन एक व्यवस्थित तरीके से इस अवैध कारोबार को चला रहा था। ये नशीली दवाएं आसानी से युवाओं और जरूरतमंदों तक पहुंच रही थीं।
एनडीपीएस एक्ट क्या है और क्यों हुई कार्रवाई?
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंस (NDPS) एक्ट 1985 भारत में नशीली दवाओं के उत्पादन, व्यापार और इस्तेमाल को नियंत्रित करने वाला एक सख्त कानून है। जिन दवाओं में साइकोट्रॉपिक पदार्थ होते हैं, उनका बिना लाइसेंस के उत्पादन या बिक्री करना इस कानून के तहत एक गंभीर अपराध है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 461/2025 के तहत धारा 8, 21, 22 एनडीपीएस एक्ट और 5/13 ड्रग कंट्रोल एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
- धारा 8, 21, 22 एनडीपीएस एक्ट: ये धाराएं नशीले पदार्थों के उत्पादन, खरीद-बिक्री, सेवन और तस्करी से संबंधित हैं। इन धाराओं के तहत गिरफ्तार होने पर आरोपियों को सख्त सजा का प्रावधान है।
- ड्रग कंट्रोल एक्ट: यह कानून दवाओं के सही उपयोग और वितरण को सुनिश्चित करने के लिए है। इसका उल्लंघन करने पर भी कानूनी कार्रवाई होती है।
यह कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि रीवा पुलिस नशे के कारोबारियों के खिलाफ पूरी तरह से सख्त है और किसी भी सूरत में ऐसे अवैध कामों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
रीवा में नशे के कारोबार का काला सच: क्यों बढ़ रही है लत?
रीवा शहर में नशीली दवाओं का कारोबार सिर्फ कबाड़ी मोहल्ला तक सीमित नहीं है। पिछले कुछ सालों में शहर के अलग-अलग हिस्सों में कई ऐसे छोटे-बड़े रैकेट पकड़े गए हैं। यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि ये नशीले पदार्थ आसानी से छात्रों और युवाओं के बीच पहुंच रहे हैं।
- कम कीमत और आसान उपलब्धता: नशीली कफ सिरप और गोलियां आसानी से मेडिकल दुकानों से या अवैध विक्रेताओं से कम कीमत पर मिल जाती हैं, जिससे युवा इन्हें खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं।
- सामाजिक दबाव: कई बार युवा दोस्तों के दबाव में आकर नशे का सेवन शुरू कर देते हैं।
- मानसिक तनाव: बेरोजगारी, पारिवारिक समस्याएं और पढ़ाई का तनाव भी कुछ युवाओं को नशे की ओर धकेल सकता है।
- अज्ञानता: बहुत से युवा इस बात से अनजान होते हैं कि कफ सिरप और कुछ गोलियों का लगातार सेवन उन्हें नशे का आदी बना सकता है, और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
कैसे बचें नशे की लत से और क्या है समाधान?
नशे की लत एक सामाजिक बुराई है जिसे केवल पुलिस कार्रवाई से खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करना होगा।
- जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों और मोहल्लों में नशा मुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
- परामर्श केंद्र: नशे के शिकार युवाओं के लिए परामर्श और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाने चाहिए।
- माता-पिता की भूमिका: माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और उनके व्यवहार में बदलाव को गंभीरता से लेना चाहिए।
- पुलिस की सक्रियता: पुलिस को ऐसे गिरोहों और छोटे-मोटे विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखनी चाहिए।
- स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी: स्वास्थ्य विभाग को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिबंधित दवाएं बिना डॉक्टर की पर्ची के न बेची जाएं।
यह घटना दिखाती है कि रीवा में नशीली दवाओं का कारोबार अब एक गंभीर समस्या बन चुका है, और इसे रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति की जरूरत है।