REWA : 10 लाख के लेनदेन का मामला : सेना के जवान ने साथियों के साथ मिलकर की थी ट्रांसपोर्टर की हत्या : गोरखपुर से पकड़ लाई सतना पुलिस

 
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रीवा के ट्रांसपोर्टर की सतना के अमरपाटन में हत्या सेना के जवान ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी। वारदात के बाद वह अपने मामा के साथ भाग निकला था लेकिन सतना पुलिस ने दोनों को यूपी के गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले के 3 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं।

हासिल जानकारी के मुताबिक रीवा जिले के मनिकवार निवासी ट्रांसपोर्टर रजनीश गुप्ता की हत्या के मामले में पुलिस ने भारतीय सेना के जवान नीलेन्द्र त्रिपाठी निवासी ग्राम चुआ गोविंदगढ़ रीवा को गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ कपिल मिश्रा निवासी एसएएफ चौराहा रीवा भी पकड़ा गया है। ट्रांसपोर्टर रजनीश की हत्या का मास्टर माइंड नीलेन्द्र ही था। इस वारदात में उसका साथ उसके रिश्ते के मामा कपिल मिश्रा, अंकित तिवारी, अतुल पटेल, छोटू पटेल और भूपेंद्र उर्फ रवि पटेल ने दिया था।

वारदात के बाद नीलेन्द्र अपने मामा कपिल के साथ यूपी के गोरखपुर भाग गया था। अमरपाटन थाना पुलिस की टीम ने नीलेन्द्र और कपिल को गोरखपुर से गिरफ्तार किया और सतना ले आई। दोनों को अदालत में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में अतुल पटेल,भूपेंद्र उर्फ रवि पटेल तथा छोटू उर्फ आशुतोष पटेल को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है जबकि अंकित तिवारी अभी फरार है।

1 महीने से आर्मी ड्यूटी में अनुपस्थित है आरोपी

आरोपी नीलेन्द्र त्रिपाठी भारतीय सेना में कार्यरत था। वह पिछले महीने एक हफ्ते की छुट्टी लेकर घर आया था लेकिन बाद में उसने अपनी छुट्टी कुछ दिनों के लिए बढ़वा ली थी। बढ़ी हुई छुट्टी बीतने के बाद वह ड्यूटी पर वापस नहीं गया था और लगभग एक महीने से वहां अनुपस्थित है।

साढ़े 10 लाख के लेनदेन का था मामला

जांच और पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि रजनीश गुप्ता की मौत की वजह नीलेन्द्र के साथ उसका रुपयों के लेनदेन का मामला था। नीलेन्द्र और रजनीश ने पार्टनरशिप में ट्रांसपोर्ट का काम किया था। नीलेन्द्र सेना में था इसलिए सारा काम रजनीश देखता था। नीलेन्द्र ने अपने पैसे लगा कर 3 ट्रक खरीदे थे जो रजनीश के ही नाम थे। उन्हें चलवाता भी रजनीश ही था।

उस वक्त दोनों के बीच हुए करार के मुताबिक साढ़े 10 लाख रुपए रजनीश को नीलेन्द्र को लौटाने थे जिसके लिए उसने चेक दिए थे। तीन चेकों के जरिए वह साढ़े 3 लाख रुपए लौटा भी चुका था। कुछ पैसे नीलेन्द्र के मामा कपिल के जरिए भी लौटाए गए थे। लेकिन उसके बाद रुपयों की वापसी में रजनीश आनाकानी करने लगा था। इसी रकम के कारण दोनों में अनबन हो गई थी और रुपए वसूलने के चक्कर मे ही नीलेन्द्र वापस असम जा कर अपनी ड्यूटी जॉइन नहीं कर पाया था।

मोटर साइकिल से ले जा कर फेंका था शव

रुपयों के लेनदेन के विवाद में 2 अगस्त को नीलेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर चुरहट रोड स्थित गहरवार ढाबा के पास से रजनीश का अपहरण कर लिया। उसे अतुल पटेल के जरिए बुक की गई बोलेरो से नादन देहात थाना क्षेत्र के बुढेरुआ स्थित छोटू पटेल के पोल्ट्री फार्म ले आया गया जहां उसके साथ रात 3 बजे तक मारपीट की गई।

जब वह मरणासन्न हालत में पहुंच गया तो एक बार फिर अतुल पटेल से संपर्क कर गाड़ी मंगाई गई ताकि रजनीश को वापस रीवा में ही कहीं फेंक दिया जाए लेकिन अतुल वहां रजनीश की हालत देख कर भाग खड़ा हुआ। बाद में फौजी नीलेन्द्र ने अंकित तिवारी और छोटू पटेल के साथ मिलकर रजनीश को मोटर साइकिल पर लादा और नेशनल हाईवे 30 पर ककरा स्थित यात्री प्रतीक्षालय में फेंक दिया। जहां सुबह रजनीश मृत हालत में पड़ा मिला।

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