REWA : कभी हेलमेट चेकिंग तो कभी काली फिल्म के लिए परेशान, खुद को सिंघम मानने वाले अवैध वसूली का खेल-खेल रहा था वसूली बाज सूबेदार

 
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MP/ REWA NEWS : रीवा. शहर में वाहनों से जांच के नाम पर अवैध वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। कभी हेलमेट चेकिंग तो कभी काली फिल्म एवं अन्य दस्तावेजों की जांच के नाम पर वाहनों को जब्त कर परेशान करने का कार्य चल रहा है। सबसे अधिक परेशान करने का बहाना नशे में वाहन चलाने का आरोप लगाकर होता रहा है। आए दिन शहर के संभ्रांत नागरिकों की जांच करते हुए फोटो भी वायरल की जाती रही और इसी की धमकी देकर अवैध वसूली भी होती रही है। ऐसा ही इस बार भी हुआ। चालक को रोककर कहा गया कि वह नशे में वाहन चला रहा है। वाहन स्वामी ने शिकायत में कहा है कि उसका चालक नशा नहीं करता। अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा था।

मीडिया सूत्रों की माने तो रिश्वत लेते पकड़ा गया सूबेदार दिलीप तिवारी खुद को सिंघम फिल्म के नायक की तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करता था। उसी तरह मूछे रखता था और शहर में अपने काम के स्टाइल को भी उसी तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करता था। इतना ही नहीं खुद की छवि को सिंघम की तरह ब्रांडिंग करने के लिए सोशल मीडिया पर अपने कुछ करीबियों से पोस्ट भी करवाता था। इसके पहले भी कई बार लोगों ने शिकायतें की लेकिन विभागीय अधिकारियों ने नजरंदाज कर दिया, जिसकी वजह से उसके हौंसले बढ़ते चले गए।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं पुलिस वाले

पुलिस वालों को रिश्वत लेते हुए पकड़वाने का यह मामला कोई पहला नहीं है। इसके पहले भी कई पुलिस वाले पकड़े जा चुके हैं। सालभर के भीतर ही गोविंदगढ़ में अलग-अलग कार्रवाई के दौरान दो थाना प्रभारियों सहित उनके तीन सहयोगियों, चोरहटा थाने के आरक्षक सहित दूसरे जिलों में करीब दर्जनभर की संख्या में पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई किए जाने की वजह से अब लोग पुलिसकर्मियों की शिकायत लेकर भी पहुंच रहे हैं।

ट्रैफिक सूबेदार दिलीप तिवारी (subedaar dilip tiwari) और आरक्षक को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। शिकायत थी कि वाहन छोड़ने के बदले रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायत की जांच के बाद टीम भेजी गई थीए जहां पर दोनों रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं।

गोपाल सिंह धाकड़, एसपी लोकायुक्त रीवा

24 मार्च की रात ट्रैफिक पुलिस ने वाहन पकड़ा और आरोप लगाया कि चालक शराब के नशे में है। जबकि वह नशा नहीं करता। वाहन छोड़ने के लिए 15 हजार मांग रहे थे बाद में साढ़े दस हजार रुपए में बात तय हुई। मार्तंड स्कूल तिराहे में रुपए लिए, जिसके बाद पकड़े गए।

नवल किशोर रजक, शिकायतकर्ता

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