वरिष्ठ डॉक्टरों की अनुपस्थिति क्यों: विंध्य में मनमानी की पराकाष्ठा! डीन और विभागाध्यक्ष सहित सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों को तत्काल निलंबित करो

 
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सीनियर डॉक्टरों की मनमानी से विंध्य का सबसे बड़ा अस्पताल 'मौत का केंद्र' बना, Rewa पुलिस की मौजूदगी में 4 घंटे हंगामा

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के गृह ग्राम और विधानसभा क्षेत्र रीवा में स्थित संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल (SGMH) एक बार फिर शर्मनाक लापरवाही का केंद्र बन गया है। दिनांक 5 दिसंबर 2025 को कथित चिकित्सा लापरवाही के चलते प्रसूता सुनीता साहू (22 वर्ष) और उनके नवजात शिशु की मौत हो गई। इस भयावह घटना के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और प्रसूति विभाग में लगातार चार घंटे तक भारी हंगामा होता रहा, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अमहिया पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा।

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लापरवाही का भयावह मंजर और परिजनों के गंभीर आरोप
गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम सहिजना निवासी सुनीता साहू को प्रसव पीड़ा के दौरान कल (गुरुवार) को SGMH में भर्ती कराया गया था। आज ऑपरेशन के बाद नवजात शिशु की मृत्यु हो गई।

परिजनों के मुख्य आरोप:

  • जूनियर डॉक्टरों के भरोसे इलाज: परिजनों ने खुलेआम आरोप लगाया कि Delivery जैसे महत्वपूर्ण उपचार के दौरान सीनियर डॉक्टर अनुपस्थित रहे, और इलाज पूरी तरह से जूनियर डॉक्टरों द्वारा किया गया, जिसके कारण यह लापरवाही हुई।
  • मौत छिपाने का प्रयास: आक्रोशित परिजनों ने दावा किया कि नवजात ही नहीं, बल्कि प्रसूता सुनीता साहू की भी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन अपनी छवि बचाने के लिए इस तथ्य को दबाने का प्रयास कर रहा है।
  • 4 घंटे तक चला आक्रोश: इस त्रासदी के बाद अस्पताल के प्रसूति रोग विभाग में व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए परिजनों ने हंगामा किया। लगातार 4 घंटे चले इस कोहराम के कारण SGMH की लचर व्यवस्था की पोल खुल गई।

स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में बदहाल व्यवस्था क्यों?
यह घटना पूरे विंध्य क्षेत्र की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था की संवेदनहीनता को दर्शाती है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि:
"जिस प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री (राजेंद्र शुक्ल) का यह गृह ग्राम और विधानसभा क्षेत्र है, वहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इतनी बदहाल क्यों हैं? SGMH में मरीजों की जान की कोई कीमत क्यों नहीं है?"

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  • सीनियर डॉक्टरों की अनुपस्थिति: यह एक गंभीर प्रणालीगत विफलता है कि महत्वपूर्ण समय पर सीनियर डॉक्टर गायब रहते हैं, जबकि वे अपने निजी क्लीनिक या निवास पर व्यस्त रहते हैं।
  • मनमानी का तांडव: Gynecology Ward में लापरवाही, अवैध वसूली और मनमानी का खुला तांडव चलता है। आरोप है कि कोई भी ज़िम्मेदार अधिकारी या विभागाध्यक्ष वार्ड में झाँकने की भी जहमत नहीं उठाता।
  • मरीज़ 'सौत का पूत': SGMH में भर्ती होने वाले गरीब और जरूरतमंद मरीजों तथा उनके परिजनों को 'सौत का पूत' माना जाता है, जिससे उन्हें सुरक्षा और बेहतर इलाज का भय सताता रहता है।

कठोर कार्रवाई की मांग: जिम्मेदार अधिकारियों पर हो FIR
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की यह चुप्पी अब अस्वीकार्य है। इस मामले में लीपापोती कर इसे दबाने के बजाय, ठोस कदम उठाए जाने चाहिए:

  • तत्काल FIR: मृतिका सुनीता साहू और नवजात शिशु की मौत के लिए जिम्मेदार संबंधित सीनियर और जूनियर डॉक्टरों, तथा विभागाध्यक्ष (गायनी) के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) के तहत तत्काल आपराधिक मामला ( FIR) दर्ज किया जाना चाहिए।
  • उच्चाधिकारियों पर गाज: SGMH के Dean और Superintendent को तत्काल निलंबित किया जाए और उनकी Administrative Accountability तय की जाए।
  • निष्पक्ष जांच समिति: मुख्यमंत्री के आदेश पर एक उच्च-स्तरीय, गैर-चिकित्सा विशेषज्ञों वाली जांच समिति का गठन हो, जो SGMH में चल रही manmani और लापरवाही की व्यापक जांच करे।
  • मुआवज़ा: पीड़ित साहू परिवार को तत्काल न्याय और पर्याप्त आर्थिक मुआवज़ा दिया जाए।

रीवा का संजय गांधी अस्पताल, जो विंध्य के लोगों के लिए जीवनरेखा होना चाहिए, अब 'मौत के केंद्र' में बदलता दिख रहा है। सरकार की उदासीनता या Dean की मनमानी को तत्काल रोकना चाहिए ताकि यह 'मौत का खेल' हमेशा के लिए बंद हो सके।

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