REWA : नशीली गोलियों के कारोबार में पुलिस का संरक्षण प्राप्त

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। पुलिस एवं आबकारी विभाग के लिए कुछ सालों पहले तक अवैध शराब एवं कच्ची शराब में निगरानी रखने की जिम्मेदारी होती थी किंतु समय बदलते के साथ-साथ नशे के स्वरूप ने भी अपना मिजाज बदला। वर्तमान समय में नशे के रूप में नशीली गोलियां,कोरेक्स एवं इंजेक्शन का नशा प्रचलित रूप धारण कर चुका है।

अगर शराब की बात की जाए तो प्रदेश सरकार द्वारा बाकायदा प्रतिवर्ष के लिए टेंडर निकाला जाता है किंतु नशे के कारोबार से जुड़े इस अवैध कारोबार का कोई टेंडर निकालना ही संभव नहीं है किंतु जानकारों की माने तो पूरे प्रदेश में नशीली गोलियां, कोरेक्स एवं इंजेक्शन का कारोबार लाखों करोड रुपए से ऊपर पहुंच चुका है और कई जाने माने राजनीतिकों का इन अवैध कारोबारी के ऊपर संरक्षण प्राप्त है।

अगर बात नए सिरे से की जाए तो अभी 2 दिन पूर्व ही सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा शहर के कबाड़ी मोहल्ले में दबिश देकर एक युवक के पास से काफी मात्रा में नशीली गोलियां बरामद की गई। इस मामले में एक मेडिकल स्टोर संचालक का नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहा है। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ एक आरक्षक की भूमिका भी संदेहास्पद हैं।

इस कारोबार से जुड़े सूत्रों की माने दो उक्त आरक्षक जो की पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ हैं वह वरिष्ठ अधिकारियों से अपने अच्छे संबंधों का दावा कर थाना प्रभारियों को अपने झांसे में लेता है और अपने मन मुताबिक काम करवाता है। जिसके ऐवज में उक्त आरक्षक हर माह अच्छी खासी मोटी रकम कमा रहा है। उक्त आरक्षक के कुछ सोशल मीडिया पत्रकारों एवं व्हाट्सएप पत्रकारों से अच्छे संबंध है। यह कहना गलत नहीं होगा कि विंध्य में अवैध नशे का कारोबार पुलिस के संरक्षण बिना संभव ही नहीं है।

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