रीवा में पर्यटन क्रांति! ₹3000 करोड़ का निवेश, अब बदलेगी विंध्य की किस्मत!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश का विंध्य क्षेत्र, अब पर्यटन के एक नए युग में प्रवेश करने को तैयार है। हाल ही में संपन्न हुए दो दिवसीय रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव ने इस क्षेत्र के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शनिवार को विधिवत उद्घाटन किए गए इस महत्वपूर्ण आयोजन में, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े 600 से अधिक विशेषज्ञों, निवेशकों और हितधारकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य रीवा और शहडोल संभाग की अतुलनीय प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लाना था, और इसे आर्थिक विकास का एक मजबूत इंजन बनाना था। यह कॉन्क्लेव न केवल निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रहा, बल्कि इसने क्षेत्र के पर्यटन को एक नई दिशा देने के लिए एक ठोस रोडमैप भी तैयार किया है।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन: पर्यटन से विकास / CM Dr. Mohan Yadav's Vision: Development Through Tourism

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में पर्यटन को आर्थिक विकास का एक शक्तिशाली माध्यम बताया। उन्होंने विंध्य क्षेत्र की अप्रयुक्त पर्यटन क्षमता पर प्रकाश डाला और कहा कि यह क्षेत्र चित्रकूट, मैहर, बांधवगढ़, संजय गांधी टाइगर रिजर्व जैसे विश्व स्तरीय स्थलों का घर है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और निवेशकों के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उनका विजन स्पष्ट है: पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और मध्य प्रदेश को भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में स्थापित करना। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार पर्यटन परियोजनाओं को गति देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

₹3000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव: विंध्य के लिए वरदान / Over ₹3000 Crore Investment Proposals: A Boon for Vindhya

इस कॉन्क्लेव की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को रीवा और शहडोल संभाग के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर निवेश के करीब 3000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए। यह आंकड़ा न केवल निवेशकों के आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि विंध्य क्षेत्र में पर्यटन का बड़ा भविष्य है। ये निवेश प्रस्ताव विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हैं, जिनमें हवाई सेवाएं, होटल और रिसॉर्ट, होम स्टे, एडवेंचर पर्यटन, वॉटर गेम्स और हेरिटेज प्रॉपर्टीज शामिल हैं। इस बड़े पैमाने के निवेश से क्षेत्र में एक समग्र पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा, जो पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के लिए भी लाभदायक होगा। यह निवेश विंध्य के पर्यटन उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रमुख निवेशक और उनके प्रस्ताव / Key Investors and Their Proposals

कॉन्क्लेव में कई प्रतिष्ठित निवेशकों ने विंध्य क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की। उनके प्रस्ताव क्षेत्र के पर्यटन परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखते हैं।

हवाई सेवाओं का विस्तार: कनेक्टिविटी में क्रांति / Expansion of Air Services: A Revolution in Connectivity

फ्लाई ओला (Fly Ola) के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीराम ओला ने विंध्य क्षेत्र में हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए 700 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई है। यह प्रस्ताव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बेहतर हवाई कनेक्टिविटी किसी भी पर्यटन स्थल के विकास की कुंजी होती है। हवाई सेवाओं के विस्तार से देश और विदेश से पर्यटकों के लिए रीवा और आस-पास के क्षेत्रों तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जिससे पर्यटन प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे स्थानीय लोगों के लिए भी यात्रा के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे और व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

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होटल, रिसॉर्ट और होम स्टे का विकास / Development of Hotels, Resorts, and Homestays

पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना पर्यटन के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिशा में कई बड़े प्रस्ताव सामने आए हैं:

  • आरसीआरसीपीएल और विंध्य प्राइड के संचालक दिव्यांश सिंह बघेल ने 500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। ये प्रस्ताव मुख्य रूप से होटल और रिसॉर्ट्स के निर्माण पर केंद्रित हो सकते हैं, जो पर्यटकों को आरामदायक और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे।

  • अमित दिग्विजय सिंह ने भी 500 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है, जिसका लक्ष्य संभवतः लक्जरी होटलों और रिसॉर्ट्स का विकास करना होगा।

  • समदड़िया बिल्डर्स ने 300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए हैं। यह निवेश भी उच्च गुणवत्ता वाले आवास विकल्पों को जोड़ने में मदद करेगा।

  • अनुज प्रताप सिंह ने 80 करोड़ रुपये और अनिल अग्रवाल ने 150 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव रखे हैं, जो मध्यम-श्रेणी के होटलों, गेस्ट हाउस और होम स्टे विकल्पों के विकास में सहायक हो सकते हैं। होम स्टे विशेष रूप से स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली का अनुभव करने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षक होते हैं, और इससे स्थानीय समुदायों को भी सीधे लाभ होता है।

एडवेंचर और वॉटर स्पोर्ट्स में निवेश / Investment in Adventure and Water Sports

विंध्य क्षेत्र में नदियां, झरने और घने जंगल हैं, जो एडवेंचर और वॉटर स्पोर्ट्स के लिए एक आदर्श पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं। कॉन्क्लेव में इस क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश प्रस्ताव आए:

  • जंगल कैंप इंडिया के संचालक गजेंद्र सिंह राठौर ने 150 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है। यह निवेश जंगल सफारी, वन्यजीव पर्यटन, कैंपिंग और प्रकृति आधारित गतिविधियों को बढ़ावा देगा, जिससे रोमांच पसंद पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा।

  • गौरव प्रताप सिंह ने 100 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है, जो संभवतः रिवर राफ्टिंग, कयाकिंग, बोटिंग और अन्य वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के विकास पर केंद्रित होगा। यह क्षेत्र की नदियों और जलाशयों की प्राकृतिक क्षमता का दोहन करेगा।

हेरिटेज प्रॉपर्टीज का संरक्षण और विकास / Preservation and Development of Heritage Properties

विंध्य क्षेत्र का एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अतीत है, जिसमें कई पुराने किले, महल और धार्मिक स्थल शामिल हैं। इन हेरिटेज प्रॉपर्टीज को संरक्षित करना और उन्हें पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना भी महत्वपूर्ण है।

  • महाराजा पुष्पराज सिंह ने 100 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है, जो संभवतः उनके पारिवारिक विरासत स्थलों के विकास और रखरखाव पर केंद्रित होगा।

  • मानवेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस) ने हेरिटेज प्रॉपर्टी क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई है। राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस जैसी विशेषज्ञता वाली कंपनी का आना यह दर्शाता है कि वे विंध्य की ऐतिहासिक संपत्तियों को पर्यटन स्थलों में बदलने की क्षमता देखते हैं। यह निवेश इन स्थलों की मरम्मत, सौंदर्यीकरण और पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विकास में मदद करेगा, जिससे क्षेत्र का विरासत पर्यटन मजबूत होगा।

पर्यटन से रोजगार और क्षेत्रीय पहचान / Employment and Regional Identity Through Tourism

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने सही ही कहा कि इन निवेश प्रस्तावों से रीवा और शहडोल क्षेत्र की पर्यटन क्षमताएं व्यापक रूप से विकसित होंगी। पर्यटन का विकास केवल पर्यटकों को आकर्षित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध स्थानीय अर्थव्यवस्था से है। नए होटल, रिसॉर्ट, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और संबंधित व्यवसाय हजारों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। ये रोजगार स्थानीय युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़े रखेंगे और पलायन को कम करने में मदद करेंगे।

इसके अलावा, पर्यटन स्थानीय कला, शिल्प, संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देगा। जब पर्यटक किसी क्षेत्र की विशिष्ट पहचान का अनुभव करते हैं, तो वे उस क्षेत्र के बारे में सकारात्मक धारणा बनाते हैं। इससे रीवा और शहडोल की क्षेत्रीय पहचान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। पर्यटन बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, परिवहन, स्वच्छता और संचार के विकास को भी प्रेरित करता है, जिससे क्षेत्र में समग्र जीवन स्तर में सुधार होता है।

रीवा और शहडोल संभाग की पर्यटन क्षमता / Tourism Potential of Rewa and Shahdol Divisions

रीवा और शहडोल संभागों में पर्यटन की अपार और अब तक अनछुई क्षमता है। इस क्षेत्र में कई ऐसे रत्न छिपे हैं जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं:

  • धार्मिक पर्यटन: चित्रकूट, भगवान राम की कर्मभूमि, और मैहर, शारदा माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध, दोनों ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं जो साल भर लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।

  • वन्यजीव पर्यटन: बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान और संजय गांधी टाइगर रिजर्व बाघों और अन्य वन्यजीवों को देखने के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। ये पार्क वन्यजीव प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं।

  • प्राकृतिक सौंदर्य: इस क्षेत्र में कई झरने, नदियां, हरे-भरे जंगल और गुफाएं हैं। चचाई जलप्रपात जैसे झरने अपनी भव्यता के लिए जाने जाते हैं। रीवा का सफेद बाघ सफारी भी एक अनूठा आकर्षण है।

  • ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल: यहां कई प्राचीन किले, महल और पुरातात्विक स्थल हैं जो क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की कहानी कहते हैं।

  • ग्रामीण पर्यटन और इको-टूरिज्म: ग्रामीण जीवनशैली और प्राकृतिक परिवेश का अनुभव करने के इच्छुक पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र आदर्श है। इको-टूरिज्म पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को लाभान्वित कर सकती है।

इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि उचित निवेश और विकास के साथ, रीवा और शहडोल संभाग भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बन सकते हैं।

सरकार की नीतियां और प्रोत्साहन / Government Policies and Incentives

मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव का आयोजन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई नीतियां और प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:

  • निवेश सब्सिडी और रियायतें: नई पर्यटन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता और कर छूट।

  • भूमि आवंटन में आसानी: पर्यटन परियोजनाओं के लिए उपयुक्त भूमि का त्वरित और पारदर्शी आवंटन।

  • सिंगल विंडो क्लीयरेंस: परियोजनाओं के लिए आवश्यक अनुमतियों और स्वीकृतियों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाना।

  • बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, बिजली, पानी और संचार जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं में सुधार।

  • सुरक्षा और स्वच्छता: पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना।

  • कुशल जनशक्ति का विकास: पर्यटन उद्योग के लिए प्रशिक्षित पेशेवरों और कर्मचारियों को तैयार करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।

इन नीतियों से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और वे विंध्य क्षेत्र में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

आगे की राह: चुनौतियों और अवसरों का संतुलन / The Way Forward: Balancing Challenges and Opportunities

हालांकि ₹3000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव एक बड़ी सफलता है, लेकिन आगे की राह में कुछ चुनौतियां भी हैं जिन पर ध्यान देना होगा:

  • प्रस्तावों को वास्तविकता में बदलना: सिर्फ प्रस्ताव प्राप्त करना पर्याप्त नहीं है; उन्हें समयबद्ध तरीके से कार्यान्वित करना महत्वपूर्ण है।

  • स्थानीय प्रतिरोध और भूमि अधिग्रहण: कुछ परियोजनाओं में स्थानीय समुदायों से प्रतिरोध या भूमि अधिग्रहण की समस्या आ सकती है।

  • कुशल जनशक्ति की उपलब्धता: पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि के साथ, कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी, जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता होगी।

  • पर्यावरणीय स्थिरता: पर्यटन विकास को पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए ताकि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित किया जा सके।

  • सुरक्षा और कनेक्टिविटी: पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करना महत्वपूर्ण होगा।

इन चुनौतियों के बावजूद, विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के लिए असाधारण अवसर हैं। प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत, सरकारी समर्थन और निवेशकों की बढ़ती रुचि के साथ, रीवा और शहडोल संभाग निश्चित रूप से भारत के पर्यटन मानचित्र पर एक चमकता सितारा बन सकते हैं।

निष्कर्ष / Conclusion

रीवा में संपन्न हुआ रीजनल पर्यटन कॉन्क्लेव विंध्य क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर साबित होने की क्षमता रखता है। ₹3000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव न केवल इस क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे, बल्कि रोजगार के अपार अवसर भी पैदा करेंगे और विंध्य की विशिष्ट पहचान को विश्व स्तर पर मजबूत करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन और सरकार की सक्रिय नीतियों के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि रीवा और शहडोल संभाग जल्द ही देश के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में उभरेगा, जो प्रकृति, संस्कृति और रोमांच का एक अनूठा मिश्रण प्रदान करेगा।

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