हनुमना RTO चेक पोस्ट पर दलाली करना पड़ा भारी, ट्रक ड्राइवर ने 5 किलोमीटर तक दौड़ाया वाहन; जान बचाने के लिए पैर छूता रहा दलाल, क्या सो रहा है रीवा प्रशासन और सीएम?
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले के हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी हैं। एक प्राइवेट दलाल, जो खुद को आरटीओ का 'खास' समझकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली (Extortion) कर रहा था, उसे अपनी जान बचाने के लिए 5 किलोमीटर तक ट्रक की खिड़की पर लटकना पड़ा। यह घटना चीख-चीखकर बता रही है कि सिस्टम की नाक के नीचे किस तरह भ्रष्टाचार का नंगा नाच चल रहा है।
हनुमना चेक पोस्ट पर 'खूनी वसूली': मौत और माफ़ी का 5 किलोमीटर
शनिवार की दोपहर हनुमना चेक पोस्ट पर जब ट्रक चालक सुमित पटेल पहुंचा, तो उसे अंदाजा नहीं था कि उसे एक 'सरकारी संरक्षित गुंडे' का सामना करना पड़ेगा। आरटीओ चेक पोस्ट पर तैनात एक प्राइवेट दलाल ने ट्रक रुकवाया और बिना किसी वैध रसीद या दस्तावेज की मांग के सीधे 'एंट्री' के नाम पर पैसों की मांग शुरू कर दी।
दलाल की बदसलूकी: चालक का आरोप है कि दलाल ने न केवल पैसे मांगे बल्कि अपशब्दों का प्रयोग भी किया।
साहस का परिचय: जब दलाल जबरन पैसे लेने के लिए ट्रक के गेट पर चढ़ा, तो चालक सुमित ने अपनी गाड़ी नहीं रोकी और रफ्तार बढ़ा दी।
मौत का डर: अगले 5 किलोमीटर तक दलाल की सारी 'रंगदारी' हवा हो गई। वह चलते ट्रक में लटककर जान की भीख मांगता रहा और बार-बार ड्राइवर के पैर छूकर माफी मांगने लगा।
व्यवस्था पर सवाल: सरकारी चेक पोस्ट पर प्राइवेट दलाल कैसे पहुंचे?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट पर प्राइवेट दलाल क्या कर रहे हैं? क्या परिवहन विभाग ने वसूली के लिए 'प्राइवेट टेंडर' दे रखा है? यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि यह एक व्यवस्थित सिंडिकेट (Syndicate) है जो पूरे रीवा संभाग में काम कर रहा है।
विभागीय संरक्षण: बिना आरटीओ अधिकारियों की सहमति के कोई भी बाहरी व्यक्ति चेक पोस्ट पर खड़ा नहीं हो सकता।
कागजों का खेल: दलाल अक्सर उन ट्रकों को निशाना बनाते हैं जिनके पास वैध कागजात होते हैं, ताकि उन्हें घंटों खड़ा करके परेशान किया जा सके।
पुलिस और आरटीओ की चुप्पी: 5 किलोमीटर तक ट्रक पर लटकता हुआ व्यक्ति किसी पुलिस वाले या आरटीओ कर्मी को नहीं दिखा, यह अपने आप में एक बड़ा मजाक है।
ड्राइवर सुमित पटेल का साहस: जब 'रंगदारी' पर भारी पड़ी 'खुद्दारी'
ट्रक ड्राइवर सुमित पटेल का यह कदम केवल एक बचाव नहीं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ एक विद्रोह है। ट्रक चालकों को अक्सर 'सॉफ्ट टारगेट' माना जाता है। पुलिस, आरटीओ और दलाल उन्हें हर मोड़ पर लूटते हैं।
तीन तस्वीरों में पूरा घटनाक्रम



ड्राइवर बोला- बदसलूकी करने पर विरोध किया: सुमित ने साफ तौर पर कहा कि रोज-रोज की लूट और दलालों के बदतर व्यवहार ने उसे यह कठोर कदम उठाने पर मजबूर किया। यह घटना उन हजारों ट्रक चालकों की आवाज़ है जो हर दिन इन चेक पोस्टों पर अपना स्वाभिमान और मेहनत की कमाई गंवाते हैं।
आरटीओ और प्रशासन की मिलीभगत: क्या सो रहा है प्रदेश का तंत्र?
रीवा में ट्रक चालकों से जबरन वसूली क्यों नहीं रुक रही है? यह सवाल अब मुख्यमंत्री मोहन यादव के दरबार तक जाना चाहिए। क्या पूरा प्रशासन और आरटीओ विभाग इस अवैध कमाई में हिस्सेदार है?
सीएम की चुप्पी: मध्य प्रदेश में 'सुशासन' के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी चेक पोस्ट लूट के अड्डे बन चुके हैं।
आरटीओ की जिम्मेदारी: रीवा आरटीओ को जवाब देना होगा कि उन्होंने उन दलालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जो उनकी नाक के नीचे अवैध वसूली कर रहे हैं।
क्या सिस्टम सो रहा है? जब दिनदहाड़े एक प्राइवेट व्यक्ति सरकारी चेक पोस्ट पर उगाही करता है, तो इसका मतलब है कि कानून का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है।
वायरल वीडियो का सच: गिड़गिड़ाता दलाल और बेनकाब होता सिस्टम
रविवार सुबह जो वीडियो सामने आया, उसने इस पूरी दलाली व्यवस्था को नंगा कर दिया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे एक व्यक्ति जो चंद मिनट पहले 'किंग' बनकर वसूली कर रहा था, वह मौत को सामने देख ड्राइवर के पैर पकड़ रहा है।
"साहब छोड़ दो, अब कभी नहीं चढ़ूंगा, पैर छूता हूँ..."
यह शब्द उस दलाल के नहीं, बल्कि उस टूटे हुए 'अहंकार' के हैं जो सरकारी संरक्षण में पनप रहा था। यह वीडियो प्रमाण है कि हनुमना चेक पोस्ट पर दलालों का कब्जा है।
निष्कर्ष: क्या मुख्यमंत्री लेंगे संज्ञान या जारी रहेगी यह लूट?
हनुमना की यह घटना केवल एक 'दलाल बनाम ड्राइवर' का मामला नहीं है। यह भ्रष्ट आरटीओ सिस्टम बनाम आम आदमी की लड़ाई है। अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा और इन चेक पोस्टों से दलालों की सफाई नहीं हुई, तो वह दिन दूर नहीं जब जनता खुद कानून अपने हाथ में लेगी। रीवा आरटीओ को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए और हनुमना चेक पोस्ट पर लगे हर सीसीटीवी की जांच होनी चाहिए।