171 साल पुरानी डाक सेवा बंद: रीवा पोस्ट ऑफिस में अब रजिस्टर्ड डाक नहीं, 1 सितंबर से बड़ा बदलाव!

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा समेत पूरे देश के डाकघरों में अब एक युग का अंत होने जा रहा है। ब्रिटिश काल से चली आ रही 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा को बंद करने का फैसला लिया गया है। यह सेवा, जो 1 सितंबर 1854 को शुरू हुई थी, अब इतिहास का हिस्सा बन जाएगी। डाक विभाग ने इस सेवा को खत्म करके इसकी जगह स्पीड पोस्ट को देने का निर्णय लिया है। यह फैसला एक बड़े बदलाव का संकेत है जो पोस्ट ऑफिस की कार्यप्रणाली में देखने को मिलेगा।
रजिस्टर्ड डाक: क्या थी इसकी खास बात और क्यों थी यह विश्वसनीय?
रजिस्टर्ड डाक का नाम सुनते ही लोगों को एक तरह की विश्वसनीयता और सुरक्षा का एहसास होता था। इस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें भेजे गए किसी भी दस्तावेज या सामान की डिलीवरी होने की पूरी तरह से पुष्टि होती थी। जिस व्यक्ति के नाम से डाक भेजी जाती थी, उसे ही डाक प्राप्त होती थी और उसके हस्ताक्षर लिए जाते थे। यही कारण था कि कोर्ट, सेना, पुलिस, रेलवे और अन्य सरकारी विभाग अपने महत्वपूर्ण पत्राचार और दस्तावेज इसी सेवा के माध्यम से भेजते थे। अक्सर दफ्तरों में यह सुनने को मिलता था, "इसे रजिस्टर्ड डाक से ही भेज देना।"
स्पीड पोस्ट क्यों ले रही है इसकी जगह और क्या होगा असर?
डाक विभाग अब अपनी सभी सेवाओं को आधुनिक और तेज बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी के तहत 1 सितंबर से रजिस्टर्ड डाक को पूरी तरह से स्पीड पोस्ट में मिला दिया जाएगा। हालांकि, स्पीड पोस्ट से आने वाली डाक की विश्वसनीयता रजिस्टर्ड डाक जैसी नहीं मानी जाती, क्योंकि इसमें डिलीवरी की पुष्टि उतनी सख्ती से नहीं होती थी। यह बदलाव भले ही सेवाओं को तेज कर दे, लेकिन पुरानी विश्वसनीयता का भाव कम हो जाएगा।
जनता की जेब पर सीधा असर: अब हर काम के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
यह बदलाव आम जनता की जेब पर सीधा असर डालेगा। रजिस्टर्ड डाक के मुकाबले स्पीड पोस्ट की सेवा थोड़ी महंगी होती है। ऐसे में जो लोग सरकारी कार्यों या निजी कामों के लिए कम खर्च में रजिस्टर्ड डाक का उपयोग करते थे, उन्हें अब हर काम के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। यह एक तरह का आर्थिक बोझ है जो आम नागरिकों पर पड़ेगा।
इतिहास और यादें: एक युग का अंत, जो ब्रिटिश काल से चला आ रहा था।
वर्ष 1854 में शुरू हुई यह डाक सेवा सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि एक धरोहर थी। इसने कई पीढ़ियों को महत्वपूर्ण संदेश और दस्तावेज पहुंचाने का काम किया। इसका बंद होना सिर्फ एक सेवा का अंत नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। यह पुरानी यादें बनकर रह जाएगी, जिसे आने वाली पीढ़ियां शायद सिर्फ किताबों में ही पढ़ेंगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न: रजिस्टर्ड डाक सेवा कब से बंद हो रही है?
उत्तर: यह सेवा 1 सितंबर से देशभर के सभी पोस्ट ऑफिस में बंद हो जाएगी।
प्रश्न: रजिस्टर्ड डाक की जगह अब कौन-सी सेवा मिलेगी?
उत्तर: रजिस्टर्ड डाक की जगह अब स्पीड पोस्ट सेवा का उपयोग किया जाएगा।
प्रश्न: क्या स्पीड पोस्ट रजिस्टर्ड डाक जितनी विश्वसनीय है?
उत्तर: रजिस्टर्ड डाक में डिलीवरी की पुष्टि ज्यादा सख्त होती थी, जबकि स्पीड पोस्ट में इसकी उतनी गारंटी नहीं होती है।
प्रश्न: रजिस्टर्ड डाक सेवा कब शुरू हुई थी?
उत्तर: यह सेवा ब्रिटिश काल में वर्ष 1854 में शुरू हुई थी।