रीवा में 'ऑपरेशन क्लीन हेल्थ'! कलेक्टर की चेतावनी- अगला नंबर तुम्हारा! अवैध अस्पताल, मेडिकल स्टोर बंद करो या जेल जाओ

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर चल रही बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। कलेक्टर प्रतिभा पाल के सीधे निर्देश पर, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त टीम ने अवैध रूप से संचालित हो रहे सजीवन हॉस्पिटल एवं चेस्ट केयर सेंटर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया। यह कार्रवाई शहर में स्वास्थ्य मानकों को ताक पर रखकर चल रहे निजी संस्थानों पर प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है।
अस्पताल का संचालन और अवैध गतिविधियाँ
जांच में सामने आया कि यह अस्पताल संजय गांधी अस्पताल में पदस्थ सह प्राध्यापक डॉ. मुकेश तिवारी की पत्नी के नाम पर संचालित किया जा रहा था।
- पंजीयन का अभाव: अस्पताल के पास न तो वैध पंजीयन था और न ही संचालन के लिए आवश्यक दस्तावेज मौजूद थे।
- अवैध सेवाएँ: अस्पताल परिसर में ओपीडी, एक्स-रे और अन्य जांच सुविधाएँ बिना किसी वैध अनुमति के चलाई जा रही थीं।
- फार्मासिस्ट की गैर-मौजूदगी: सबसे गंभीर उल्लंघन यह था कि अस्पताल परिसर में ही दवाइयाँ बेची जा रही थीं, लेकिन वहाँ कोई फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था, जो फार्मेसी नियमों का सीधा उल्लंघन है।
चेतावनी के बाद अभद्रता और संयुक्त टीम का एक्शन: डॉ. मुकेश तिवारी पर FIR के निर्देश
अस्पताल के खिलाफ यह कार्रवाई रातोंरात नहीं हुई। दो दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को नोटिस जारी कर जांच के लिए अधिकारी भेजे थे।
- अस्पताल का दुर्व्यवहार: आरोप है कि उस समय अस्पताल प्रबंधन ने जांच टीम के साथ अभद्रता की, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया।
- संयुक्त टीम का गठन: इस अभद्रता के बाद कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एसडीएम डॉ. अनुराग तिवारी, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ल, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित कर दोबारा मौके पर भेजा।
- कार्रवाई: टीम ने मौके पर पंचनामा बनाकर अस्पताल को सील कर दिया।
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अस्पताल में दस्तावेजों की जांच करते अधिकारी
छिंदवाड़ा कांड का असर: प्रदेशभर में अलर्ट
प्रदेश में हाल ही में छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद प्रशासन अत्यधिक अलर्ट है।
- जाँच अभियान: इसी के तहत रीवा जिले में मेडिकल स्टोर्स और निजी अस्पतालों की व्यापक जाँच शुरू की गई है।
- कड़ी कार्रवाई: बिना फार्मासिस्ट संचालित मेडिकल दुकानों को सीज किया जा रहा है, और गैर-पंजीकृत अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, रीवा के गली-मोहल्लों में नियमों को ताक पर रखकर चल रहे सभी अवैध निजी संस्थानों पर नकेल कसी जाएगी।
अधिकारियों का बयान और कानूनी कार्रवाई: अवैध संचालन पर होगी सख्त सजा
कार्रवाई के बाद एसडीएम डॉ. अनुराग तिवारी ने मीडिया को बताया:
"यह अस्पताल बिना किसी अधिकृत पंजीयन के संचालित हो रहा था, जो गंभीर लापरवाही है। कलेक्टर के निर्देश पर डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए गए हैं।"
निष्कर्ष: अवैध अस्पतालों पर नकेल
रीवा में हुई यह कार्रवाई जन स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साफ संदेश देता है कि नियमों को ताक पर रखकर निजी लाभ के लिए स्वास्थ्य संस्थान चलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। डॉ. मुकेश तिवारी के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश, यह सुनिश्चित करता है कि अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।