REWA : सिद्धार्थ तिवारी को कहीं भाजपा का दामन थामना ना पड़ जाए महंगा
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। नवंबर 2023 को मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा एवं कांग्रेस द्वारा आज दिनांक तक प्रदेश के सभी 230 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा कर पाने में सफल नहीं हो पाए हैं। कांग्रेस द्वारा जारी पहली सूची में लगभग 144 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जा चुकी है वहीं भाजपा द्वारा एक-एक कर चार सूचियाँ जारी कर लगभग 135 उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है।
विंध्य क्षेत्र की बात की जाए तो कांग्रेस की सूची जारी होने के पहले ही बगावत के सुर उठने लगे थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीनिवास तिवारी के पोते एवं सुंदरलाल तिवारी के पुत्र सिद्धार्थ तिवारी राज के समर्थकों ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी में यह दबाव बनाने की कोशिश की थी की त्योंथर से सिद्धार्थ तिवारी को उम्मीदवार बनाया जाए। जब कांग्रेस द्वारा उन्हें प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया तो 18 अक्टूबर को श्रीनिवास के पोते ने भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के हाथों भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
इस बात की आशंका काफी पहले से लगाई जा रही थी सिद्धार्थ के भाजपा का दामन थामते ही त्योंथर के भाजपाइयों की नाराजगी उभर कर सामने आएगी। 18 अक्टूबर की देर शाम त्योंथर से भाजपा मंडल अध्यक्षों का एकजत्था रीवा पहुंचा और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ल के आवास में जाकर त्योंथर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में सिद्धार्थ तिवारी उर्फ राज को टिकट दिए जाने की खबर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की एवं सामूहिक इस्तीफा तक देने की धमकी दे डाली।
सिद्धार्थ तिवारी उर्फ राज को अपना पाएंगे भाजपाई?
भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कल दोपहर सिद्धार्थ तिवारी रीवा लौट रहे हैं। उनके रीवा लौटने पर उनके स्वागत की अपील उनके कांग्रेसी समर्थकों द्वारा ही चोराहटा पहुंचकर करने की अपील की गई है। भाजपा की ओर से इस तरह की कोई अपील जारी नहीं की गई है। सवाल यह उठता है कि रीवा पहुंचने पर सिद्धार्थ तिवारी ढेकहा स्थित भाजपा कार्यालय जाकर भाजपा पदाधिकरियों से मुलाकात करेंगे या नहीं या फिर पूर्व में जब वह कांग्रेस में थे तो कांग्रेस का कार्यालय जिस तरह अमहिया स्थित सुंदरलाल तिवारी के आवास से संचालित होता था उसी तरह अब भी भाजपा ज्वाइन करने के बाद सिद्धार्थ तिवारी अपने आवास से ही अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रखेंगे।
कहीं अभय मिश्रा जैसे ना हो जाए हाल
विधानसभा चुनाव से लगभग 6 महीने पहले 2018 में रीवा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले नेता अभय मिश्रा द्वारा भाजपा की सदस्यता इस शर्त में ग्रहण की गई थी कि आगामी चुनाव में उन्हें सेमरिया विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया जाएगा। किंतु ऐसा प्रतीत होता ना देखकर अभय मिश्रा द्वारा भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी गई और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया।
हालांकि अभय मिश्रा भी किसी पार्टी में नहीं है देखना यह है कि कांग्रेस द्वारा उन्हें सेमरिया से प्रत्याशी बनाया जाता है या फिर वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सेमरिया विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरेंगे। अगर इसी प्रकार की स्थित सिद्धार्थ तिवारी उर्फ राज के साथ निर्मित होती है तो उनका अगला कदम क्या होगा यह तो वो ही बेहतर बता सकते हैं। फिलहाल देखना यह है कि उनके भाजपा ज्वाइन करने के बाद प्रथम कितने भाजपाई उनका स्वागत करने चोराहटा पहुंचते हैं।