रीवा-सीधी हाईवे: 2 लेन से 4 लेन में बदलने की प्रक्रिया तेज, जानें लेटेस्ट अपडेट

 
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रीवा, मध्य प्रदेश: रीवा-सीधी हाईवे को दो लेन से चार लेन में अपग्रेड करने की महत्वाकांक्षी परियोजना ने गति पकड़ ली है। यह रणनीतिक कदम क्षेत्र के यातायात, कृषि और पर्यटन में महत्वपूर्ण सुधार लाने वाला है। इस योजना के तहत 21 गांवों की जमीन पर पिछले 6 महीनों से क्रय-विक्रय, बंटवारा और डायवर्जन पर रोक लगाई गई है ताकि भूमि मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

बायपास प्रस्ताव में बदलाव: सिलपरा की जगह मौजूदा सड़क का चौड़ीकरण
पहले एक नया बायपास सिलपरा से प्रस्तावित था, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की सिफारिश के बाद इस प्रस्ताव को हटा दिया गया है। अब मौजूदा सड़क का ही चौड़ीकरण किया जाएगा, जिसे सर्वोत्तम विकल्प माना गया है।

मोहनिया टनल और सोन नदी पुल का विस्तार
परियोजना में पहले से तैयार मौजूदा 16 किलोमीटर फोर-लेन सड़क शामिल है, जिसमें 2.28 किलोमीटर लंबी मोहनिया (ट्विन ट्यूब) टनल भी शामिल है। शेष बचे हिस्से पर नई सड़क का निर्माण और सोन नदी पर मौजूदा पुल का भी चौड़ीकरण किया जाएगा। मोहनिया घाटी का कटना यातायात के समय में भारी बचत लाएगा, जहाँ 45 मिनट का सफर घटकर संभवतः 4 मिनट में पूरा हो सकेगा।

भूमि अधिग्रहण पर रोक और उसका कारण
गुढ़ और हुजूर तहसीलों में कुल 21 ग्रामों की भूमि पर भूमि लेनदेन प्रतिबंधित किया गया है। यह रोक इसलिए लगाई गई है ताकि भूमि मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और प्रभावित किसानों को न्यायोचित मुआवजा सुनिश्चित किया जा सके।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: विकास का नया अध्याय
यह परियोजना रीवा, सीधी, सतना और सतना-बेला मार्ग को तेज़ और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इससे यातायात के समय में भारी बचत होगी, जिससे लोगों को आवाजाही में सुविधा मिलेगी।

कृषि: किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक तेजी से पहुंचाने में मदद मिलेगी।
पर्यटन: खजुराहो और पन्ना जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सुविधाजनक पहुंच उपलब्ध होगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रक्रिया और पर्यावरणीय मंज़ूरी
इस रोड चौड़ीकरण परियोजना के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) पहले ही तैयार हो चुकी है, और इसे दिसंबर 2022 में NHAI की मंज़ूरी भी मिल गई थी। पर्यावरणीय और सामाजिक मंज़ूरी के लिए, भूमि अधिग्रहण पर रोक के साथ समीक्षा प्रक्रिया जारी है। आम तौर पर, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) प्रक्रिया आवश्यक होती है, और रुके हुए 6 महीने के धरातल सर्वे व सार्वजनिक सुनवाई इसी के तहत होगी।

निष्कर्ष: एक रणनीतिक कदम
रीवा-सीधी हाईवे का 2 से 4 लेन में अपग्रेडेशन एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, जो क्षेत्र के समग्र विकास में सहायक होगा। इसका मुख्य फोकस जमीन अधिग्रहण को सुचारु रखना, मुआवजे का पारदर्शी वितरण और परियोजना का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है। निर्माण शुरू होने के बाद यह परियोजना संभवतः 2-3 साल में पूरी हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या सरकार ने बायपास योजना छोड़ दी है?
A1: हाँ, सिलपरा बायपास प्रस्ताव को हटा दिया गया है और अब मौजूदा रोड का ही चौड़ीकरण सर्वोत्तम विकल्प माना गया है।

Q2: सरकारी जमीन कहां-कहां अधिग्रहित की जाएगी?
A2: कुल 21 गांवों के खेत, घर, बंटवारे पर रोक लगाने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रतिबंध गुढ़ और हुजूर तहसीलों में लागू है।

Q3: फोर-लेन कब तक बनकर तैयार होगा?
A3: डीपीआर तैयार है और NHAI ने मंज़ूरी दे दी है। भूमि अधिग्रहण और निर्माण शुरू होते ही यह संभवतः 2-3 साल में पूरा हो सकता है।

Q4: स्थानीय किसानों को मुआवजा कैसे मिलेगा?
A4: बंटवारे और जमींदारी पर रोक लगाने का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना है। मुआवजा दरें अधिग्रहण अधिनियम और संबंधित रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएंगी।

Q5: पर्यावरणीय प्रभाव की समीक्षा कब होगी? A5: पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) प्रक्रिया जारी है, जिसमें रुके हुए 6 महीने के धरातल सर्वे और सार्वजनिक सुनवाई शामिल होगी।

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